…और काफी मशक्कत के बाद अंततोगत्वा निर्भया के दोषियों हो गई फांसी

🔲 हर हर संभव प्रयास किए बचने के

🔲 देर रात 2.30 बजे सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई

शुक्रवार, 20 मार्च। काफी जद्दोजहद और मशक्कत के बाद अंततोगत्वा निर्भया के दोषियों को मौत की सजा मिल गई। उन्हें शुक्रवार सुबह फांसी पर लटका दिया गया। निर्भया को आखिर न्‍याय मिल ही गया। सामूहिक दुष्कर्म और हत्या के दोषियों विनय कुमार शर्मा, पवन कुमार गुप्ता, मुकेश सिंह और अक्षय कुमार सिंह को शुक्रवार सुबह तय समय 5:30 बजे फांसी पर लटका दिया गया। जेल अधिकारियों ने इसकी पुष्टि कर दी है।

सात साल के लंबे इंतजार के बाद निर्भया को इंसाफ मिल गया है। मामले के चारों दोषियों को फांसी दे दी गई है। इन्हें दिल्ली के तिहांड जेल में फांसी दी गई।

कानूनी हर दांव पेज को अपनाया

निर्भया के दोषियों ने फांसी से बचने के लिए हर कानूनी दांव पेंच अपनाया, लेकिन उन्हें शुक्रवार यानी आज सुबह 5.30 बजे फांसी पर लटका दिया गया। मेरठ के पवन जल्लाद ने निर्भया के गुनहगारों को फांसी पर झुलाया। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने दोषियों की फांसी टालने की याचिका शुक्रवार तड़के 3.40 बजे खारिज कर दी। यानी फांसी के दो घंटे पहले तक निर्भया के दोषी अपनी सजा रोकने को हर कानूनी दांव पेंच का सहारा लेते रहे। दोषियों की याचिका पर देर रात 2.30 बजे सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई शुरू हुई। कोर्ट ने तड़के 3.40 बजे याचिका खारिज कर दी। सुप्रीम कोर्ट ने दोषियों की याचिका पर कहा कि आप बार-बार वही दलील दे रहे हैं जो हर स्टेज पर, हर कोर्ट में खारिज हो चुकी हैं और राष्ट्रपति के पास दया याचिका भी खारिज हो चुकी हैं। दोषियों के वकील ने पवन की उम्र का सवाल भी उठाया। यह भी कहा कि उनकी एक दया याचिका एलजी के पास भी लंबित है। इससे पहले निर्भया के दोषियों के लिए जारी हुए चौथे डेथ वारंट पर रोक लगाने से दिल्ली की पटियाला हाउस अदालत ने गुरुवार को इन्कार कर दिया।

हर जगह खारिज हुई दया याचिका

इसके साथ-साथ दोषियों के वकील ने तमाम कानूनी दांव पेंच आजमाते हुए सुप्रीम कोर्ट में तीन याचिकाएं दायर कीं। लेकिन हर जगह याचिका खारिज हो गई। इसके बाद चार में से तीन दोषियों ने रात 8.30 बजे दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका दायर कर दी। वहां कोर्ट ने बेवजह की बहस के लिए वकील को लताड़ लगाई। कहा कि तथ्यों पर बहस की बजाय बेवजह की दलीलें देकर समय खराब न करें। इसके बाद हाई कोर्ट ने भी याचिका खारिज कर दी। इस वारदात में छह लोग शामिल थे।

अंतिम पल तक किए प्रयास

राम सिंह ने 2013 में जेल में ही फांसी लगा ली थी, जबकि एक नाबालिग था जो सुधार गृह में रहने के बाद तीन साल पहले बाहर आ चुका है। चारों दोषियों अक्षय सिंह, मुकेश सिंह , पवन गुप्ता और विनय शर्मा ने अंतिम पलों तक फांसी टलवाने के लिए तमाम प्रयास किए।

अब मिलेगी शांति

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दोषियों को यहां तक पहुंचाने के लिए पीड़िता के परिवार को सात साल इंतजार करना पड़ा। निर्भया की मां ने कहा, मेरी बेटी की आत्मा को अब शांति मिलेगी। सात साल की कानूनी लड़ाई के बाद उसे न्याय दिला पाई हूं।

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