प्राकृतिक सौंदर्य की रमणीयता से लबरेज हनुवंतिया, जल महोत्सव की शुरुआत आज से
🔳 हनुवंतिया में आज मुख्यमंत्री करेंगे चतुर्थ जल महोत्सव का शुभारंभ
🔳 एक माह तक चलेगा जल महोत्सव
🔳 पर्यटन मंत्री भी रहेंगे आयोजन में मौजूद
🔳 पर्यटकों के लिए 104 लग्जरी टेंट सिटी का अस्थायी निर्माण
🔳 बच्चों के खेलने के लिए किड्स जोन की विशेष सुविधा
हरमुद्दा
खंडवा, 3 जनवरी। प्राकृतिक सौंदर्य की रमणीयता से लबरेज हनुमंतिया में चतुर्थ जल महोत्सव का शुभारंभ मुख्यमंत्री कमलनाथ 3 जनवरी को करेंगे। इंदिरा सागओर बांध के पास स्थित हनुवंतिया जिला खंडवा में जल महोत्सव के शुभारंभ अवसर पर पर्यटन मंत्री सुरेंद्र सिंह बघेल भी मौजूद रहेंगे। एक माह तक चलने वाले जल महोत्सव में रोमांचक साहसिक गतिविधियों के आयोजन होंगे। पर्यटकों के लिए हनुवंतिया में विशेष व्यवस्थाएं की गई है। जल महोत्सव के सफल आयोजन की सभी जरूरी तैयारियां पूरी की जा चुकी हैं।
पर्यटन सचिव फैज अहमद क़िदवई ने बताया कि एक माह तक चलने वाले इस आयोजन में पर्यटकों के लिए 104 लग्जरी टेंट सिटी का अस्थायी निर्माण किया गया है।
होगी रोमांचक साहसिक गतिविधियां
हनुवंतिया जल महोत्सव में वॉटर स्पोर्ट्स के साथ ही रोमांचक साहसिक खेल-गतिविधियां भी संचालित की जाएंगी। इनमें वॉटर स्पोर्ट्स के अंतर्गत जेट स्की, बोट राइड्स, वॉटर जॉर्गिंग, वॉटर पैरासेलिंग, वायु आधारित हॉट एयर बलून, पेरा मोटर्स, पेरासेलिंग, आर्चरी, आइलैण्ड ट्रेकिंग, ऑल टेरेंन व्हीकल, बर्ड वॅाचिंग, आर्ट एण्ड हैण्डी क्राफ्ट वर्कशॉप, स्पा योगा, मेडिटेशन, पेंट बॉल गेम्स सहित बच्चों के खेलने के लिए किड्स जोन की सुविधा उपलब्ध है।
जल महोत्सव के तहत होगी सांस्कृतिक प्रस्तुतियां
महोत्सव के दौरान प्रदेश की सांस्कृतिक विविधता को दर्शाने वाले अनेक सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति होगी। इससे जल महोत्सव का सामाजिक और सांस्कृतिक महत्व स्वत: ही रेखांकित होगा।
प्राकृतिक टापूओं की श्रृंखला
उल्लेखनीय है कि इंदिरा सागर बांध एशिया का दूसरा सबसे बड़ा मानव निर्मित जलाशय है। इस स्थल पर नर्मदा नदी पर बांध के बैकवॉटर से बड़ी संख्या में प्राकृतिक रूप से उभरकर टापू निर्मित हुए हैं। टापुओं की इस श्रृंखला की शुरुआत इनके प्रवेश द्वार मूंदी से कुछ किलोमीटर की दूरी पर स्थित हनुवंतिया से होती है। यह पूरा क्षेत्र नर्मदा नदी के बैक वॉटर से भरा हुआ है। आस-पास के वन क्षेत्र, वन्य-प्राणी और रंग-बिरंगे पक्षियों का विचरण और कोलाहल इस स्थल की रमणीयता को और अधिक बढ़ा देता है।