वेब पोर्टल हरमुद्दा डॉट कॉम में समाचार भेजने के लिए हमें harmudda@gmail.com पर ईमेल करे तिहरे हत्याकांड का हुआ खुलासा : लूट के लिए की तीन हत्या, महिला चिकित्सक की हत्या में भी शामिल था यही मुख्य आरोपी -

तिहरे हत्याकांड का हुआ खुलासा : लूट के लिए की तीन हत्या, महिला चिकित्सक की हत्या में भी शामिल था यही मुख्य आरोपी

🔲 छह में से पांच आरोपी गिरफ्तार

🔲 मुख्य आरोपी पुलिस की गिरफ्त से दूर

🔲 छह हत्या कर चुका है मुख्य आरोपी

🔲 चार हत्या रतलाम में दो दाहोद में

हरमुद्दा
रतलाम, 2 दिसंबर। देव दीपावली की रात राजीव नगर में हुए सनसनी खेज तिहरे हत्याकांड के रहस्य से पुलिस ने पर्दा हटा दिया है। लूट के इरादे से आए आरोपियों ने एक के बाद एक तीनों की हत्या कर दी और लूट कर फरार हो गए। हत्या के चार आरोपियों में से तीन को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। एक आरोपी पुलिस की गिरफ्त से दूर है। इसके साथ ही कस्तूरबा नगर के समीप मनीष नगर में महिला चिकित्सक की हत्या के मामले में आरोपियों ने संलिप्तता बताई है।
नए पुलिस कंट्रोल रूम पर कोरोना डिस्टेंस का पालन किए बगैर हुई प्रेसवार्ता में एसपी गौरव तिवारी ने हत्याकाण्ड की जानकारी दी।

दिन रात की कड़ी मेहनत में सुलझी हत्या की गुत्थी

श्री तिवारी ने बताया कि सत्तर हजार से ज्यादा काल डिटेल्स, दो सौ से ज्यादा सीसीटीवी फुटेज,सौ से ज्यादा संदिग्धों से पूछताछ और सात दिन तक सौ से ज्यादा पुलिसकर्मियों की रात दिन की मेहनत के बाद आखिरकार हत्याकाण्ड की गुत्थी को सुलझा लिया है। पुलिस ने करीब छ: महीने पहले की गई महिला चिकित्सक की हत्या की गुत्थी को भी सुलझा ली है। उक्त वारदात में भी तिहरे हत्याकाण्ड के मास्टर माइण्ड का ही रोल था। इसमें शामिल दो आरोपी भी पकडे जा चुके है।

लूट का माल हुआ बरामद

इनके कब्जे से लूट का काफी सारा माल भी बरामद कर लिया गया है। हत्याकाण्ड का मास्टर माइण्ड फिलहाल फरार है। हत्याकाण्ड के मास्टर माइण्ड दिलीप देवह की गिरफ्तारी या उसकी सूचना देने पर पुलिस ने तीस हजार रु. का ईनाम भी घोषित किया है।

वारदात को अंजाम देने के लिए कई माह से रतलाम में ही रह रहा था आरोपी

एसपी श्री तिवारी ने हत्याकाण्ड की जानकारी देते हुए बताया कि इस वारदात में कुल चार आरोपी शामिल थे। इनका मास्टर माइण्ड दिलीप देवल है,जो कि दाहोद गुजरात का रहने वाला है,लेकिन वारदात के लिए पिछले कुछ समय से कमरा किराये से लेकर रतलाम में रह रहा था। इस वारदात में दिलीप देवल के साथ दाहोद का ही लाला भाबोर, रतलाम निवासी बाबी उर्फ अनुराग तथा गोलू उर्फ गौरव बिलवाल भी शामिल थे। हत्या की योजना उन्होने वारदात से दो दिन पूर्व ही बना ली थी। वारदात के लिए इन्होने जानबूझकर छोटी दीवाली का दिन चुना था, ताकि पटाखों की आवाज में फायर की आवाज दब जाए और लोग अपने घरों में ही रहें।

2 दिनों तक की उन्होंने रेकी

आरोपीगण दो दिनों तक घटनास्थल की रेकी करते रहे। फिर घटनावाले दिन यानी 25 नवंबर की रात करीब सवा आठ बजे ये लोग घटनास्थल के आसपास पंहुच गए। मौका देखकर जब गली में कोई नहीं था, तब दिलीप देवल, अनुराग उर्फ बाबी और लाला भाबोर गोविन्द के घर के भीतर घुसे जबकि चौथा आरोपी गोलू उर्फ गौरव बिलवाल मोटर साइकिल व स्कूटी की निगरानी रखने और गाडी को चालू रखने के लिए बाहर ही खडा रहा, ताकि वारदात के बाद भागने में कोई दिक्कत ना आए। गोविन्द के घर के भीतर घुसते ही आरोपियों ने बाहर के कमरे में बेड पर बैठकर टीवी देख रही शारदा को उसके सिर में गोली मारी। गोली की आवाज सुनकर जब दिव्या बाहर आने लगी, तो आरोपियों ने उसे भी चेहरे पर आंख के नीचे गोली मार दी। दो हत्याएं करने के बाद इन आरोपियों ने घर में रखी नगदी करीब बीस हजार रु. और जेवरात आदि लूट लिए। इसके बाद जैसे ही आरोपीगण बाहर निकलने को हुए तो इन्हे गोविन्द सोलंकी आते हुए नजर आए। गोविन्द सोलंकी घर की सीढियां चढ रहे थे, तब इन लोगों ने उसके घर के भीतर आने का इंतजार किया और जैसे ही उसने घर के भीतर कदम रखा, उसे भी सिर में गोली मार दी।

दिव्या की स्कूटी लेकर भागे

तीन हत्याएं करने के बाद ये चारों आरोपी दिव्या की स्कूटी की चाबी लेकर उसकी स्कूटी चलाकर वहां से भागे और गोलू और गौरव जो पहले से रास्ते में एक स्कूटी चालू रख कर खडा था, वहां इन लोगों ने गाडियों को बदला, अपने कपडे भी बदले और वहां से गोलू और अनुराग को एक तीसरी जगह भेज दिया। दिलीप और लाला भाबोर देवरा देवनारायण नगर में स्कूटी छोडने के बाद वहां से निकले और चारों हत्यारें एक नियत स्थान पर आपस में मिले। इस स्थान पर इन्होने लूट के माल का बंटवारा किया और चारों अलग अलग स्थानों के लिए रवाना हो गए।

मास्टर माइण्ड दिलीप कर चुका है कई हत्याएं

एसपी तिवारी ने बताया कि गिरफ्तारी के बाद जब इन आरोपियों से पूछताछ की गई तो पता चला कि घटनाक्रम का मास्टर माइण्ड दिलीप देवल पिछले करीब डेढ साल से रतलाम में रह रहा था। एक निजी स्कूल की संचालिका विशाला सोलंकी नामक महिला से इसका अच्छा परिचय था औ र इसी पहचान का लाभ लेकर यह अन्य लोगों से जान पहचान करता था। नए लोगों से जान पहचान के बाद यह अपने शिकार का चयन करता था। यह अपना शिकार ऐसे परिवार को बनाता था, जहां बिना प्रतिरोध के अधिक से अधिक सम्पत्ति लूटी जा सके। साथ ही साथ जहां महिलाएं हों ताकि वारदात के दौरान अधिक प्रतिरोध ना करना पडे। वारदात के बाद शिकार को गोली मार कर हत्या करना उसकी खास आदत थी, जिससे कि वारदात का कोई चश्मदीद गवाह ना रहे और घटना का कारण बताने वाला कोई ना हो। इसी वजह से यह भी पता नहीं चल पाता था कि हत्या का वास्तविक उद्देश्य क्या था, क्योंकि घर के सभी लोग मर चुके होते थे। दिलीप देवल वास्तव में साइको किलर है।

शेविंग बनवाने गया था लॉकडाउन के समय गोविंद के घर देवल

अपने इन्ही तौर तरीकों के चलते उसने गोविन्द सोलंकी को अपना शिकार बनाने के चुना था। विशाला सोलंकी के जरिये उसकी गोविन्द से पहचान हुई थी और लाक डाउन के दौरान वह शेविंग इत्यादि बनवाने के लिए गोविन्द के घर गया था। उसने गोविन्द के घर को भीतर से देख लिया था और उसे उम्मीद थी कि गोविन्द के घर पर उसे भारी मात्रा में नगदी और जेवरात मिल सकते है। इसी के चलते उसने गोविन्द के घर में घुसकर लूट की योजना बनाई थी और बाकी तीनों आरोपियों को इसके बारे में जानकारी दे दी थी।

महिला चिकित्सक की हत्या का मास्टरमाइंड भी दिलीप देवल ही

औद्योगिक थाना क्षेत्र में विगत 16 जून 2020 को प्रेमकुंवर नामक महिला चिकित्सक की भी उसके घर में सिर में गोली मार कर हत्या कर दी गई थी। यह मामला भी अब तक अनसुलझा था। उक्त हत्या का तरीका भी ठीक इसी प्रकार का था, जैसा कि गोविन्द सोलंकी के परिवार की हत्या में प्रयुक्त हुआ था। इसलिए पुलिस को पूरी आशंका थी कि दोनों मामलों के आरोपी समान हो सकते हैैं। जब इस तथ्य को सामने रखकर जांच की गई तो पता चला कि इस हत्याकाण्ड का मास्टर माइण्ड भी दिलीप देवल ही था, लेकिन इस हत्याकाण्ड में शामिल दो आरोपी दिलीप सोलंकी केस के आरोपियों से अलग थे। प्रेमकुंवर की हत्या में दिलीप देवल के साथ सुमित और हेमन्त नामक युवक शामिल थे। ये दोनो दिलीप देवल के रिश्तेदार है। पुलिस ने इस हत्याकाण्ड में शामिल हेमन्त और सुमित को भी गिरफ्तार कर लिया है। इस तरह पुलिस ने दो हत्याकाण्ड में शामिल छ: में से पांच आरोपियों को पकड लिया है,जबकि मास्टर माइण्ड दिलीप देवल फरार है।

छ: हत्याएं कर चुका है दिलीप

एसपी श्री तिवारी ने बताया कि दिलीप देवल अभी तक कुल छ: हत्याएं कर चुका है। इनमें से चार हत्याएं उसने रतलाम में की है,जबकि दो हत्याएं दाहोद में की है। दिलीप देवल के खिलाफ अब तक पांच आपराधिक प्रकरण दर्ज होने की जानकारी मिली है। दाहोद में इसके खिलाफ हत्या के दो मामले दर्ज है। दाहोद में एक व्यापारी की सिर में गोली मार कर हत्या करने के प्रकरण में इसे आजीवन कारावास की सजा हो चुकी है। सजा के दौरान इसे पैरोल पर छोडा गया था,जहां से पैरोल जम्प करके फरार हो गया। रतलाम के औद्योगिक थाने पर इसके खिलाफ बलात्कार और अपहरण का एक प्रकरण पहले से दर्ज है। दिलीप देवल बेहद शातिर अपराधी है। ये अपना नाम बदलता रहता है। पुलिस को जानकारी मिली है कि इसने अलग अलग नाम से दो फर्जी आधार कार्ड भी बनवा रखे है। ये अपना हुलिया भी बदल लेता है। इसका सुराग देने पर पुलिस ने तीस हजार रु. का नगद ईनाम भी घोषित किया है।

रही इन सब की भूमिका

एसपी गौरव तिवारी ने बताया कि इस बेहद पेचीदा और सनसनीखेज हत्याकाण्ड की गुत्थी सुलझाने में एसआईटी.सायबर सेल,फोरंसिक सेल,एफएसएल,फिंगर प्रिन्ट एक्सपर्ट, तथा जिले के पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियो की महत्वपूर्ण भूमिका रही है।

फरार आरोपी

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दिलीप पिता भावसिंह देवल जाति पटेलिया आदिवासी निवासी ग्राम खरेडी डुंगरी फल्या थाना ग्रामीण दाहोद जिला दाहोद गुजरात। हाल मुकाम महेश नगर, रतलाम

गिरफ्तार आरोपी

🔲 अनुराग उर्फ बाबी पिता प्रवीणसिंह परमार जाति हरिजन 25 नि.सेक्टर बी विनोबा नगर रतलाम

🔲 गोलू उर्फ गौरव पिता राजेश बिलवाल जाति भील 22 नि. ओल्ड रेलवे कालोनी रतलाम

🔲 लाला पिता मनु भाबोर जाति भील 20 नि.ग्र्राम अबलोड लिम्बू फल्या थाना जेसवाडा जिला दाहोद गुजरात

🔲 सुनीत उर्फ सुमित पिता जीतेन्द्र सिंह चौहान जाति राजपूत 21 नि. गांधीनगर रतलाम

🔲 हिम्मत सिंह पिता रुपसिंह देवल जाति पटेलिया भील 27,नि. ग्राम खेडी डुंगरी फल्या थाना ग्रामीण दाहोद गुजरात हालमुकाम देवरादेवनारायण नगर रतलाम।

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