प्रदेश के 313 आंगनवाड़ी बाल शिक्षा केन्द्र की शुरुआत 28 से, रतलाम जिले में 6 होंगे शुरू
हरमुदा
रतलाम/ भोपाल, 26 अगस्त। प्रदेश में प्रत्येक विकास खण्ड के एक आंगनवाड़ी केन्द्र को बाल शिक्षा केन्द्र के रूप में विकसित किया गया है। प्रथम चरण में प्रदेश के चयनित 313 आंगनवाड़ी केन्द्रों में 28 अगस्त से बाल शिक्षा केन्द्र शुरू होंगे। रतलाम जिले के 6 विकासखण्डों में भी बुधवार से बाल शिक्षा केंद्र शुरू किए जाएंगे। आयोजन में जिले के प्रभारी मंत्री सहित जनप्रतिनिधि शामिल होंगे।
ग्वालियर से बाल शिक्षा केन्द्र का करेगी शुभारंभ महिला-बाल विकास मंत्री
बुधवार को महिला-बाल विकास मंत्री इमरती देवी ग्वालियर के झलकारी बाई पार्क, रेशम मिल, आंगनवाड़ी केन्द्र से बाल शिक्षा केन्द्र का शुभारंभ करेंगी।
आलोट विकासखंड के मीनावदा में प्रभारी मंत्री करेंगे शुरुआत
रतलाम जिला कार्यक्रम अधिकारी सुनीता यादव ने “हरमुदा” को बताया जिले के आलोट विकासखण्ड के मीनावदा आंगनवाड़ी केंद्र पर बाल शिक्षा केंद्र का शुभारंभ प्रभारी मंत्री सचिन यादव एवं विधायक मनोज चावला की मौजूदगी होगा। इसके अलावा रतलाम विकासखंड के मांगरोल, पिपलौदा के बरगढ़, जावरा के भूतेड़ा, सैलाना के बावड़ी, बाजना के बाजना आंगनवाड़ी क्रमांक 1 पर बाल शिक्षा केंद्र की शुरुआत जनप्रतिनिधियों की मौजूदगी में होगी।
प्रदेश स्तर पर बनाए हैं दिशा-निर्देश
उल्लेखनीय है कि बाल शिक्षा केन्द्रों के माध्यम से प्रदेश में शासकीय एवं निजी क्षेत्रों में 6 वर्ष की उम्र तक के बच्चों के समुचित विकास के लिये प्री-प्रायमरी संस्थाओं का नियमन, निगरानी एवं मूल्यांकन संभव होगा। प्रदेश स्तर पर भी शाला पूर्व शिक्षा नीति तथा नियामक दिशा-निर्देश बनाए गए हैं।
बच्चों के लिए 19 विषय का माहवार पाठ्यक्रम
आंगनवाड़ी केन्द्रों में आने वाले 3 से 6 वर्ष तक के बच्चों के लिए 19 विषय का माहवार पाठ्यक्रम निर्धारित किया गया है। सत्र में स्वयं की पहचान, मेरा घर, व्यक्तिगत साफ-सफाई, रंगों और आकृति, तापमान एवं पर्यावरण, पशु-पक्षी, यातायात के साधन और सुरक्षा के नियम, हमारे मददगार मौसम और बच्चों का आत्म-विश्वास तथा हमारे त्यौहार शामिल हैं।
एक्टीविटी वर्क बुक तैयार
बाल शिक्षा केन्द्र में 3 से 6 वर्ष तक के बच्चों के आयु समूह के अनुसार 3 एक्टीविटी वर्क बुक तैयार की गई है। बच्चों के विकास की निगरानी के लिए शिशु विकास कार्ड बनाए गए हैं।
आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के लिए दिशा-निर्देश
बाल शिक्षा केन्द्र में आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के लिए बच्चों को वर्षभर में करवाई जाने वाली गतिविधियों का संकलन तथा मासिक तथा साप्ताहिक कैलेण्डर की जानकारी उपलब्ध कराई गई है। इसके तहत 3 से 6 वर्ष के बच्चों के विकास का अवलोकन करने के लिए आयु समूह के अनुसार शिशु विकास कार्ड बनाए गए हैं। आंगनवाड़ी छोड़ते समय बच्चों को दिए जाने वाले प्रमाण-पत्र और प्रतिवर्ष पी.एस.ई. किट उपलब्ध कराई जा रही है। निपसिड से प्रशिक्षित स्टेट रिसोर्स ग्रुप के द्वारा राज्य-स्तरीय मास्टर ट्रेनर प्रशिक्षित किए गए हैं। इन ट्रेनर द्वारा पर्यवेक्षकों को ‘हेण्डस-ऑन’ प्रशिक्षण दिया जा रहा है। आंगनवाड़ी कार्यकर्ता और सहायिका को इसका प्रशिक्षण, पर्यवेक्षकों द्वारा दिया जा रहा है।
खेल-खेल में शिक्षा
आंगनवाड़ी शिक्षा केन्द्रों में खेल-खेल में बच्चों के शारीरिक और मानसिक विकास के लिए दैनिक गतिविधियां होगी। इसमें क्रियात्मक खेल, रचनात्मक नाटक अथवा नकल करने वाले खेल, सामूहिक और नियमबद्ध खेल शामिल हैं। इन केन्द्रों पर खेलों के आधार पर बच्चों से अलग-अलग गतिविधियां करवाई जाएगी। केन्द्रों पर प्रतिदिन 3 से 4 घण्टे शाला पूर्व शिक्षा के लिए निर्धारित हैं। बच्चों को एक गतिविधि के लिए 15 से 20 मिनिट का समय निर्धारित किया गया है क्योंकि 3 से 6 तक की उम्र वर्ष के बच्चे एक गतिविधि पर इससे अधिक समय तक ध्यान नहीं दे पाते।
कक्ष की रंग-बिरंगी साज- सज्जा
बच्चों को आकर्षित करने के लिए आंगनवाड़ी बाल शिक्षा केन्द्र में रंग-बिरंगी साज- सज्जा की। कक्ष में दिवारों पर चार्ट, पोस्टर, कटआऊट आदि लगाए गए। बच्चों द्वारा बनाई गई सामग्री का भी प्रदर्शन होगा। बड़े समूह की गतिविधियों के लिए कक्ष के एक कोने में मंच की व्यवस्था रहेगी, जहाँ बच्चे विभिन्न तरह की गतिविधियां प्रस्तुत कर सकेंगे।
बाल शिक्षा केन्द्र के कक्ष के अन्दर का वातावरण छोटे बच्चों की रूचि एवं विकासात्मक आवश्यकताओं के अनुसार बनाया गया है। बच्चों के खेलने के लिए अलग-अलग कोने जैसे गुड़िया घर का कोना, संगीत का कोना, कहानियों का कोना, विज्ञान एवं पर्यावरण प्रयोग का कोना आदि बनाए गए हैं।