नमस्ते ओरछा महोत्सव : नए स्वरूप में नजर आएंगे प्राचीन स्मारक-मंदिर
1 min readहरमुद्दा
भोपाल, 20 फरवरी। पुरातत्व धरोहर को समेटे ओरछा नगर करीब 50 प्राचीन स्मारकों और मंदिरों के कारण जाना जाता है। राज्य सरकार ने जब ओरछा में महोत्सव की योजना तैयार की, तो सबसे पहले यहाँ स्थित प्राचीन स्मारकों को सुंदर बनाने के कार्य पर भी विचार कर निर्णय लिया गया।
ओरछा के प्राचीन स्मारक फिर से सज्जित और अलंकृत होकर नए स्वरूप में पर्यटकों के सामने आएंगे। महोत्सव के दौरान ओरछा की ऐतिहासिक गाथा थ्री-डी मेपिंग से जहाँगीर महल की दीवारों पर देखी जा सकेगी।
सुंदरता और भव्यता पर आंच
आम तौर पर स्मारकों पर घास, काई आदि जम जाने के कारण उनकी सुंदरता और भव्यता पर आंच आती है। इसके साथ ही मूल निर्माण के समय दीवारों पर किए गए रंग के अनुकूल उन्हें सज्जित करने की चुनौती भी सामने आती है। प्रशासन ने पुरातत्व विशेषज्ञों के परामर्श के पश्चात स्मारकों के सुधार कार्य के लिये डेढ़ करोड़ रुपए की राशि स्वीकृत करवाई। इससे 15 प्रमुख पुरातात्विक महत्व के स्मारकों को वास्तविक स्वरूप के अनुसार स्वच्छ और सुदंर बनाने का कार्य शुरू हुआ।
पुताई और सफाई वैज्ञानिक पद्धति से
ओरछा के ऐतिहासिक स्मारक राम राजा मंदिर, राजा महल, जहाँगीर महल, लक्ष्मी मंदिर, राय प्रवीण महल और बुंदेली शासकों की छतरियों की साफ-सफाई का कार्य भी हाथ में लिया गया। यह कार्य लगभग पूर्ण होने की स्थिति में है। चतुर्भुज मंदिर की रंगाई-पुताई और सफाई वैज्ञानिक पद्धति से करने का कार्य अंतिम चरण में है।
की गई पहल आएगी नजर
ओरछा में पुरा-स्मारकों को दृष्टव्य बनाने और पर्यटकों की सुविधा की दृष्टि से निखारने के लिए निर्धारित मानकों के अनुसार कार्य किया जा रहा है। ओरछा नगर की पहचान बन चुके ये प्राचीन स्मारक पर्यटन की असीम संभावनाओं को साकार करेंगे। मार्च महीने में होने वाले 3 दिन के महोत्सव में इस दिशा में की गई पहल दिखाई देगी।