जीएसटी की जटिलता : अनेक मुद्दों को लेकर नगर के व्यापारिक प्रतिष्ठान शुक्रवार को 12 बजे तक रहेंगे बंद, देंगे ज्ञापन

 कनफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) की रतलाम इकाई का आह्वान

 शहर के जाने-माने व्यापारी एसोसिएशन हुए एकमत

हरमुद्दा
रतलाम, 25 फरवरी। व्यापारी संगठनों की एकजुटता के तहत शहर के सभी प्रमुख व्यापारिक संगठनों ने 26 फरवरी को आधे दिन के लिए रतलाम बंद का आह्वान किया गया है। बंद का आह्वान जीएसटी के जटिल प्रावधानों और संशोधित नियमों के विरोध में किया गया है। यह स्वैच्छिक होकर दोपहर 12 बजे तक रहेगा। इस दौरान व्यापारी चांदनी चौक से वाहन रैली निकालकर कलेक्ट्रेट पहुंचेंगे और कलेक्टर को पीएम व गृहमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपेंगे।

कनफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स की रतलाम इकाई के अध्यक्ष वरुण पोरवाल एवं सचिव मनोज सिंगावत ने हरमुद्दा को बताया जीएसटी में जटिलता के मुद्दे पर गुरुवार को एक बैठक का आयोजन किया गया।

बैठक में मौजूद व्यापारिक संगठन के पदाधिकारी।

इसमें प्रमुख व्यापारिक संगठनों ने भाग लिया। बैठक में जीएसटी विशेषज्ञ नवीन पोखरना एवं अभि रांका भी मौजूद थे। उन्होंने जीएसटी से संबंधित कानून के संशोधन के संबंध में बात रखी। विशेषज्ञों ने व्यापारियों की जीएसटी संबंधी जिज्ञासाओं को भी शांत किया।

प्रधानमंत्री और गृह मंत्री के नाम कलेक्टर को देंगे ज्ञापन

बैठक में सांकेतिक विरोध दर्ज कराने का निर्णय भी लिया गया जिसके तहत 26 फरवरी को दोपहर 12 बजे तक व्यापारिक प्रतिष्ठान बंद रखकर प्रधानमंत्री एवं गृहमंत्री के नाम कलेक्टर को ज्ञापन देने सौंपने पर सहमति बनी।

चांदनी चौक में एकत्र होंगे सभी व्यापारी, जाएंगे कलेक्ट्रेट

बैठक में लिए गए निर्णय के अनुसार शुक्रवार को सुबह 10:30 बजे तक चांदनी चौक सर्राफा एसोसिएशन के कार्यालय के नीचे सभी व्यापारी एकत्र होंगे। यहां से अपने वाहनों से कलेक्ट्रेट पहुंचेंगे, जहां ज्ञापन दिया जाएगा। इस दौरान सकारात्मक दृष्टिकोण एवं शांतिपूर्ण तरीके से जीएसटी के संशोधित प्रावधानों का विरोध किया जाएगाl

जीएसटी के प्रावधान जिससे व्यापारियों की जटिलता बढ़ रही

एक ही प्रोडक्ट का क्लासिफिकेशन अलग-अलग राज्य में एडवांस रूलिंग के तहत अलग-अलग किया जा रहा है। इसके लिए नेशनल एडवांस रूलिंग अथॉरिटी का अभी तक गठन नहीं किया गया है। इससे बहुत परेशानी हो रही है।
4 साल हो गए हैं लेकिन अभी तक अपीलेट ट्रिब्यूनल गठित नहीं हुआ है। इससे हर छोटे केस के लिए व्यापारी को हाईकोर्ट जाना पड़ रहा है।
जीएसटी कंप्लायंस से संबंधित कोई भी बदलाव लाया जाता है तो व्यापार को अपने सॉफ्टवेयर में बदलाव का समय नहीं दिया जाता। ना ही उसे बदलाव समझने का मौका दिया जाता है।
टैक्स से ज़्यादा लेट फ़ी लगाई जाती है।

यह चाहते हैं व्यापारी

 ई-वे बिल का अमाउंट 50 हजार से बढ़ाकर कम से कम ₹1,00,000 किया जाए। ई-वे बिल उपलब्ध ना होने पर जो पेनल्टी के प्रावधान बजट में किए हैं गए हैं उसे 200 फीसदी के बजाय 100 फीसदी ही रखा जाए।
 अगर इनपुट क्रेडिट में कोई त्रुटि हो गई हो तो उसे ठीक करने हेतु कम से कम 2 माह का समय दिया जाए। 2 महीने के पश्चात ही यह देखा जाए कि उसने एक्सिस क्लेम किया कि नहीं किया।
लेट फीस की पेनल्टी अधिकतम ₹ 5000 को घटाकर ₹ 500 की जाए।

ये संगठन शामिल हुए बैठक में, यह की अपील

इसमें रतलाम शहर प्रमुख व्यापारिक संगठन शामिल हुए। इनमें सराफा व्यापार एसोसिएशन, नमकीन एसोसिएशन, साड़ी एसोसिएशन, साड़ी विक्रेता संघ, रतलाम इलेक्ट्रिक व्यापार संघ, संभागीय उद्योग संघ, दि ग्रेन एंड सीड्स मर्चेंट एसोसिएशन, मालवा चेंबर ऑफ कॉमर्स, कपड़ा व्यापारी संघ, वैश्य महासम्मेलन, मंडी व्यापारी संघ, खाद्य-बीज संघ सहित अन्य। कनफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स की रतलाम इकाई ने सभी व्यवसायियों से इस विरोध को सफल बनाने की अपील की है।

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