भ्रष्टाचार की पोल खुली रात में रेलवे प्लेटफार्म पर, पटरी हुई जलमग्न
हरमुद्दा
रतलाम, 27 अगस्त। सोमवार मंगलवार दरमियानी रात हुई जोरदार बारिश ने रतलाम के रेलवे प्लेटफार्म पर बने शेड की पोल खोल कर रख दी है। इससे ठेकेदार व अधिकारी द्वारा किए गए भ्रष्टाचार की बू आ रही है।प्लेटफॉर्म पर जोरदार बारिश हुई नतीजतन यात्री परेशान हुए।
“मुद्दे” की बात की है कि रेलवे प्लेटफार्म पर जो शेड पानी, धूप और ठंड से बचाने के लिए रेलवे द्वारा करोड़ों रुपए खर्च कर बनवाए जाते हैं, वे ही यात्रियों को सुरक्षा देने में नकारा साबित हो रहे हैं। सोमवार मंगलवार की दरमियानी रात हुई जोरदार बारिश से प्लेटफार्म नंबर दो पर शेड में से बहुत तेज पानी गिरने लगा। इसके कारण वहां पर गाड़ियों का इंतजार कर रहे यात्रियों को सिर छुपाने के लिए जगह नहीं मिली।
उनका नहीं हुआ तबादला
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार ठेकेदार द्वारा किए गए कार्यों का अवलोकन कर ओके रिपोर्ट देने की जिम्मेदारी जिस अधिकारी की है, उन्होंने अपना कार्य जिम्मेदारी के साथ नहीं किया है। इसमें अधिकारी और ठेकेदार की मिलीभगत साफ तौर पर नजर आ रही है। “मुद्दे” की बात तो यह है कि जिस अधिकारी को ओके रिपोर्ट देने की जिम्मेदारी है, वह सालों से यहीं बने हुए हैं, जबकि अन्य अधिकारियों के तबादले होते रहते हैं। इससे साफ जाहिर होता है कि अधिकारियों की मिलीभगत ऊपर लेवल तक बनी हुई है।
नहीं हुई बारिश पूर्व सफाई
सूत्रों के अनुसार हर साल बारिश पूर्व रेलवे द्वारा ड्रेनेज की सफाई की जाती है, लेकिन इस बार वह ढंग से नहीं हुई है। नतीजतन रेल की पटरिया जलमग्न हो गई है। इस कारण रेल का आवागमन प्रभावित हुआ और यात्रियों को दिक्कतों का सामना करना पड़ा।
भविष्य की व्यवस्थाओं को लेकर प्लानिंग नहीं
जल भराव की स्थिति भ्रष्टाचार नहीं वरन प्लानिंग की विसंगति है। देश में आए दिन अधिकारी बदलते हैं और शासन की योजनाएं भी ऐसे में स्थानीय स्तर पर नियोजन किस प्रकार किया जाए। यह गौण हो जाता है। सामाजिक एवं पर्यावरण क्षेत्र में पहचान रखने वाले राजेश घोटीकर ने “हरमुद्दा” से कहा स्थानीय निकायों में भी बगैर नियोजन आवंटित की गई राशि खपाने में दिलचस्पी ली जाती है। जनप्रतिनिधि हाशिए पर डाल दिए जाते हैं। शहरों की कोई भी प्लानिंग भविष्य की व्यवस्थाओं को लेकर नहीं हुई है। आए दिन बदलाव के बावजूद व्यवस्थाओं से असन्तोष की झलक इसी का परिणाम है।