डॉ. राधाकृष्णन ने शिक्षक की गरिमा को पहुंचाया शिखर पर : डॉ. चांदनीवाला

हरमुद्दा
रतलाम, 5 सितंंबर। वैसे तो शिक्षक प्राचीन काल से ही गुरु के रूप में पूजनीय और सम्मानित रहा है, लेकिन आधुनिक समाज में शिक्षक की गरिमा और आदर्शों को अगर किसी ने स्थापित कर उसे शिखर पर पहुंचाया है तो वह है भारत के पूर्व राष्ट्रपति सर्वपल्ली डॉक्टर राधाकृष्णन। उन्होंने अपने कृतित्व और अपने व्यक्तित्व से शिक्षक की पद की महत्ता को सिद्ध करते हुए पूरे विश्व में इसे स्थापित किया है।

यह विचार साहित्यकार शिक्षाविद डॉ. मुरलीधर चांदनीवाला ने व्यक्त किए। डॉ. चांदनीवाला शिक्षक दिवस के अवसर पर शिक्षक सांस्कृतिक संगठन द्वारा विकास खंड शिक्षा कार्यालय स्थित डॉ. राधाकृष्णन की मूर्ति पर माल्यार्पण के आयोजन में उपस्थित थें।

आदर्शों स्थापित करने का प्रयास सराहनीय: शर्मा

कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए डॉ. सुलोचना शर्मा ने कहा कि शिक्षक सांस्कृतिक संगठन डॉक्टर राधाकृष्णन के आदर्शों स्थापित करने का प्रयास कर रहा है जो अत्यंत सराहनीय है।

प्रेरणा लेकर करें कार्य: डामोर

विशेष अतिथि विकास खंड शिक्षा अधिकारी एमएल डामर ने कहा कि डॉ. राधाकृष्णन के आदर्शों की बहुत आवश्यकता है। समुचित शिक्षक समुदाय को उन्हें प्रेरणा लेकर कार्य करना चाहिए।

दिलाई शपथ

मंच अध्यक्ष दिनेश शर्मा ने शिक्षकों को डॉ. राधाकृष्णन के मार्ग पर चलने की शपथ भी दिलाई गई ।

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यह थे उपस्थित

इस अवसर पर सचिव दिलीप वर्मा, महिला सचिव रक्षा के. कुमार, कृष्णचंद्र ठाकुर, नरेंद्र सिंह राठौड़, राधेश्याम तोगड़े, विजय यादव, गोपाल जोशी, रमेश चंद्र उपाध्याय, श्याम सुंदर भाटी, मदनलाल मेहरा, भारती उपाध्याय, आरती त्रिवेदी, नूतन मजावदिया, मिथिलेश मिश्रा, राजेंद्र सिंह राठौड़, दशरथ जोशी, अनिल जोशी दयाशंकर, पालीवाल गिरीश सारस्वत, संजय पुरोहित, रमेश परमार आदि उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन दिलीप वर्मा ने किया। आभार रक्षा के कुमार ने माना।

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