🔲 ऐसी घटना में काटना पड़ता है अंग

🔲 12 दिन के बाद हिलने लगी हाथों की उंगलियां

हरमुद्दा
रतलाम, 12 मई। कोरोना महामारी के दौर में कोरोना के रोगियों के अलावा अन्य मरीजो को डॉक्टर द्वारा नहीं देखा जा रहा है, ऐसी आमजन की सोच बन गई है। लेकिन इसके विपरीत रतलाम जिला चिकित्सालय के डॉक्टरों ने इस महामारी के दौर में दुर्घटना के कारण 15 वर्षीय बालिका के क्षतिग्रस्त हाथ की जटिल सर्जरी कर उसके अंग को भंग होने से बचा लिया है।

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कोरोना महामारी के दौर में जावरा तहसील के ग्राम अरनियापीठा निवासी 15 वर्षीय आरती पिता सुरेश 1 मई की शाम को खेत से अपने परिजनों के साथ ट्रेक्टर ट्राली में बैठकर घर आ रही थी। इस दौरान दुर्घटना में ट्राली पलटी खा गई और उसे में सवार आरती का सीधा हाथ दबकर बुरी तरह क्षतिग्रस्त होकर लटक गया था। घायल आरती को पहले जावरा अस्पताल ले जाया गया। जहां डॉक्टर ने हाथ की गंभीर स्थिति को देखते हुए उसे रतलाम रैफर कर दिया।

2 घंटे तक चली सर्जरी, 12 दिन बाद उंगलियों में हलचल शुरू

रतलाम जिला चिकित्सालय के हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ. कृपाल सिंह राठौर एवं डॉ. दिनेश भूरिया ने आरती का परीक्षण कर उसे तुरंत ऑपरेशन थियेटर में लिया और हाथ की सर्जरी कर हाथ को कटने से बचा लिया। यह जटिल सर्जरी करीब दो घण्टे तक चली। बालिका को बेहोश निश्चेतना विशेषज्ञ डॉ. महेश मौर्य ने किया। आरती को 12 दिन बाद अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है और उसके हाथ की उंगलियों में हलचल शुरू हो गई है।

आरती के राइट हेंड की ब्रेकल आर्टरी कट : डॉ. भूरिया

सर्जरी करने वाले डॉ. दिनेश भूरिया ने बताया कि, एक्सीडेंट में आरती के राइट हेंड की ब्रेकल आर्टरी कट गई थी, वही हाथ की हड्डियां भी दो जगह से टूट थी। सर्जरी कर आर्टरी और टूटी हुई हड्डियों को जोड़ा। सर्जरी के 10-12 दिन बाद मरीज के हाथ की उंगलियों ने काम करना प्रारंभ कर दिया है।

ऐसी चोट में काटना पड़ता है अंग

प्रायः इस तरह की चोट में उस अंग को काटना पड़ता है, लेकिन हमारी टीम ने इस जटिल सर्जरी को सफलता पूर्वक कर बालिका के हाथ को कटने से बचा लिया।

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