राष्ट्र, धर्म, पर्यावरण की जन चेतना ला रहे हैं संत: शिवराज सिंह चौहान, 🔳 श्री नर्मदानंद बापजी की श्री राष्ट्र धर्म विजय द्वादश ज्योतिर्लिंग पदयात्रा का हुआ शुभारंभ

हरमुद्दा
रतलाम, 22 सितंबर। राष्ट्र, धर्म, पर्यावरण के प्रति चेतना का संचार करने में हमारे संत सक्रिय हैं। भारतीय सनातन परंपरा में संतों का स्थान महत्वपूर्ण है। संत ही समाज को राह दिखाते हैं। जीव, जंतु, पेड़, पौधे, पर्यावरण, मिट्टी, पर्वत, पृथ्वी सभी में परमात्मा का अंश है। इनकी रक्षा करना ही परमात्मा की पूजा करना है। इन सभी से जीवन है। इनसे संस्कृति है, संस्कार है और इन सभी से समाज है। समाज में रहने वाले सभी को इनके प्रति निस्वार्थ भाव रखने चाहिए। हमारे पूज्य श्री नर्मदानंद बापजी भी इस दिशा में अग्रसर हैं। पूज्य श्री बाप जी की राष्ट्रधर्म विजय द्वादश ज्योतिर्लिंग यात्रा सार्थक बने, यही मंगल कामना है।

यह विचार प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने रविवार को चंपा विहार में आयोजित कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में व्यक्त किए। पूर्व मुख्यमंत्री श्री चौहान की मौजूदगी में नित्यानंद आश्रम के संत श्री नर्मदानंद बाप जी राष्ट्र धर्म विजय द्वादश ज्योतिर्लिंग की पदयात्रा का रविवार को शुभारंभ हुआ। गरिमामय आयोजन में
पर्यावरण गतिविधि प्रमुख मालवा प्रांत गोपाल देराड़ी, मंदसौर सांसद सुधीर गुप्ता, रतलाम सांसद गुमान सिंह डामोर, देवास सांसद महेंद्र सिंह सोलंकी, रतलाम शहर विधायक चैतन्य काश्यप, खंभात विधायक महेश भाई रावल, रतलाम ग्रामीण विधायक दिलीप मकवाना, जिला पंचायत अध्यक्ष परमेश मइड़ा, नगर निगम अध्यक्ष अशोक पोरवाल, एनिमल बोर्ड चेयरमैन दिलीप शाह एवं जन अभियान परिषद के पूर्व उपाध्यक्ष व राष्ट्र धर्म विजय यात्रा प्रभारी प्रदीप पांडे साक्षी रहे। श्री देराड़ी, श्री शाह, सांसद श्री डामोर व विधायक श्री कश्यप ने भी विचार व्यक्त किए।

कन्याओं का किया पूजन

मुख्यमंत्री एवं संतों ने कन्याओं का पूजन कर आशीर्वाद लिया एवं पदयात्रा शुभारंभ का उद्घोष हुआ।
डॉ. अमृत पाटीदार, छोटी छोटी कन्या परिधि पाटीदार व अस्मिता पाटीदार ने मुख्यमंत्री श्री चौहान को आम, पीपल व कटहल के पौधे भेंट किए।

किया सम्मान लिया आशीष

राष्ट्रधर्म विजय यात्रा शुभारंभ समारोह के दौरान संयास आश्रम अहमदाबाद के निर्माण पीठाधीश्वर श्री श्री 1008 आचार्य महामंडलेश्वर राजगुरु बीकानेर स्वामी श्री विशोकानन्दजी भारतीय, कैलाश मठ वाराणसी के स्वामी श्री श्री 1008 महामंडलेश्वर अशुतोषानंद गिरि जी, स्वामी प्रज्ञानंद जी महाराज, कामाख्या के पंडित मधुसूदन जी शास्त्री का पावन सान्निध्य रहा। संतों एवं जनप्रतिनिधियों का शुभारंभ आयोजन समिति के पदाधिकारियों ने सम्मान कर आशीर्वाद लिया।

श्री नर्मदानंद बापजी का आह्वान

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श्री चौहान के उद्बोधन के तत्काल बाद पूज्य श्री नर्मदानंद बापजी ने कहा कि समाज कल्याण के लिए नाना प्रकार के जीवो की रचना प्रभु ने की है। हम भी परमात्मा के जीव हैं। हमें अपना कर्म जनकल्याण के लिए करते रहना चाहिए। यह पदयात्रा देश, धर्म, पर्यावरण व समाज के लिए है। आप सभी धर्मालुजनों आह्वान है कि जब जैसा मौका मिले, ज्योतिर्लिंग पर उपस्थित रहकर धर्म लाभ प्राप्त करें।

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धार वाली परंपरा है स्वामी जी की

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स्वामी जी की धारदार परंपरा है। चाकू, तलवार की धार होती है। उसी तरह श्रीनर्मदा नंद बापजी की भी धार वाली परंपरा है। उत्तर से लेकर दक्षिण तक के सभी तीर्थों व देवी देवताओं से मेरी प्रार्थना है कि स्वामी जी का संकल्प पूरा करने में आशीर्वाद दें और मेरा जो भी पुण्य है, वह आपको लगे और आपकी यात्रा मंगलमय हो। स्वामी श्री बापजी ने सन्यास की 4 कक्षाएं पास कर पांचवी “अवधुत” कक्षा को सुशोभित कर रहे हैं। स्वामीजी ने श्रीबाप को यात्रा की मंगलकामना के साथ रक्षा सूत्र बांधा।

🔳 स्वामी श्री विशोकानन्द जी भारतीय, आयोजन के अध्यक्ष

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पदयात्रा का लक्ष्य नहीं है आसान

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स्वामी श्री नर्मदानंद बापजी में वैराग्य भाव परिलक्षित होता है। त्यागी की प्रवृत्ति है। इनका विशाल संकल्प है, जो आसान नहीं है। लेकिन संत हर मुश्किल काम को आसान कर देता है। त्याग की भावना ही मनुष्य को प्रेरणास्रोत बना देती है। व्यक्ति जितना त्याग करता है, उसे उतना ही मिलता है।

🔳 स्वामी श्री आशुतोषानंद जी महाराज

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जरूर यात्रा होगी मेरी भी पूरी

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प्रयागराज कुंभ के दौरान स्वामी जी ने गुप्त संकेत देते हुए पदयात्रा के संबंध में बताया था लेकिन मैं ना समझ, कुछ समझ नहीं पाया। मैं तो निकल चुका था पदयात्रा पर। गुरु महाराज ने आदेश दिया और मैंने यात्रा बीच में समाप्त कर दी। अब मेरी यात्रा स्वामी जी के साथ पूरी होगी।

🔳 स्वामी श्री प्रज्ञानंद जी महाराज

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सांस्कृतिक समरसता की है पैदल यात्रा

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स्वामी जी की यात्रा सांस्कृतिक समरसता की यात्रा है। संस्कृति प्रकृति और धर्म की रक्षा के लिए यात्रा हो रही है हम भी “प्रकृति बचाओ संस्कृति बचाओ” अभियान चला रहे हैं। प्रदेश में एक करोड़ पौधे रोपण का लक्ष्य है। लाखों पौधे अब तक रोपित हो चुके हैं। स्वामीजी की यात्रा में भी पर्यावरण बचाने का अनुकरणीय कार्य होगा।

🔳 स्वामी मधुसूदन शास्त्री, कामाख्या

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मधुर भजनों की प्रस्तुति
आयोजन में मधुर भजनों की प्रस्तुति इंदौर के गुरमीतसिंह ने दी सतगुरु सतगुरु की प्रभावी प्रस्तुति ने मंत्र मुग्ध कर दिया। संगतकार तबले पर गौरव मौर्य, आक्टोपेड़ पर नरेंद्र व की बोर्ड पर मोहम्मद ने साज से उम्दा संगत दी।

कल्पवृक्ष के पौधे का किया रोपण

पदयात्रा शुभारंभ के अवसर पर स्वामी श्री नर्मदानन्द ने बापजी ने चंपा विहार स्थित शिव मंदिर में कल्पवृक्ष के पौधे का रोपण किया। इस दौरान संत समुदाय एवं जनप्रतिनिधि मौजूद थे। श्रीबाप ने शिवलिंग व त्रिशूल हाथ में लेकर पदयात्रा का कदम बढ़ाया।

मुख्यमंत्री व श्री नर्मदानंद बापजी का किया अभिनंदन

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पदयात्रा शुभारंभ समारोह के आयोजनकर्ता नवीन चौधरी, संजय चौधरी सहित अन्य ने मुख्यमंत्री श्री चौहान एवं पूज्य संत श्री बाप जी का अभिनंदन कर स्मृति चिह्न भेंट किए। श्री बापजी का सनातन सोशल ग्रुप द्वारा 51 किलो वजनी हार से, सकल सिखवाल समाज द्वारा 21 किलो वजनी हार से एवं जैन सितंबर सोशल ग्रुप द्वारा सम्मान किया गया।

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आयोजन में धर्मावलंबियों के साथ पूर्व कृषि राज्य मंत्री धूल जी चौधरी, पूर्व विधायक संगीता चारेल, मथुरालाल डामर सहित अन्य गणमान्य जन, विभिन्न समाज के पदाधिकारी, महिला पुरुष, युवा नर्मदानंद जी भक्त मंडल मौजूद था। संचालन ओम आचार्य ने किया। आभार राष्ट्र धर्म विजय यात्रा प्रभारी प्रदीप पांडे ने माना।

सिखवाल समाज द्वारा अभिनन्दन

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श्री सकल सिखवाल ब्राह्मण समाज रतलाम के तत्वावधान में श्री श्री 1008 श्री नर्मदा नंद जी महाराज का राष्ट्रधर्म विजय यात्रा के शुभारंभ अवसर पर 21 किलो के हार एवं शाल एवं श्रीफल भेंट कर अभिनंदन किया। इस अवसर पर कन्हैयालाल तिवारी, अनिल पांडेय, सतीश त्रिपाठी, धीरज व्यास, सत्यनारायण जोशी, शिव नंद नागला, अनिल पुरोहित, संजय पांडेय, गणपत तिवारी सहित अनेक समाज बंधु उपस्थित थे।

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