नवजात शिशुओं को गुणवत्तापूर्ण प्रदान करें स्वास्थ्य सेवाएं
हरमुद्दा
रतलाम, 23 नवंबर। रतलाम जिले में नवजात शिशु सप्ताह (23 से 29 नवंबर) का वर्चुअल शुभारंभ शहर विधायक चैतन्य काश्यप द्वारा किया गया। स्वास्थ्य विभाग द्वारा आयोजित वर्चुअल कोन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए विधायक ने कहा कि नवजात शिशुओं की मृत्यु पूरे देश में बडी चुनौती है। इसे रोकने में स्वास्थ्य विभाग के चिकित्सकों के साथ ही विभागीय मैदानी अमले की भूमिका महत्वपूर्ण है।
विधायक ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान के नेतृत्व में स्वास्थ्य कार्यकर्ता ग्रामीण स्तर पर सेवाभाव से कार्य कर रतलाम जिले को नई उंचाईयों पर लेकर जाएं। उन्होने कहा कि संयुक्त राष्ट्र संघ बनने के बाद इस दिशा में तेजी से कार्य प्रारंभ हुआ। विगत वर्षों में स्वास्थ्य सेवाओं में निरंतर सुधार हुआ किंतु वर्तमान आंकडों की स्थिति अब भी चिंताजनक है। सरकार के प्रयासों से नवजात शिशुओं के लिए आईसीयू, एसएनसीयू, एनबीएसयू, एनबीसीसी के माध्यम से सेवाऐं प्रदान की जा रही है। रतलाम जिले में मातृ मृत्यु दर, शिशु मृत्यु दर और कुपोषण को रोकते हुए स्थिति में सुधार लाना है ताकि जिले को गौरवमयी स्थान पर पहचान दिलाई जा सके। इसके लिए विशेषकर सैलाना एवं बाजना क्षेत्रों में महती प्रयास की आवश्यकता है।
शिशु देखभाल के बारे में पूरा दिया जाए प्रशिक्षण
उन्होंने कहा कि गर्भवती माताओं को गर्भावस्था के समय ही नवजात शिशुओं में होने वाले खतरे के लक्षणों की जानकारी दी जाए और उन्हें शिशु देखभाल के बारे में पूरा प्रशिक्षण दिया जाए। उन्होने बताया कि काश्यप फाउंडेशन द्वारा भी कुपोषण से मुक्ति के लिए विशेष प्रयास किए जा रहे हैं किंतु इसमें माताओं की सक्रिय सहभागिता और परामर्श प्रदान किया जाना आवश्यक है। उन्होने विभाग में सभी आवश्यक दवाईयों, उपकरणों का मूल्यांकन कर त्वरित उपचार करने के लिए कहा। विधायक ने कोविड काल में स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं द्वारा किए जा रहे कार्य की प्रशंसा की।
कमी लाई जा सकती है शिशुओं की मृत्यु में
सीएमएचओ डॉ. प्रभाकर ननावरे ने कहा कि एसएनसीयू, एनआरसी, कंगारू मदर केयर, इंजेक्शन जेंटामाईसिन और सीरप एमाक्सीसिलीन का उपयोग, प्रसव के एक घंटे के भीतर स्तनपान, विटामिन्स के इंजेक्शन का समय पर उपयोग और जटिल मामलों में समय पर रेफरल, आशा द्वारा शिशुओं की गृह आधारित देखभाल और टीकाकरण ऐसे महत्वपूर्ण कार्य हैं जिन पर ध्यान देकर नवजात शिशुओं की मृत्यु में उल्लेखनीय कमी लाई जा सकती है। कार्यक्रम का ऑनलाईन संचालन डीपीएम डॉ. अजहर अली ने किया। आभार सीएमएचओ डॉ. ननावरे ने माना। कार्यक्रम में जिले के विभिन्न ग्रामों के चिकित्सक एएनएम, सीएचओ, स्टाफ नर्स, आशा कार्यकर्ता आदि ने सहभागिता की।