गबन के आरोपी पेट्रोल पंप मैनेजर को 3 साल के कठोर कारावास की सजा

🔲 4 लाख 59 हजार 269 रुपए एवं 56 पैसे का किया गबन

हरमुद्दा
रतलाम, 21 जनवरी। सत्र न्यायाधीश उमेश कुमार गुप्ता ने गबन के आरोपी पेट्रोल पंप के मैनेजर महेन्द्र सिंह भाटी पिता मांगू सिंह भाटी उम्र 39 साल नि-24 गणेश नगर, सैलाना रोड रतलाम को 3 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई। प्रकरण में पैरवी लोक अभियोजक विमल छिपानी ने की।

मीडिया सेल प्रभारी शिव मनावरे ने हरमुद्दा को बताया कि 20 अप्रैल 2016 को फरियादिया लक्ष्मी सिंह मोर्य द्वारा थाना बिलपांक पर उपस्थित होकर शिकायत आवेदन पत्र पेश किया था। जिसके अनुसार उनके मेसर्स कल्पवेद सेल्स एवं सर्विस पेट्रोल पंप अम्बोदिया फंटा रतलाम पर महेन्द्र सिंह भाटी मैनेजर के पद पर कार्य करता था। उसके द्वारा अक्टूबर 2015 से अप्रैल 2016 तक की अवधि में पेट्रोल पंप के हिसाब की राशि मे से गबन करते हुए बैंक में जमा नहीं कराई गई। 20 अप्रैल 2016 को भी उसे केश जमा करने के लिए दिए तो उसमे से भी 10,000 रुपए की राशि बैंक में कम जमा की।

शिकायत पर किया प्रकरण दर्ज

उक्त शिकायती आवेदन पत्र पर से थाना बिलपांक पर आरोपी महेन्द्र सिंह भाटी के विरूद्ध अपराध क्र 204/2016 धारा 406, 409 भादवि का अपराध पंजीबद्ध कर प्रकरण विवेचना मे लिया गया।

4 लाख 59 हजार 269 रुपए एवं 56 पैसे का गबन

विवेचना के दौरान पुलिस द्वारा फरियादी एवं साक्षियों के कथन लेखबद्ध किए गए तथा फरियादी से आरोपी की नियुक्ति संबंधी दस्तावेज पेट्रोल पंप का बिक्री संबंधी रजिस्टर व हिसाब के दस्तावेज तथा बैंक खाते के स्टेटमेंट प्राप्त किए गए। आवश्यक अनुसंधान में आरोपी द्वारा मैनेजर के रूप मे फरियादिया लक्ष्मीे सिंह मोर्य के अम्बोदिया फंटा जिला रतलाम स्थित पेट्रोल पंप पर कार्य करते हुए पेट्रोल पंप के हिसाब की कुल 4,59,269 रुपए एवं 56 पैसे की राशि बैंक में जमा नहीं करते हुए गबन करना पाया गया। आरोपी के विरूद्ध अभियोग पत्र धारा 406, 409 में प्रस्तुत किया गया।

न्यायालय ने पाया दोष सिद्ध, सुनाई सजा

विचारण उपरांत न्यायालय द्वारा 21 जनवरी 2021 को आरोपी महेन्द्र सिंह भाटी पिता मांगू सिंह भाटी को दोषसिद्ध पाते हुए धारा 409 भादवि में 3 वर्ष के कठोर कारावास की सजा से दण्डित किया और अपील अवधि पश्चात प्रतिकर राशि 5 लाख रुपए प्रार्थिया लक्ष्मी सिंह मोर्य को अदायगी का दण्डादेश दिया गया। प्रतिकर की राशि अदा न किए जाने पर आरोपी को 1 वर्ष का कठोर कारावास की सजा का भी आदेश दिया गया।

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