रविवार सुबह माता जी की होगी विदाई तो शाम को रावण दहन
🔲 महा अष्टमी 24 अक्टूबर को
हरमुद्दा
शुक्रवार, 23 अक्टूबर। शक्ति की उपासना के पर्व शारदीय नवरात्रि का समापन 25 अक्टूबर को होगा। रविवार को सुबह नवमी पूजन और शाम को बुराई पर अच्छाई की जीत का पर्व विजया दशमी पर रावण दहन होगा। एक ही दिन दोनों होगा। सुबह माता की विदाई होगी, वही शाम को जगह-जगह बुराई के प्रतीक रावण का दहन किया जाएगा। महा अष्टमी 24 अक्टूबर को मनाई जाएगी।
ज्योर्तिविद गोचर शर्मा ने बताया कि 25 अक्टूबर को उदया तिथि में नवमी और अपराह्न व्यापनी तिथि दशमी होगी। उदया तिथि में नवमी होने से शक्ति के उपासक कुल परंपरानुसार इस दिन नवमी पूजन कर माता को विदाई देंगे जबकि अपराह्न व्यापनी तिथि दशमी रहेगी, इसलिए रावण दहन के साथ शस्त्र पूजन भी किया जाएगा।
17 अक्टूबर से शुरू हुई शारदीय नवरात्रि
ज्योर्तिविद दुर्गाशंकर ओझा ने बताया कि शारदीय नवरात्रि की शुरुआत 17 अक्टूबर शनिवार को हुई। सभी प्रमुख पंचागों में अष्टमी तिथि 24 अक्टूबर को सुबह 11.32 बजे तक बताई गई है। इसके बाद नवमी तिथि शुरू होगी, जो 25 अक्टूबर रविवार को दोपहर 11.52 बजे तक रहेगी। ततपश्चात दशमी तिथि प्रारंभ होगी जो 26 अक्टूबर को सुबह 11.27 बजे तक रहेगी।
शास्त्रों में है उल्लेख
शास्त्रों में उल्लेख है कि दशहरा अपराह्न व्यापनी तिथि में मनाना शास्त्र सम्मत है। इसके चलते 25 अक्टूबर को दशहरा भी होगा।
महा अष्टमी 24 अक्टूबर को
धर्मसिंधु के अनुसार महाअष्टमी उदय काल में घटी मात्र हो तो नवमी युक्त ग्रहण करना चाहिए। अतः 24 अक्टूबर को अष्टमी सुबह 11:32 बजे तक है। इसके चलते 24 अक्टूबर शनिवार को दुर्गा अष्टमी मनाना शास्त्र सम्मत है। हालांकि कई लोग कुल परंपरानुसार 24 अक्टूबर को भी नवमी पूजन करेंगे।