सीएए को लेकर कांग्रेस सहित अन्य विरोधी पार्टियां देश में बेवजह फैला रही भ्रम : काश्यप
🔳 जनजागरण अभियान के तहत् जनसंगोष्ठियां
🔳 8 जनवरी को निकालेंगे विशाल मार्च
हरमुद्दा
रतलाम, 3 जनवरी। नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) को लेकर कांग्रेस और अन्य विरोधी पार्टियां देश में बेवजह भ्रम फैला रही है। यह अधिनियम किसी भी दृष्टि से किसी समाज के खिलाफ नहीं है। इसका मूल उद्देश्य 31 दिसंबर 2014 तक भारत में प्रवेश कर चुके शरणार्थियों को नागरिकता देना है। विरोधी पार्टियां इसके बहाने अल्पसंख्यकों को भड़का रही है और 50 साल का रिकार्ड मांगने तथा अन्य कई प्रकार की बातें फैला रही है, जबकि ऐसा नहीं है।
यह बात विधायक चेतन्य काश्यप ने नागरिकता संशोधन अधिनियम के समर्थन में भाजपा द्वारा चलाए जा रहे जनजागरण अभियान के तहत् जन संगोष्ठी को संबोधित करते हुए कही। शुक्रवार को सिलावटों का वास स्थित कुमावत धर्मशाला में वार्ड क्रं. 21, 22, 44 एवं 45, तेजा नगर स्थित संस्कृति एकेडमी में वार्ड क्रं. 23, 24 एवं 43 तथा कोठारी वास स्थित अनंत नारायण मंदिर में वार्ड क्रं. 41,42 की जनसंगोष्ठी आयोजित हुई। इनमें श्री काश्यप ने सीएए की विशेषताओं पर विस्तार से प्रकाश डाला।
शरणार्थियों को नागरिकता देने के लिए बनाया गया है यह कानून : काश्यप
यह कानून पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आए शरणार्थियों को नागरिकता देने और उन्हें देश में सम्मानपूर्वक जीवन व्यतीत करने का अवसर प्रदान करने के उद्देश्य से बनाया गया है। इसके लिए जनमानस तैयार करना होगा ताकि देश में कोई शरणार्थी नागरिकता से अछूता न रहे। यह कानून राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि है। गांधीजी ने सन् 1947 में पाकिस्तान में रहने वाले हिन्दू एवं सिक्खों के भारत आने पर सरकार द्वारा उन्हें नोकरी देना और जीवन को सामान्य बनाना एक कर्त्तव्य बताया था।
यह हुआ असर वहां
पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश में धार्मिक कारणों से कई लोगों ने अमानवीय यातनाएं झेली है। पाकिस्तान जब आजाद हुआ, तब वहां हिन्दू आबादी 22 प्रतिशत थी जो आज घटकर मात्र 3 प्रतिशत रह गई है। बांग्लादेश में यह आबादी 32 से 12 प्रतिशत रह गई है तथा अफगानिस्तान में 50 हजार सिक्ख थे जो 2000 ही रह गए हैं। यह असर हुआ है।
कांग्रेस हमेशा करती रही तुष्टीकरण की राजनीति : काश्यप
श्री काश्यप ने कहा कि देश का धार्मिक आधार पर बटवारा नहीं होता तो सीएए की जरूरत ही नहीं पड़ती। कांग्रेस हमेशा तुष्टीकरण की राजनीति करती रही जबकि अटलजी और मोदीजी के नेतृत्व में बनी सरकार ने कभी कोई पक्षपात पूर्ण नीति नहीं बनाई। पूर्व में नागरिकता का कानून जटिल था, जिसे वर्तमान सरकार ने शरर्णार्थियों के अनुकूल बनाया है।
विशाल महा मौन मार्च 8 जनवरी को
नागरिकता संशोधन कानून को लेकर पूरे प्रदेश में जनजागरण अभियान चलाकर आम जन मानस को इसके प्रति जागृत करने का प्रयास किया जा रहा है। रतलाम में इसके तहत् आमजन द्वारा 8 जनवरी को दोपहर 1 बजे कालेज रोड से विशाल महा मौन मार्च निकाला जाएगा। इसमें शहरवासी तिरंगा लेकर शामिल होंगे। उन्होंने जनसंगोष्ठियों में उपस्थित लोगों से नागरिकता संशोधन कानून के समर्थन में अधिक से अधिक सहभागिता करने का आह्वान किया। आरंभ में जयवंत कोठारी व निलेश गांधी, राजेश रांका ने स्वागत भाषण दिया।
यह थे मौजूद
इस दौरान कन्हैयालाल मौर्य, अशोक जैन लाला, कनकमल सोनी, गोवर्धन लोहिया, राकेश मीणा, गुमान लोढ़ा, सुरेश धम्माणिया, मोहन वर्मा, धर्मेन्द्र रांका, आशीष पंडित, नन्दकिशोर पंवार, हेमन्त राहोरी, करण वशिष्ट, कनिष्क कुमावत, धर्मेन्द्र अग्रवाल, माला देवड़ा, तारा सोनी, सोमेश पालीवाल सहित गणमान्यजन उपस्थित थे।