तैयारी पूरी : अब नगरीय निकाय और त्रिस्तरीय पंचायत राज संस्थाओं के चुनाव, घोषणा दिसंबर में
हरमुद्दा
भोपाल, 18 नवंबर। मध्य प्रदेश में अब नगरीय निकाय और त्रिस्तरीय पंचायत राज संस्थाओं के चुनाव होंगे। सरकार और राज्य निर्वाचन आयोग ने तैयारियां लगभग पूरी कर ली हैं। दिसंबर में चुनाव की घोषणा हो सकती है। इसके मद्देनजर आयोग ने चुनाव प्रक्रिया से जुड़े प्रचार-प्रचार के कार्यक्रम घोषित कर दिए हैं। नवंबर के अंतिम सप्ताह से दिसंबर के प्रथम सप्ताह तक इससे जुड़ी गतिविधियां होंगी।
राज्य निर्वाचन आयोग ने कोरोनाकाल में होने वाले स्थानीय चुनावों को देखते हुए मतदान का प्रतिशत बढ़ाने के लिए महिला और युवाओं को प्रोत्साहित करने का निर्णय लिया है। इसके मद्देनजर प्रचार-प्रसार का कैलेंडर तैयार किया है। इसके मुताबिक नगरीय निकाय और पंचायतों में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन का प्रदर्शन और संचालन की जानकारी देने के लिए दल गठित करके कार्यक्रम होंगे। स्थानीय निर्वाचन विषय पर स्कूल और कॉलेजों में वाद-विवाद और निबंध लेखन प्रतियोगिता कराई जाएगी।
जागरूकता के लिए होंगे विविध आयोजन
वर्ष 2014 के चुनाव में जिन मतदान केंद्रों में कम मतदान हुआ था, वहां टीम भेजकर मतदाताओं को जागरूक किया जाएगा। नई बस्ती, दिव्यांग और दूरस्थ व बिखरे क्षेत्रों के मतदाताओं का आकलन करके उन्हें प्रेरित करने का काम होगा। दिसंबर के प्रथम सप्ताह में स्वयंसेवी संस्था, रंगकर्मी, गायक आदि के सहयोग से मतदाता जागरूकता की गतिविधियां संचालित की जाएंगी।
नगरी निकाय के बाद पंचायत के चुनाव
नुक्कड़ नाटक, रंगोली, मेहंदी, लोकगीत, लोकनृत्य, भाषण प्रतियोगिता के साथ राजनीतिक दल और जनप्रतिनिधियों की बैठक करके नए नियम और कोरोना संबंधी जानकारियां दी जाएंगी। चुनाव कार्यक्रम घोषित होने के बाद नामांकन ऑनलाइन जमा करने, मोबाइल एप की उपयोगिता बताने के साथ मतदान के दिन पहले आओ अपना बूथ सजाएं, कार्यक्रम होगा। बताया जा रहा है कि दिसंबर में राज्य निर्वाचन आयोग नगरीय निकायों का चुनाव कार्यक्रम घोषित कर देगा। इसके बाद पंचायतों के चुनाव कराए जाएंगे।
12 दिसंबर तक पूरी हो जाएगी मतदाता सूची
नगरीय विकास और पंचायत विभाग के अधिकारियों का कहना है कि चुनाव की समस्त तैयारियां हो चुकी हैं। आयोग को वार्ड आरक्षण की जानकारी भी उपलब्ध करा दी गई है। मतदाता सूची तैयार होने का काम चल रहा है, जो 12 दिसंबर तक पूरा हो जाएगा। कोरोना संक्रमण की स्थिति को देखते हुए 750 मतदाताओं पर एक केंद्र बनाया जा रहा है। यह अभी 1200 मतदाता तक का है।