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रतलाम चित्‍तौड़गढ़ नवविद्युतीकृत रेल खंड का वीडियो कॉन्‍फ्रेंस के माध्‍यम से लोकार्पण

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 रेल, वाणिज्‍य एवं उद्योग, उपभोक्‍ता कार्य, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री, भारत सरकार पीयूष गोयल

हरमुद्दा
रतलाम, 21 फरवरी। पश्चिम रेलवे रतलाम मंडल के रतलाम-चित्‍तौड़गढ़ रेल खंड का विद्यु‍तीकरण पूर्ण होने के पश्‍चात 21 फरवरी को लोकार्पण रेल, वाणिज्‍य एवं उद्योग, उपभोक्‍ता कार्य, खाद्य एवं सार्वजनिक  वितरण मंत्री, भारत सरकार के हाथों हुआ।

हरी झंडी दिखाते हुए रेल मंत्री श्री गोयल।

मंडल रेल प्रवक्‍ता जेके जयंत ने बताया कि लोकार्पण समारोह में सांसद रतलाम गुमान सिंह डामोर, पूर्व विधायक संगीता चारेल, सांसद चित्‍तौड़गढ़ सी पी जोशी चित्‍तौड़गढ़ स्‍टेशन से शामिल हुए। इस दौरान मंडल रेल प्रबंधक विनीत गुप्‍ता, अपर मंडल रेल प्रबंधक के.के. सिन्‍हा  सहित अन्‍य शाखधिकारी, मंडल रेल उपभोक्‍ता सलाहकार समिति  के सदस्‍य एवं बड़ी संख्‍या में नागरिक शामिल हुए।

लोकार्पण अवसर पर मौजूद सांसद डामोर व अन्य

ब्रॉडगेज रेल मार्गों पर वर्ष 2023 तक शत-प्रतिशत विद्युतीकरण

मंडल प्रवक्ता जेके जयंत ने बताया कि भारतीय रेलवे द्वारा  सभी ब्रॉडगेज रेल मार्गों पर वर्ष 2023 तक शत-प्रतिशत विद्युतीकरण के मिशन के अनुपालन के क्रम में पश्चिम रेलवे रतलाम मंडल ने इस महत्वाकांक्षी लक्ष्य को हासिल करने के लिए हर सम्भव बेहतरीन प्रयास सुनिश्चित करने का संकल्प लिया है।

कठिनतम चुनौतियों में भी लक्ष्य प्राप्त

राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन के कारण उपजी विपरीत परिस्थितियों और कठिनतम चुनौतियों के बावजूद इस दिशा में निर्धारित लक्ष्य प्राप्त करने के लिए पश्चिम रेलवे पूरी तरह तैयार है। इस क्रम में, रतलाम – चित्तौड़गढ़  रेल खंड के विद्युतीकरण का कार्य सफलतापूर्वक पूरा किया गया है। यह कार्य केवल 18 महीनों में पूरा हो चुका है, जिनमें कोविड-19 के कारण अप्रैल, 2020 से सितम्बर, 2020 तक छह महीने की लॉकडाउन अवधि भी शामिल है।
रतलाम – चित्तौड़गढ़ रेल खंड पश्चिम रेलवे पर माल यातायात और यात्री परिवहन का एक महत्वपूर्ण रेलमार्ग है। इस खंड की विद्युतीकरण परियोजना को वर्ष 2016 – 17 में 205 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत पर मंजूरी दी गई थी। इस परियोजना की कुल लम्बाई 191 रुट किलोमीटर / 301 ट्रैक किलोमीटर है। ट्रैक्शन सब स्टेशन और रखरखाव डिपो जावरा, सिंदपन, नीमच और चित्तौड़गढ़ में बनाए गए हैं। इस मार्ग पर  9 निजी साइडिंग्स स्थित हैं, जो पश्चिम रेलवे के माल ढुलाई यातायात में महत्वपूर्ण योगदान दे रही हैं। इस खंड का विद्युतीकरण कार्य रिकॉर्ड समय के भीतर पूरा हो गया है, जो भारतीय रेलवे पर विद्युतीकरण के सर्वोत्तम परियोजना प्रदर्शनों में से एक है। पश्चिम रेलवे के इंदौर- रतलाम- चित्तौडगढ़ रेल खंड का विद्युतीकरण निर्बाध और द्रुतगामी कनेक्टिविटी प्रदान करेगा, जिसके फलस्वरूप मेल/ एक्सप्रेस तथा मालगाड़ियों का परिचालन इलैक्ट्रिक ट्रैक्शन पर किया जा सकेगा।

इंजनों और वैगनों के डिटेंशन में आएगी कमी

यह विद्युतीकरण रतलाम में कर्षण परिवर्तन की आवश्यकता को खत्म कर देगा, जिसके परिणामस्वरूप रतलाम यार्ड में इंजनों और वैगनों के डिटेंशन में कमी आएगी और  रतलाम यार्ड का डी- कंजेशन सुनिश्चित किया जा सकेगा। साथ ही यह उपलब्धि देश के पश्चिमी हिस्सों से मध्य और दक्षिणी भागों के साथ विद्युतीकृत ब्रॉडगेज लाइनों के माध्यम से सीधी रेल कनेक्टिविटी भी सुनिश्चित करेगी। इसके अलावा, पश्चिम रेलवे ने विद्युतीकरण के साथ फतेहाबाद -का रेल खंड के गेज रूपांतरण  भी पूरा कर लिया है।

इलेक्ट्रिक कर्षण के माध्यम से मिलेगी निर्बाध कनेक्टिविटी

यह परियोजना रतलाम से उज्जैन और इंदौर के बीच फतेहाबाद के रास्ते तथा रतलाम से आगे उदयपुर, अजमेर, जयपुर और उसके आगे तक इलेक्ट्रिक कर्षण के माध्यम से निर्बाध कनेक्टिविटी प्रदान करेगी। इन खंडों के विद्युतीकरण के बाद पश्चिम रेलवे के इस मार्ग पर अब 16 जोड़ी मेल /एक्सप्रेस ट्रेनों का परिचालन इलेक्ट्रिक कर्षण पर करने की योजना बनाई गई है। इनमें से कुछ ट्रेनें पूरी तरह डीजल कर्षण पर चल रही थीं और कुछ ट्रेनों को रतलाम डीजल शेड से डीजल लोको प्रदान किए जा रहे थे। अब, इस नए विद्युतीकृत अनुभाग पर अत्याधुनिक ऊर्जा कुशल 3 फेज़ शक्तिशाली इलेक्ट्रिक लोकोमोटिव्स जैसे WAP7 को तैनात करना सम्भव होगा। इसके फलस्वरूप  इस खंड पर मेल / एक्सप्रेस ट्रेनों की रफ्तार को लगभग एक घंटे तक बढ़ाया जा सकेगा।

लगभग 27.54 करोड़ की शुद्ध बचत

विद्युत कर्षण पर स्विच ओवर के परिणामस्वरूप ऊर्जा बिल में पर्याप्त बचत होगी और एचएसडी तेल की खपत को भी कम किया जा सकेगा। इलेक्ट्रिक लोकोमोटिव द्वारा 1000 जीटीकेएम फ्रेट ट्रैफिक को हॉल करने की ऊर्जा लागत तकरीबन सिर्फ 27.50 रुपए आती है, जो डीजल कर्षण के लिए आने वाली लगभग 150 रुपए की लागत से काफी कम है। महंगे डीजल ईंधन के स्थान पर बिजली के उपयोग के परिणामस्वरूप विदेशी मुद्रा की भी बचत सुनिश्चित होगी। बिजली के साथ डीजल की मौजूदा सेवाओं के आधार पर की गई तुलनात्मक गणना के अनुसार यात्री ट्रेनों के परिचालन पर प्रति वर्ष 9.2 करोड़ रुपए तथा माल ढुलाई सेवाओं पर प्रति वर्ष 18.34 करोड़ रुपए प्रति वर्ष अर्थात् लगभग 27.54 करोड़ की शुद्ध बचत सुनिश्चित होगी। रतलाम चित्‍तौड़गढ़ खंड का विद्युतीकरण में लगभग 205.44 करोड़ का खर्च हुआ है।

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