नौकरशाही को राजनीतिकरण से बचाने की बचाए, यूपीएससी को जरूरत एक समिति बनाने की
हरमुद्दा डॉट कॉम
दिल्ली। नौकरशाही को राजनीतिकरण से बचाने के लिए केंद्रीय लोकसेवा आयोग को एक समिति बनानी चाहिए, जो हर अहम पोस्टिंग के लिए एक पैनल बनाकर सरकार को दे।
पूर्व शिक्षा और कोयला सचिव अनिल स्वरूप में यह सुझाव अपनी किताब के विमोचन के अवसर पर दिया। उनका कहना था कि न तो सभी नौकरशाह खराब है और न ही सभी राजनीतिज्ञ भ्रष्ट। इसलिए देश में हर बात के लिए नौकरशाही या राजनीतिज्ञों को दोष देना ठीक नहीं है। जरूरत अच्छे और ईमानदार नौकरशाहों और काम करने वाले राजनीतिज्ञों के बीच तालमेल की है।
राजनीतिज्ञों के सामने झुकने की जरूरत
ईमानदार नौकरशाहों को सही बात के लिए राजनीतिज्ञों के सामने झुकने की जरूरत नहीं है। उन्होंने कोयला राज्यमंत्री पीयूष गोयल का उदाहरण देते हुए बताया कि कैसे एक बार वे अपने विभाग के संयुक्त सचिवों पर बरस रहे थे, तब कोयला सचिव अनिल स्वरूप ने उन्हें अपने व्यवहार में सुधार लाने की सलाह दी। अनिल स्वरूप ने कहा यदि गोयल अपना व्यवहार नहीं सुधार सकते तो वे पीएमओ से बात कर अपना तबादला किसी और विभाग में करा लेंगे। गोयल को बात समझ में आ गई और उसके बाद वे अपने विभाग के अफसरों पर कभी भी सार्वजनिक रूप से नाराज नहीं हुए।
बेहतर कार्य करें
अनिल स्वरूप का कहना था कि नौकरशाहों को भी जहां तक हो सके अपने छोटे-छोटे दायरों में ही बेहतर काम कर दिखाने की जरूरत है। इसी से ही देश तेजी से तरक्की करेगा। किताब का विमोचन किसी वीआईपी से कराने के बजाय उन्होंने अपने मित्रों और सहयोगियों के साथ खुद ही विमोचन किया। उनका कहना था कि उनके पाठक और सहयोगी ही उनके लिए वीआईपी है।
परिचर्चा भी हुई
विमोचन के बाद नौकरशाही से जुड़े मुद्दों पर एक परिचर्चा आयोजित हुई जिसमें वरिष्ठ पत्रकार शेखर गुप्ता, राज्यसभा के पूर्व महासचिव योगेंद्र नारायण, मारुति मोटर्स के पूर्व सीएम डी जगदीश खट्टर और पूर्व नौकरशाह विनीत नारायण शामिल हुए।