वेब पोर्टल हरमुद्दा डॉट कॉम में समाचार भेजने के लिए हमें harmudda@gmail.com पर ईमेल करे बुद्ध पूर्णिमा के अवसर पर आकाश में नजर आया सुपर फ्लावर मून, आदिवासियों ने उतारी मीठी मन्नत -

बुद्ध पूर्णिमा के अवसर पर आकाश में नजर आया सुपर फ्लावर मून, आदिवासियों ने उतारी मीठी मन्नत

1 min read

🔲 साल का आखिरी था यह सुपरमून

🔲 अमेरिका की आदिवासी भी मानते इसे

🔲 आदिवासी क्षेत्रों में होते हैं उत्सव, उतारी मन्नत

🔲 सुपर फ्लावर मून के साथ अपने चांद को देख बनाया यादगार दिन

हरमुद्दा
गुरुवार, 7 मई। गुरुवार बुद्ध पूर्णिमा के अवसर पर आसमान में शाम को सुपर फ्लावर मून को देख सभी प्रकृति प्रेमी भाव विभोर हो गए। इस साल का आखिरी सुपरमून था। इस सुपर फ्लॉवर मून को अमेरिका के आदिवासी भी मानते हैं। रतलाम के भी आदिवासी क्षेत्रों में इसे देखकर लोगों ने हर्ष व्यक्त किया। आदिवासी वर्ग बुद्ध पूर्णिमा पर मन्नत उतारते हैं। सुपर फ्लॉवर मून के साथ अपने-अपने चांद को देखकर लॉक डाउन के दिन को यादगार बनाया।

उल्लेखनीय है कि इसके पहले 7 अप्रैल को दिखाई देने वाले सुपरमून की नाम पिंक सुपरमून था। पिंक सुपरमून नाम के पीछे अमेरिका में बसंत के मौसम में खिलने वाले एक फूल के नाम पर रखा गया।

बड़ी संख्या में फूल खिलते हैं वहां पर, आदिवासी उतारते हैं मीठी मन्नत

IMG_20200507_212331

आदिवासियों में प्रतिष्ठित डॉ. अभय ओहरी का कहना है कि मई के महीने में आने वाले सुपरमून को फ्लॉवर मून कहते हैं। दरअसल इस नाम के पीछे अमेरिका के आदिवासियों द्वारा मई के महीने की पूर्णिमा के दिन उनके इलाके में बड़ी संख्या में फूल खिलने की वजह से रखा गया। फ्लावर मून के अलावा इसे मिल्क मून भी कहते हैं। भारत के मध्य प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में आदिवासी वर्ग बुद्ध पूर्णिमा को भेरु पूनम के नाम से भी मनाते हैं।

IMG_20200507_213947

वैसे तो उत्सव आयोजित किए जाते हैं लेकिन लव डॉन के चलते सभी कार्यक्रम संक्षिप्त हो रहे हैं। बुद्ध पूर्णिमा के दिन विशेषकर मन्नत उतारी जाती है, जिसे मीठी मन्नत कहते हैं। भोजन शुद्ध शाकाहारी और मीठा बनता है। मांसाहार बिल्कुल वर्जित रहता है।

चौदहवीं के चांद को देख अपने चांद को भी निहारा

IMG_20200507_213907

7 मई को आकाश में सूपरमून का शाम के बाद नजारा अद्भुत था। चांद बहुत ही खूबसूरत, चमकीली और बड़ा दिखाई दिया। आसमान सुपरमून का नजारा देख लोगों ने खुशी व्यक्त की।

IMG_20200507_214740

भोपाल में श्रम वीर पुरस्कार प्राप्त सुनील कुमार सोनी ने चौदहवी के चांद को देखा। अन्य ने अपने अपने चांद भी लॉक डाउन के इस खास दिन को यादगार बनाया।

और चंद्रमा का बढ़ जाता है आकार व आब

IMG_20200407_230914

भौतिक शास्त्र के व्याख्याता गजेंद्र सिंह राठौड़ ने हरमुद्दा को बताया कि सुपरमून उसे कहते हैं जब चंद्रमा अपनी कक्षा में चक्कर काटते हुए पृथ्वी के सबसे करीब आ जाता है। चांद के पृथ्वी के नजदीक आने पर चंद्रमा का आकार और चमक काफी बढ़ जाती है। सुपरमून पर चांद और पृथ्वी की के बीच की दूरी 3,61,184 किलोमीटर की होती है जबकि आम दिनों में यह औसत दूरी 3,84,400 किलोमीटर की होती है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *