अब देशवासियों के लिए नेशनल डिजिटल हेल्थ मिशन

🔲 स्वतंत्रता दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री की घोषणा

🔲 स्वस्थ्य सेवाएं की दिशा में बड़ा कदम

🔲 स्वास्थ्य सेवाओं को डिजिटल प्लेटफॉर्म पर लाने की कवायद

हरमुद्दा
दिल्ली, 15 अगस्त। स्वतंत्रता दिवस के मौके पर लाल किले से राष्ट्र को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने एक बड़ा ऐलान किया। पीएम मोदी ने नेशनल डिजिटल हेल्थ मिशन की घोषणा कर दी। पीएम मोदी ने कहा, आज से देश में एक और बहुत बड़ा अभियान शुरू होने जा रहा है। ये है नेशनल डिजिटल हेल्थ मिशन। नेशनल डिजिटल हेल्थ मिशन, भारत के हेल्थ सेक्टर में नई क्रांति लेकर आएगा। तकनीक के माध्यम से लोगों की परेशानियां कम होंगी। आपके हर टेस्ट, हर बीमारी, आपको किस डॉक्टर ने कौन सी दवा दी, कब दी, आपकी रिपोर्ट्स क्या थीं, ये सारी जानकारी इसी एक हेल्थ आईडी में समाहित होगी। यह स्वास्थ्य सेवाएं की दिशा में बड़ा कदम बताया जा रहा है।

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एक तरह से नेशनल डिजिटल हेल्थ मिशन देश की स्वास्थ्य सेवाओं को डिजिटल प्लेटफॉर्म पर लाने की कवायद है। डिजिटल रूप में देश के हर नागरिक को हेल्थ कार्ड मुहैया करवाया जाएगा, जिसमें उसकी सेहत से जुड़ हर छोटी बड़ी जानकारी होगी और यह जानकारी समय-समय पर अपडेट होती रहेगी। इस कार्ड में यह भी दर्ज होगा कि व्यक्ति ने कब क्या जांच करवाई और कहां किस बीमारी।

चरणबद्ध तरीके से लागू नेशनल डिजिटल हेल्थ मिशन

नेशनल डिजिटल हेल्थ मिशन को चरणबद्ध तरीके से लागू किया जाएगा। पहले चरण में इसमें हेल्थ आईडी, पर्सनल हेल्थ रेकॉर्ड्स, डिजी डॉक्टर और हेल्थ फैसिलिटी रिजस्ट्री होगी। अगले चरण में इस योजना में ई-फार्मेसी और टेलीमेडिसिन सेवा को भी शामिल किया जाएगा। नेशनल डिजिटल हेल्थ मिशन का सबसे बड़ा लाभ यह है कि कोई भी व्यक्ति जो देश में कही भीं डॉक्टर या अस्पताल जाता है, उसे अपने साथ पिछली जांच रिपोर्ट या इलाज का ब्योर साथ नहीं ले जाने होंगे। डॉक्टर यूनिक आईडी के जरिए मरीज के रिकॉर्ड देख पाएंगे।

मिशन का दायरा बढ़ाया धीरे-धीरे

यह हेल्थ कार्ड आधार कार्ड की तर्ज पर बनाया जाएगा। हालांकि, यह अनिवार्य नहीं होगा और लाभार्थी किसी भी समय योजना से बाहर निकल सकेंगे। लोगों की व्यक्तिगत जानकारी को सुरक्षित रखने के लिए पूर्ण उपाय किए जाएंगे। नेशनल डिजिटल हेल्थ मिशन का दायरा धीरे-धीरे बढ़ाया जाएगा ताकि न केवल क्लीनिक और अस्पताल बल्कि मेडिकल स्टोर और मेडिकल इंश्योरेंस कंपनियां भी इस स्कीम के जरिए सर्वर से जुड़ सकें। लोगों की निजता का अत्यधिक महत्व होगा। एक डॉक्टर या अस्पताल को किसी व्यक्ति के रिकॉर्ड का उपयोग करने की अनुमति केवल तभी दी जाएगी जब वह उसी के लिए अनुमति देगा।

बनाया जाएगा एक सर्वर

इसके लिए एक सर्वर बनाया जाएगा और डॉक्टरों, क्लीनिक और अस्पतालों को इससे जोड़ा जाएगा। हालांकि यह योजना पूरी तरह से वैकल्पिक होगी। यानी यह व्यक्ति और अस्पतालों पर निर्भर करेगा कि वे इस सेवा से जुड़ना चाहते हैं या नहीं। जो लोग इस योजना का हिस्सा बनेंगे, उन्हें एक यूनिक आईडी प्रदान की जाएगी। इस आईडी से देश के किसी भी हिस्से में जाकर इलाज करवाया जा सकेगा। व्यक्तिगत रूप से भी लोग लॉगिन कर जानकारी हासिल कर पाएंगे।

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