सामूहिक बलात्कार के बाद नाबालिग की जघन्य हत्या करने वाले दो आरोपियों को मृत्युदंड
🔲 न्यायालय ने माना मामले को विरलतम श्रेणी का
हरमुद्दा
सागर, 20 जनवरी। अपर सत्र न्यायालय बण्डा जिला सागर के न्यायाधीश उमाशंकर अग्रवाल ने नाबालिग से बलात्संग के बाद हत्या करने तथा साक्ष्य छिपाने के आरोपी रामप्रसाद अहिरवार एवं वंशीलाल अहिरवार को दोषसिद्ध पाते हुए मृत्युदण्ड से दंडित किया।
प्रमुख जनसंपर्क अधिकारी एवं म.प्र. लोक अभियोजन मौसमी तिवारी ने हरमुद्दा को बताया प्रकरण जघन्न होने के कारण प्रकरण का सतत मोनीटरिंग संचालक लोक अभियोजन विजय यादव भा.पु.से. द्वारा किया जा रही थी। प्रकरण की पैरवी के संबंध में आवश्यक दिशा निर्देश एवं मार्गदर्शन समय-समय पर जारी किए जा रहे थे।प्रकरण में उप-संचालक अभियोजन सागर अनिल कटारे एवं वरिष्ठ एडीपीओ ताहिर खान बण्डा द्वारा प्ररकण में पैरवी की गई। प्रभावी अंतिम तर्क एवं न्यायदृष्टांत प्रस्तुत किये। जिसके आधार पर अभियोजन ने अपना मामला संदेह से परे प्रमाणित किया।
यह हुआ था घटनाक्रम
मीडिया प्रभारी अभियोजन सौरभ डिम्हा ने बताया कि 14 मार्च 2019 को फरियादी ने थाना बण्डा आकर रिपोर्ट दर्ज कराई कि उसकी नाबालिग लड़की जिसकी उम्र 12 साल है, उसे कोई अज्ञात व्यक्ति बहला-फुसला कर ले गया। रिपोर्ट पर अपराध दर्ज किया जाकर तलाश की गई।
गला काटकर कर दी हत्या
14 मार्च 2019 को बेरखेडी मौजाहार से उक्त नाबालिग की लाश बरामद की गई जो किसी धारदार हथियार से गला काटकर हत्या कर दी गई, घटना स्थल से करीब 45 फीट दूरी पर मृतिका का सिर पड़ा हुआ था, जिसमें अज्ञात आरोपी के विरूद्ध 302 प्रकरण दर्ज किया गया।
सामूहिक बलात्कार की हुई पुष्टि पीएम रिपोर्ट में
पी.एम. रिपोर्ट में डॉक्टर द्वारा सामूहिक बलात्कार की पुष्टि की गई। प्रकरण में धारा 376, 377 भादवि एवं 5/6 पॉक्सो एक्ट का इजाफा किया गया। प्रकरण में अनुसंधान के दौरान आरोपियों द्वारा मृतिका के साथ बारी-बारी से जबरन बलात्कार करना एवं हसिया से गला काटकर हत्या कर देना पाया गया।
विरल से विरलतम श्रेणी में माना न्यायालय ने यह प्रकरण
उक्त घटना से संबंधित वस्तुओं को जप्त कराया गया। वस्तुओ एवं आरोपियों को परीक्षण के लिए भेजा गया। इस प्रकरण की विवेचना पूर्ण कर अभियोग पत्र न्यायालय के समक्ष पेश किया गया। न्यायालय द्वारा प्रकरण की परिस्थितियों को देखते हुए प्रकरण को विरल से विरलतम श्रेणी में माना। जिसके आधार पर न्यायालय द्वारा आरोपी रामप्रसाद अहिरवार को धारा 363, 366, 376 (क) (ख) ,376 (घ) (ख) 302, 34 भादवि एवं 5 (छ) सहपठित धारा 6, 5 (ड) (ढ) पॉक्सो एक्ट में दोषसिद्ध पाते हुए मृत्युदंड से दंडित किया एवं आरोपी वंशीलाल अहिरवार को 376 (घ) (ख), 302, 201 भादवि में दोषसिद्ध पाते हुए मृत्युदंड से दंडित किया गया।