फैसला : नाबालिग लड़की को  ले जाने वाले को 3 वर्ष की सजा

आरोपी और पीड़िता ने खा लिया था जहर

पीड़ित बालिका की हो गई मौत

हरमुद्दा
रतलाम 5 दिसंबर। नाबालिग लड़की को विधि पूर्ण संरक्षण से ले जाने के मामले में तृतीया सत्र न्यायाधीश बरखा दिनकर ने 3 वर्ष की सजा एवं ₹1000 का जुर्माना लगाया। लड़की की मृत्यु हो जाने के कारण उसके कथन न्यायालय में नहीं हुए।

अपर लोक  अभियोजक एवं शासकीय अधिवक्ता सतीश त्रिपाठी ने बताया कि घटना 7 अक्टूबर 2020 की है। आरोपी उस्मान पिता मुन्ना  निवासी बजरंग नगर रतलाम अपने मोहल्ले में रहने वाली 15 वर्ष की नाबालिग पीड़िता को ले गया था। इसके संबंध में नाबालिक की माता ने पुलिस थाना स्टेशन रोड पर गुमशुदगी दर्ज करवाई थी। जिसमें उसने बताया था की घटना दिनांक को नाबालिक पीड़िता रात्रि 8:00 बजे खाना खाकर घर के बाहर घूम रही थी। आसपास के क्षेत्र में उसे ढूंढा तो नहीं मिली, तभी मोहल्ले में रहने वाले जावेद खान बताया कि उसे आरोपी अपने टेंपो में बिठाकर महू नीमच हाईवे की तरफ ले गया है।

खा लिया था जहर

गुमशुदगी की दर्ज होने के बाद पुलिस ने आसपास के क्षेत्र में तलाश किया तो आरोपी एवं पीड़िता खाचरोद रोड पर मिले थे। दोनों ने जहर खा लिया था। दोनों को पुलिस अस्पताल लेकर आई। जहां पीड़िता का इलाज करवा कर उसे माता के सुपुर्द किया था। इसके बाद पुलिस ने धारा 363 व 366 भादवि का अपराध पंजीबद किया जिसमें पीड़िता के माता-पिता सहित 8 गवाहों के कथन न्यायालय में हुए। विचारण के बाद न्यायालय ने आरोपी को धारा 363 भादवि के तहत 3 वर्ष के  कारावास एवं ₹1000 का जुर्माना किया। शासन की ओर से पैरवी  अपर लोक अभियोजक सतीश त्रिपाठी ने की।

निरंतर बढ़ रहे अपराध

तृतीय सत्र न्यायाधीश बरखा दिनकर ने अपने फैसले में लिखा कि वर्तमान परिवेश में बालकों के साथ इस प्रकार के अपराधों में निरंतर वृद्धि हो रही है। जिन पर नियंत्रण करना आवश्यक है। यदि आरोपी पक्ष को परिवीक्षा का लाभ दिया गया तो समाज में न्याय व्यवस्था के प्रति प्रतिकूल संदेश जाएगा, जिससे इस प्रकार के अपराधों में वृद्धि होगी।

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