राजनीतिक कार्यों के लिए नहीं होगा धार्मिक स्थलों और संस्थाओं का उपयोग

रतलाम 23 मार्च। सभी धार्मिक स्थलों और संस्थाओं का राजनीतिक कार्यों के लिए उपयोग करना पूर्णत: वर्जित है। जिले में किसी भी धार्मिक स्थान या संस्था का राजनीतिक और अन्य प्रयोजनों के लिए दुरुपयोग निवारित करने हेतु धारा 3 के तहत कोई धार्मिक संस्था या उसका प्रबंधक संस्था के या उसके नियंत्रण के अधीन किसी परिसर का उपयोग राजनीतिक प्रयोजन हेतु नहीं करेगा। लोक सभा निर्वाचन 2019 के अंतर्गत आदर्श आचरण संहिता प्रभावशील है। यह निर्देश कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी रुचिका चौहान ने देते हुए बताया कि अधिनियम की धारा 4 के अंतर्गत धार्मिक परिसर में आयुध और गोला-बारूद ले जाने भंडारण पर पूर्णता प्रतिबंध रहेगा। धारा 5 के तहत कतिपय क्रियाकलापों हेतु धार्मिक संस्थाओं की निधियों का उपयोग प्रतिषेध रहेगा। धारा 6 के मुताबिक राजनीतिक विचारों का प्रचार करने के लिए धार्मिक स्थल एवं परिसर का उपयोग पूर्ण रूपेण प्रतिबंधित रहेगा।

आयोजन दें जानकारी
जिला निर्वाचन अधिकारी द्वारा कहा गया है कि ऐसे किसी भी आयोजन के संबंध में धार्मिक संस्था के प्रबंधक या अन्य कर्मचारी द्वारा संबंधित क्षेत्र के पुलिस थाना प्रभारी को उसकी सूचना देना अनिवार्य है। सूचना न देना भी एक आपराधिक कृत्य है और सूचना न देने वाले के विरुद्ध अधिनियम की धारा 356,79 के तहत आपराधिक प्रकरण दर्ज किया जाएगा। जिसमें आरोपित व्यक्ति पर 5 वर्ष का कारावास और दस हजार रूपए का अर्थदंड साथ ही भारतीय दंड विधान की धारा 174 के तहत एक माह तक का कारावास या पांच सौ रूपए का अर्थदंड अथवा दोनों दंड दिए जा सकते हैं।
सूचना चस्पा करें पटल पर
जिला निर्वाचन अधिकारी द्वारा संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि अधिनियम के प्रावधानों से अपने क्षेत्र के सभी धार्मिक स्थलों के धर्मगुरुओ, संस्थाओं के पदाधिकारियों सदस्यों को धार्मिक स्थलों के सूचना पटल पर चस्पा के माध्यम से अवगत कराएं।

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