वेब पोर्टल हरमुद्दा डॉट कॉम में समाचार भेजने के लिए हमें harmudda@gmail.com पर ईमेल करे मजबूरी : मां नहीं है, मेरे बेटे को खतरा है, कुछ महीने इसे आप संभालिए, खत के साथ छोड़ा जिगर के टुकड़े को -

मजबूरी : मां नहीं है, मेरे बेटे को खतरा है, कुछ महीने इसे आप संभालिए, खत के साथ छोड़ा जिगर के टुकड़े को

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हरमुद्दा

अमेठी, 5 नवंबर। मेरे परिवार में इसे खतरा है..और पैसे चाहिए हो तो बता दीजिएगा’ पिता ने खत में लिखा, ‘यह मेरा बेटा है, इसे मैं आपके पास छह-सात महीने के लिए छोड़ रहा हूं। हमने आपके बारे में बहुत अच्छा सुना है, इसलिए मैं अपना बच्चा आपके पास रख रहा हूं।’ चिट्ठी में आगे लिखा था, ‘मैं 5000 महीने के हिसाब से आपको पैसे भेजता रहूंगा। आपसे हाथ जोड़कर विनती है कि कृपया इस बच्चे को संभाल लें। मेरी कुछ मजबूरी है और इस बच्चे की मां नहीं है। मेरी फैमिली में इसके लिए खतरा है। इसलिए 6-7 महीने तक आप इसे अपने पास रख लीजिए। सब कुछ सही करके मैं आपसे मिलकर अपने बच्चे को ले जाउंगा। आपको और पैसे की जरूरत होगी तो बता दीजिएगा।

अमेठी पुलिस ने एक पांच महीने के बच्चे को झोले में बरामद किया है। मुंशीगंज क्षेत्र के त्रिलोकपुर इलाके में पुलिस ने इस बच्चे को बरामद किया। बैग से रोने की आवाज आने के बाद पीआरवी को इसकी सूचना दी गई थी। इसके अधार पर पुलिस जब मौके पर पहुंची तो झोले के अंदर बच्चा मिला। दरअसल यूपी पुलिस की हेल्पलाइन 112 पर बुधवार को एक बच्चे के बैग में पड़े होने की रिपोर्ट मिली थी। सूचना पर यूपी पुलिस की एक टीम कोतवाली मुंशीगंज क्षेत्र के त्रिलोकपुर इलाके में रहने वाले आनन्द ओझा के आवास के पास पहुंची।

बैग से आ रही थी बच्चे के रोने की आवाज

पुलिस सूत्रों का कहना है कि यहां पर एक बैग से बच्चे के रोने की आवाज आने के बाद लोगों ने कंट्रोल रूम को इसकी जानकारी दी थी। मौके पर पहुंची टीम ने जब बैग खोला तो उसमें एक बच्चे के साथ कपड़े, जूते, 5 हजार रुपए और अन्य जरूरी सामान निकला। इन सब के साथ एक चिट्ठी भी मिली जो कि कथित रूप से बच्चे के पिता की ओर से लिखी गई है।

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