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विद्युत मंडल की अवैध वसूली ! आमजन परेशान, जिला प्रशासन और विधायक मौन

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🔲 गत वर्ष के बिल के मान से रुपए वसूल कर रहा विद्युत मंडल

🔲 पूरा प्रशासन कार्य कर रहा है लेकिन विद्युत मंडल वाले नहीं ले पा रहे रीडिंग

🔲 कमाई नहीं और खर्चे पिछले साल के

🔲 इस मुद्दे पर हस्तक्षेप करना चाहिए विधायक और जिला प्रशासन मौन

विमर्श भट्ट
रतलाम, 15 मई। लॉक डाउन के चलते व्यापार-व्यवसाय सब कुछ बंद है। लोगों की आय प्रभावित हो गई है। सब घर में बैठे हुए हैं। आर्थिक मंदी होने के बावजूद इसके विद्युत मंडल ने गत वर्ष के बिल को आधार मानकर राशि वसूलने का फरमान आम जनता पर थोप दिया है। गत माह से 10 गुना राशि के बिल देखकर आम उपभोक्ताओं को झटका लग रहा है। उपभोक्ताओं का कहना है कि 2 गुना बिल होता तो और भी भरने की कोशिश करते। हैरत की बात है कि इस गम्भीर मुद्दे पर जिला प्रशासन और विधायक भी मौन है। संशोधित बिल विद्युत मंडल को भेजना चाहिए।

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कोरोना वायरस संक्रमण काल में 22 मार्च से लॉक डाउन चल रहा है। निम्न वर्ग, मध्यमवर्ग ही नहीं उच्च वर्ग भी लॉक डाउन के चलते हाथ पर हाथ धरे बैठे हैं। राहत के भोजन पैकेट पर जिंदगी गुजर बसर हो रही है। एक रुपए की कमाई नहीं हो रही है। ऐसे में विद्युत मंडल ने फरमान जारी कर दिया है कि गत वर्ष जो बिल आया था, उसी के मान से विद्युत उपभोक्ताओं से राशि वसूल की जाएगी।

गत माह आए थे 300 रुपए के बिल अब आ रहे हैं 3000 रुपए के

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मुद्दे की बात यह है कि लोगों की बिजली के बिल मई में जो वितरित किए गए हैं, वह भी तीन चार हजार रुपए के मिले हैं, जबकि गत माह के बिल 200 से 300 रुपए के उपभोक्ताओं को मिले थे। 10 गुना राशि के बिल आम उपभोक्ताओं को मोबाइल पर भेज दिए हैं, जिसमें केवल राशि दी गई है। इसमें खपत की जानकारी नहीं दी जा रही है। इतनी मोटी राशि के बिल देखकर आम उपभोक्ताओं की हालत खस्ता हो गई है।

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खास दिक्कत यह भी

पिछले साल दुकानों पर लोगों की ग्राहकी थी। बाजार गुलजार थे। कमाई के पूरे साधन थे। लेकिन इस बार ऐसा कुछ नहीं है। दुकानें बंद पड़ी है। तो भी उपभोक्ताओं को पिछले साल के मान से ही बिल भरना होगा। यह तो कतई तर्कसंगत नहीं है। हालांकि विद्युत मंडल का कहना है कि समायोजन कर लिया जाएगा लेकिन जब वर्तमान में रुपयों का संकट चल रहा है तो उपभोक्ता इतनी राशि कहां से लाएं और कैसे जमा कराएं? यह चिंतनीय विषय है।

किराएदारों की ज्यादा दिक्कत

ऐसे में सबसे ज्यादा दिक्कत किराएदारों की हो रही है। जो हर साल मकान बदलते रहते हैं। मान लिया जाए पिछले किराएदार एसी का उपयोग करते हो, लेकिन इस बार किराएदार कूलर का उपयोग भी नहीं कर रहे हैं तो उनके भी बिल भी पिछले साल के मान से आएंगे और वे इसका भुगतान करने में कैसे सक्षम होंगे?

आखिर मीटर रीडर क्यों नहीं ले रहे हैं रीडिंग

विद्युत उपभोक्ता मनोज शर्मा का कहना है कि पूरा प्रशासन, स्वास्थ्य विभाग, नगर निगम प्रशासन, शिक्षक शिक्षिकाएं, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता पूरे अमले मैदानी कार्य कर रहे हैं लेकिन विद्युत मंडल के मीटर रीडर ही रीडिंग करने नहीं जा पा रहे हैं जबकि आर्थिक मंदी के दौर में विद्युत मंडल को रीडिंग के हिसाब से ही उपभोक्ताओं से राशि ली जाना चाहिए, या फिर पिछले माह जिस राशि का बिल था। उससे दोगुना राशि का बिल ले सकते हैं। जो व्यवहारिक भी हो सकता है, लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है आर्थिक संकट के दौर में विद्युत उपभोक्ताओं पर 10 गुना रुपयों का बोझ लाद रहा है। यह कतई उचित नहीं है। इस मामले में विधायक और जिला प्रशासन को हस्तक्षेप करना चाहिए। विद्युत उपभोक्ताओं को संशोधित बिल भेजने चाहिए।

बिजली उपभोक्ता करें विधायक और कलेक्टर को शिकायत

समाजसेवी शांतु गवली व राजेश प्रजापति का कहना है कि विद्युत उपभोक्ताओं को चाहिए कि इस मामले में विधायक एवं कलेक्टर को शिकायत करें और विद्युत मंडल की गैर जिम्मेदाराना हरकत की जानकारी दें ताकि आम उपभोक्ताओं को संशोधित बिल मिल सके। यदि ऐसा नहीं हुआ तो उपभोक्ताओं को आंदोलन भी करना होगा।