वेब पोर्टल हरमुद्दा डॉट कॉम में समाचार भेजने के लिए हमें harmudda@gmail.com पर ईमेल करे उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन में भेजे एडहॉक शिक्षकों के नाम तो लगेगा 5 लाख का जुर्माना -

🔳 स्कूल की जा सकती है मान्यता

🔳 एफिलिएशन बायलॉज लागू

🔳 केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा मंडल के निर्देश

हरमुद्दा
नई दिल्ली, 22 जनवरी। केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा मंडल की उत्तर पुस्तिका मूल्यांकन में एडहॉक शिक्षक को नहीं लगाया जाएगा। अगर कोई स्कूल 10वीं और 12वीं की उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन में एडहॉक शिक्षकों के नाम बोर्ड को भेजे होगा तो उन्हें पांच लाख रुपए तक का जुर्माना देना पड़ेगा, वहीं स्कूल की मान्यता भी रद्द हो जाएगी। इसके लिए केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा मंडल ने सभी स्कूलों को जानकारी दे दी है।

उल्लेखनीय है कि केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा मंडल की 10वीं एवं 12वीं की परीक्षा 15 फरवरी से प्रारंभ होगी और 30 मार्च तक चलेगी। केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा मंडल द्वारा 25 फरवरी से कॉपी मूल्यांकन शुरू किया जाएगा। मूल्यांकन के लिए केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा मंडल ने निर्देश दे दिए हैं। मंडल ने कहा है कि इस बार 10वीं और 12वीं बोर्ड की कॉपी जांचने में केवल नियमित शिक्षक ही शामिल हो सकते हैं। मंडल ने स्कूलों को नियमित शिक्षकों की सूची भेजने के निर्देश दिए हैं।

इसलिए लागू किया एफिलिएशन बायलॉज : डॉ. भारद्वाज

केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा मंडल के परीक्षा नियंत्रक डॉ. संयम भारद्वाज ने कहा कि उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन सही से नहीं होने पर मंडल की बदनामी होती है। स्क्रूटिनी में मूल्यांकन पर प्रश्नचिह्न लगते हैं। इसलिए एफिलिएशन बायलॉज लागू किया गया है।

जुर्माने के साथ जा सकती है स्कूल की मान्यता

केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा मंडल ने साफ तौर पर कहा है कि अगर स्कूलों ने एडहॉक शिक्षक का नाम भेजा तो पांच लाख जुर्माने के साथ स्कूल की मान्यता भी जा सकती है। मंडल की इस नियमावली को सभी स्कूलों को मानना होगा। मंडल की मानें तो एफिलिएशन बायलॉज के नियम संख्या 14.4 के तहत सख्त प्रावधान है कि उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन नियमित शिक्षक ही करेंगे। यह नियम इस बार सख्ती से लागू हो रहा है।

मूल्यांकन की पूरी जिम्मेदारी स्कूलों की

बोर्ड की मानें तो ज्यादातर स्कूल 10 वीं और 12 वीं उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन को बहुत ही हल्के में लेते हैं। स्कूल तदर्थ शिक्षकों से उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन करवाते हैं। इसका असर छात्रों पर सीधा पड़ता है। अंक में उलटफेर हो जाता है। इस कारण इस बार कॉपी मूल्यांकन की पूरी जिम्मेदारी स्कूलों पर होगी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *