अव्यवस्थाओं के बीच धोलावाड पर्यटन महोत्सव शुरू : व्यवस्थाओं का जायजा लिया, मगर अनेकों अव्यवस्था नजर नहीं आई जनप्रतिनिधियों को

🔲 सुरक्षा के समुचित इंतजाम नहीं

🔲 दो में से एक वोट बंद

🔲 मौके पर प्राथमिक चिकित्सा उपलब्ध नहीं

हरमुद्दा
रतलाम, 25 दिसंबर। अव्यवस्थाओं के बीच जिला प्रशासन द्वारा धोलावाड ईको टूरिज्म पार्क में पर्यटन महोत्सव की शुरुआत हुई। शुक्रवार को व्यवस्थाओं का जायजा लेने के लिए शहरी एवं ग्रामीण विधायक भी मौके पर पहुंचे, लेकिन उन्हें वहां पर व्याप्त अव्यवस्था नजर नहीं आई। प्रकृति के साथ आनंद के पल बिताने आए पर्यटकों को कॉफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा।

शुक्रवार को शुरू हुए पर्यटन महोत्सव के तहत हर उम्र के महिला पुरुष बच्चे शामिल हुए। मगर जो सुविधाएं जिम्मेदारों को मुहैया करवाना थी, उनकी कमी पहले ही दिन खल रही थी। शुक्रवार से आरम्भ हुआ धोलावाड पर्यटन महोत्सव आगामी 5 जनवरी तक मनाया जाना है।

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अव्यवस्थाओं का बोलबाला

पर्यटकों रमीला व अनमोल ने हरमुद्दा से चर्चा में बताया कि सुरक्षा के समुचित साधन यहां पर नहीं है। जिस स्थान से सरोज सरोवर में राइडिंग की जाना है, चारों ओर तार वाली जाली नहीं लगाई। जबकि जहां पर यह व्यवस्था है, उस स्थान पर सरोवर की गहराई काफी अधिक है। मौके पर प्रशिक्षित तैराकों का बचाव दल भी मौजूद नहीं था। सेफ्टी जैकेट पहनाने वाले भी ट्रेंड व्यक्ति मौजूद नहीं थे। पर्यटक ही जैसे तैसे सेफ्टी जैकेट को पहनने की मशक्कत कर रहे थे। इसके साथ ही प्राथमिक उपचार की सुविधाओं का भी अभाव नजर आया। राशि तो बहुत वसूल की जा रही मगर उस मान से सुविधाएं उपलब्ध नहीं है।

फिर नहीं चली दूसरी बोट

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जब विधायक चेतन्य काश्यप, ग्रामीण विधायक दिलीप मकवाना, कलेक्टर गोपालचन्द्र डाड, पूर्व विधायक संगीता चारेल, पूर्व महापौर शैलेन्द्र डागा, मनोहर पोरवाल, बजरंग पुरोहित, डॉ. विजय चारेल टेंट कैपिंग वाले टापू पर 2 बोट से वहां पहुंचे। पर्यटकों को वोटिंग कराने के लिए केवल एक ही वोट चल रही थी। दूसरी बोट खराब पड़ी हुई थी। इसके कारण पर्यटकों को इंतजार करना पड़ा। स्कूटर पर घुमाने वाले भी मौजूद नहीं थे। लगता है सभी वीआईपी की खातिरदारी में जुट गए।

टॉयलेट के लिए वाहन को खड़ा किया मगर पानी नहीं

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मौका स्थल पर पर्यटकों की सुविधा के लिए टॉयलेट वाहन खड़ा किया गया था, मगर उसमें पानी की कोई व्यवस्था नहीं थी। वाश बेसिन में नल नहीं और बेसिन के नीचे पाइप भी नहीं था। पीने के लिए पानी भी नहीं था। इसके साथ ही पार्किंग स्थल की बजाए वाहन अपनी मनमर्जी से कहीं पर भी खड़ा कर दिए गए। इस कारण आवागमन में काफी परेशानी का सामना करना पड़ा। कलेक्टर ने भले ही जिम्मेदारियां सौंपी है मगर परियोजना अधिकारी शहरी अभिकरण निशिकांत शुक्ला और उनकी टीम के अलावा कोई अधिकारी जिम्मेदारी का निर्वाह करते कोई नजर नहीं आए।

इन्हें दी गई है जिम्मेदारियां

एसडीएम सैलाना तथा एसडीओ पुलिस सैलाना को पर्यटन महोत्सव के दौरान कानून एवं सुरक्षा तथा अन्य प्रशासनिक व्यवस्थाओं का दायित्व सौंपा गया है। कार्यपालन यंत्री जल संसाधन को महोत्सव के दौरान रेस्ट हाउस पर वीआईपी के सत्कार, चाय, नाश्ता, भोजन आदि की व्यवस्था का दायित्व सौंपा गया है। आयुक्त नगर निगम को शौचालय व्यवस्था, सफाई, पेयजल टैंकर, पेयजल उपलब्धता आदि जिम्मेदारी सौंपी गई है। अधीक्षण यंत्री विद्युत वितरण को पार्क क्षेत्र में निर्बाध विद्युत आपूर्ति का दायित्व दिया गया है। कमांडेंट होमगार्ड तथा थाना प्रभारी रावटी को पार्क क्षेत्र में सुरक्षा व्यवस्था के लिए जवानों की तैनाती तथा बेरिकेट, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को कोरोना के तहत जारी निर्देशों के अनुसार कार्यवाही करने एवं प्राथमिक उपचार की व्यवस्था दी गई है।

जनप्रतिनिधियों ने नहीं, कलेक्टर ने जरूर की चर्चा

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धोलावाड़ में आए पर्यटकों से चर्चा करने में जनप्रतिनिधियों ने कोई रुचि नहीं दिखाई। न ही उनकी तरफ ध्यान दिया। अपनी मस्ती में मस्त चले गए। कलेक्टर श्री डांड ने पर्यटकों से चर्चा की। रूपेश पिरोदिया से चर्चा में कलेक्टर ने कहा कि आप तो परिवार के साथ प्रकृति का आनंद लीजिए। श्री पिरोदिया ने कहा कि काफी कुछ दिक्कतें हैं, लेकिन अब आप आ गए हैं तो यहां पर काफी कुछ सुधार हो जाएगा। क्षेत्र विकसित हो जाएगा। इस पर कलेक्टर मुस्कुराते हुए आगे निकल गए।

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