आपदा में अवसर का नवाचार : निमाड़ से टुंडा बांस की विशेष प्रजाति के मंगवाए पौधे, बनेंगे फर्नीचर और अगरबत्ती स्टीक

 अब तक पोधारोपण पर मजदूरों को 470 दिवस रोजगार उपलब्ध

हरमुद्दा
रतलाम, 21 फरवरी। कोरोना काल में जब मजदूरों को रोजगार नहीं मिल रहा था, तब उस समय ग्राम पंचायत बांगरोद ने मजदूरों को रोजगार देने के लिए सोचा और गौशाला परिसर में खाली शासकीय भूमि पर 2400 टुंडा बॉस पौधे लगवाने की योजना म.प्र. जनअभियान परिषद् के माध्यम से बनाई। उल्लेखनीय है कि टुंडा बांस विशेष प्रजाति है जिसकी लकड़ी से अगरबत्ती स्टीक तथा फर्नीचर तैयार किया जाता है।

ग्राम पंचायत ने प्रस्ताव बनाकर भेजा। मनेरगा से योजना के लिए 13 लाख 56 हजार रुपए की प्रसासकीय स्वीकृति आ गई। बांस लगाने की योजना की स्वीकृति प्राप्त होते ही गौशाला में मजदूरों से गड्ढे खुदवार समतलीकरण करवाया व टुंडा बांस के पौधे लगवाने प्रारंभ किए। निमाड क्षेत्र से टुंडा बांस की विशेष प्रजाति के पौधे मंगवाए गए। उल्लेखनीय है कि टुंडा बांस विशेष प्रजाति है जिसकी लकडी से अगरबत्ती स्टीक तथा फर्नीचर तैयार किया जाता है।

सभी पौधे, जीवित मजदूर कर रहे हैं देखभाल: सरपंच साधना समरथ पाटीदार

सरपंच साधना समरथ पाटीदार ने बताया कि वर्तमान में सभी पौधे जीवित है, उनकी देखभाल मजदूरों द्वारा लगातार की जा रही है। अब तक 1200 पौधे लगाए जा चुके हैं। आगे खाली पड़ी भूमि चिह्नांकित कर बचे पौधे रोपित किए जाएंगे। अब तक पोधारोपण पर मजदूरों को 470 दिवस रोजगार उपलब्ध कराया जा चुका है। 5 वर्षो में 2200 रोजगार दिवस सृजित होंगे। पौधे तीन साल में पर्याप्त ऊंचाई अर्जित कर लेंगे, इसे क्षेत्रीय ग्रामीणों को उपलब्ध कराया जाकर अगरबत्ती निर्माण तथा फर्नीचर निर्माण कराने की योजना है जिससे क्षेत्र के लोगों को रोजगार प्राप्त होगा।

टुंडा बांस के बने फर्नीचर!

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