अदाकार ऋषि कपूर का यूं चले जाना गहरे तक कर गया व्यथित
फिर एक नक्षत्र टूटा
फिर गगन विषाद में तमतमाया
फिर शब्द बर्फ से जमे
फिर एक खबर ने सबको रुलाया
हम जिन कलाकारों को करोड़ों लोग अपनी ज़िंदगी का अनुभाग मानते रहें। उनकी अदाकारी से अपनी जिंदगी में खुशियों के पल बटोरकर जिंदगी को मायूसियों से अलग करते रहे। उनमें से एक हैं ऋषिकपूर। जिनकी पर्दें पर अदा की गई भूमिकाएं मन मस्तिष्क में बैठ सी जाती थी। आज भी जिनकी जिंदादिली हमारी शिराओं के शोणित को जीवन ऊष्मा देती रही है। उनमें से एक का आज फिर नश्वर देह को त्यागकर अनन्त में खो जाना मन को गहरे तक व्यथित कर गया।
करिश्माई अभिनय
फिल्मी जगत में ऋषिकपूर एक ऐसा कलाकार थे जो अपने करिश्माई अभिनय से दुनिया के करोड़ों लोगों का मनोरंजन करते रहे। कपूर खानदान के राजकपूर और शशिकपूर की तरह एक बेहद आकर्षक सदा युवा व्यक्तित्व के स्वामी ऋषिकपूर की पार्थिव अनुपस्थिति मन स्वीकार करने को तैयार नहीं, किंतु नियति के आगे किस की चली है। मन स्वीकार करे या न करें। ये शाश्वत सत्य है कि अब ऋषि कपूर साहब हमारे बीच मौजूद नहीं है।
उनका अंदाज ही था निराला
कल इरफान और इरफान के साथ ही जॉइंट सीट का रिजर्वेशन ऋषि कपूर साहब का भी था। ये सबको अधीर कर गया। उनका अंदाज़ ही निराला था। प्रेम में एक विशेष गर्मजोशी थी। संवाद अदायगी में एक गहरा प्रभाव था जो पर्दे से विदा होते भी दर्शक का साथ नहीं छोड़ता था।
अदाकारी करती है दुखों को दूर
आम आदमी के जीवन में चित्रपट की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। एक आम आदमी के लिए उनकी जीवंत अदाकारी जिंदगी को दुःखों से दूर करती थी। उनका अवसान अंतर्मन को गहरे तक आहत कर गया। हम तुम्हें यूँ भुला न पाएंगे।
मन से विनयांजलि
स्मृति अंजलि