जनसहयोग से मंदिर का जीर्णोद्धार : महिषासुर मर्दिनी मंदिर के शिखर पर अष्टधातु से निर्मित कलश किया स्थापित
🔲 निकाली भव्य कलश यात्रा
हरमुद्दा
आम्बा/रतलाम,5 दिसंबर। बांसवाड़ा नाका पर देवेश्वर महादेव मंदिर प्रांगण में विराजित महिषासुर मर्दिनी मंदिर के शिखर पर शनिवार को अभिजीत मुहूर्त में अष्टधातु से निर्मित कलश स्थापित किया गया। इसके पूर्व मंदिर प्रांगण से भव्य कलश शोभायात्रा निकाली गई।
उल्लेखनीय हैं कि बांसवाड़ा नाका स्थित प्राचीन देवेश्वर महादेव एवं महिषासुर मर्दिनी मंदिर जीर्णशीर्ण अवस्था मे था।कुछ समय पूर्व जनसहयोग के द्वारा मंदिर का जीर्णोद्धार एवं सुंदरीकरण किया गया। नव श्रंगारित मंदिर के शिखर पर कलश स्थापना का तीन दिवसीय महोत्सव गुरुवार से प्रारंभ हुआ जोकि शनिवार को कलश स्थापना के साथ पूर्ण हुआ।महोत्सव के पहले दिन पं महेशचंद्र श्रोत्रिय, सुरेशचंद्र शर्मा एवं सुनील शर्मा के सान्निध्य में गणेश स्थापना, नवग्रह आवाहन एवं कलश का अभिषेक कर शुद्धिकरण किया गया।
कलश यात्रा में मुख्य यजमान ने उठाया कलश
महोत्सव के तीसरे दिन प्रातः 8 बजे बैंडबाजों एवं ढोल-ढमाकों के साथ भव्य कलश शोभायात्रा निकाली गई। कलश शोभायात्रा मंदिर प्रांगण से प्रारम्भ होकर कारगिल चौराहा,आज़ाद चौक, बसस्टेंड,अम्बेमाता मंदिर,सदर बाजार होकर पुनः मंदिर परिसर में पहुची। कलश यात्रा का जगह-जगह पुष्पवर्षा कर स्वागत किया गया। कलश शोभायात्रा में 151 कन्याओं एवं महिलाओं ने सुसज्जित परिधानों से सजकर कलश उठा रखे थे। मुख्य शिखर कलश मोहनलाल परमार एवं कन्हैयालाल मीणा (पाटीदार)के द्वारा उठाया गया। शोभायात्रा में युवक-युवतियां भजनों की प्रस्तुति पर नृत्य करते हुए चल रहे थे।
धार्मिक उत्सव में किया सभी ने अपना अपना सहयोग
विधि-विधान एवं मंत्रोच्चार के साथ अभिजीत मुहूर्त में मोहनलाल परमार के द्वारा मंदिर के शिखर पर कलश स्थापित किया गया।भंवर सिंह पंवार द्वारा मंदिर प्रांगण में शेर स्थापित किया गया। इसी तरह देवी मंदिर पर देवीलाल प्रजापत, शिवमन्दिर पर शंभुलाल कुमावत एवं भैरवनाथ स्थानक पर दिनेश पारगी द्वारा धर्मध्वजा चढ़ाई गई। शिखर कलश स्थापना के पश्चात देवीलाल चौधरी द्वारा दैवीशक्ति यज्ञ की पूर्णाहुति की गई वही दिलीपसिंह राठौर द्वारा महाआरती उतारी गई। महाआरती के पश्चात देवी भक्तों ने प्रसाद ग्रहण कर दर्शन लाभ लिया।