समूचे हिंदी साहित्य का स्वाभिमान है महाकवि निराला

वसंत उत्सव कार्यक्रम में डॉ. चांदनीवाला ने कहा

हरमुद्दा डॉट कॉम  
रतलाम। डॉ. शिवमंगलसिंह सुमन शोध संस्थान में वसंत उत्सव मनाया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता डॉ. मुरलीधर चांदनीवाला ने की। उन्होंने कहा समूचे हिंदी साहित्य का स्वाभिमान है महाकवि निराला। उन्होंने संस्कृत में काव्यपाठ कर वसंत में राधा माधव वसंत गीत सुनाया। मुख्य अतिथि शायर अब्दूल सलाम खोखर ने उत्सव धर्मिता और साहित्यकार का दायित्व विषय पर वसंत एक उत्सव है इस उत्सव का अव्हान कवि ही करता है। खोखर ने प्रीतम मुस्कुराए तो पल में सुलझ सके, ऐसी हमारी प्रेम की गुत्थी बने कभी गीत सुनाया।
शांतिलाल जैन ने अच्छा किया जो छत पर बगीचा लगा लिया मैने। लक्ष्मण पाठक ने कहा कि यह काव्य संध्या प्रयागराज में काव्य सलिला में स्नान करने जैसी है। कहते हुए  मां सरस्वती के वंदना के साथ नींद निकट नहीं आए। रश्मि उपाध्याय ने जय जय हे भगवती सुर भारती।  मुकेश सोनी ने रोज बिछुड जाता है, ख्वाब की तरह। आजाद भारती ने देख रहा प्रकति के गोद में पीले हरे फूल। पदमाकर पागे ने वसंत तुम्हारे आने की आहट। मोहन स्नेही ने बेटियों पर एक कविता में साथ एक कोशिश ओर कर गीत पढ़ा। केके राजावत ने कौन श्रृंगार यहां पुरा कर सका। अखिल स्नेही ने इस काव्य संध्या को बसंती परिवेश कहते हुए निराला एवं पंत तथा नटवरलाल स्नेही के गीतों का सस्वर पाठ किया। डॉ. शोभना तिवारी ने स्वागत हे ऋतुराज, मलय  मरुत मतवारो यो वसंत है गीत पढ़ा। इस अवसर पर शहर के रचनाकारों के साथ रश्मि करडे, स्नेहलता निगम, कीर्ति पंचौली, राजेश कोठारी, डॉ. दिनेशचंद्र तिवारी, सीमा राठौर मौजूद थे। आभार लक्ष्मण पाठक ने माना।

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