हाई वे रख-रखाव नहीं करने पर कार्रवाई : एमपीआरडीसी ने चिकलिया टोल लिया अपने कब्जे में

🔲 रविवार सुबह चिकलिया टोल पर निलंबन की कार्रवाई

हरमुद्दा
रतलाम,28 फरवरी। सड़क निर्माण करने के बाद उनका रख-रखाव नहीं करने से प्रदेश के कई स्टेट हाइवे की हालत जर्जर होती जा रही है, जिसके कारण वाहन दुर्घटनाएं भी हो रही हैं। हाइकोर्ट के आदेश के बाद एमपीआरडीसी ने कार्रवाई की। एमपीआरडीसी द्वारा चिकलिया टोल पर बड़ी कार्रवाई करते हुए टोल को अपने अधिकार क्षेत्र में ले लिया। एमपीआरडीसी के अधिकारियों ने रविवार सुबह चिकलिया टोल पर निलंबन की कार्रवाई की।

गौरतलब है कि स्टेट हाइवे पर सड़कों के निर्माण के बाद टोल नाकों पर वसूली तो की जाती है, लेकिन उसके बदले नियमानुसार सड़कों का मेंटेनेंस भी किया जाना चाहिए। यह शर्तें अनुबंध के समय भी तय की जाती हैं, लेकिन उसके बाद काम नहीं किया जाता है। जिससे सड़क दुर्घटनाएं होती हैं। इस संबंध में हाइकोर्ट में लगी एक याचिका के बाद हाइकोर्ट ने 12 अक्टूबर 2020 को एमपीआरडीसी को कार्रवाई करने के निर्देश दिए थे।

रविवार की सुबह 8 बजे सस्पेंड करते हुए टोल अपने कब्जे में लिया

एमपीआरडीसी ने चिकलिया टोल रविवार की सुबह 6 बजे सस्पेंड करते हुए अपने कब्जे में ले लिया है। चिकलिया टोल नाके का संचालन व्यवस्था अपने हाथों में लेते हुए उन्हीं कर्मचारियों से फिर यहां प्रक्रिया शुरू हो गई है। सस्पेंड करने के लिए एमपीआरडीसी के संभागीय प्रबंधक सहित अन्य अधिकारी पहुंचे थे।

180 दिनों में समस्याओं का समाधान नहीं तो कार्रवाई बर्खास्त की

एमपीआरडीसी के संभागीय प्रबंधक श्री मनवानी

एमपीआरडीसी के संभागीय प्रबंधक सुरेश कुमार मनवानी ने बताया कि चिकलिया टोल पर कंपनी की परफारमेंस सही नहीं था, जिसकी वजह से निलंबन की कार्रवाई की है। श्री मनवानी ने बताया कि अभी संस्पेशन की कार्रवाई हुई है। कंपनी को 180 दिन का समय दिया गया है। इसमें सेवाए बेहतर कर और सभी शिकायतों का समाधान किया जाता है तो कंपनी को पुनः टोल संचालन के लिए मिल सकता है। अगर कंपनी इन 180 दिनों में समस्याओ का समाधान नहीं कर पाती है तो बर्खास्त की कार्रवाई की जाएगी।

2 करोड़ का जुर्माना

श्री मनवानी ने बताया कि कंपनी पर अब तक 2 करोड़ का जुर्माना भी लगाया जा चुका है। सागर-दमोह एवं महू-घाटा बिल्लोद टोल को टर्मिनेट करने की भी कार्रवाई एमपीआरडीसी ने की है।

कार्रवाई में यह थे साथ

कार्रवाई के दौरान एमपीआरडीसी के संभागीय प्रबंधक एसके मनवानी, विधि सलाहकार स्वस्तिक सिंह, एमपीआरडीसी के सहायक महाप्रबंधक अतुल मूले मौजूद थे। नाका सस्पेंड करने के लिए एक समिति बनाई गई जिसमें प्रबंधक विक्रम ठाकुर, अभिषेक गोखरू, प्रतीक शर्मा, संतोष सुपेकर शामिल थे।

कार्यरत कर्मचारियों में इससे नौकरी जाने का भय से आक्रोश

रविवार की सुबह एमपीआरडीसी की टीम टोल नाके पहुंची और टोल पर का संस्पेंशन की कार्रवाई करते हुए टोल का संचालन अपने हाथो में लिया। इससे टोल पर कार्यरत कर्मचारियों में इससे नौकरी जाने का भय उत्पन्न हो गया और उन्होंने काम बंद कर दिया। कुछ समय के लिए टोल नाका फ्री फ़ॉर ऑल हो गया था। टोल पर हुई इस उठापटक में टोल कुछ समय के लिए फ्री रहा और सैकड़ों वाहन बिना टोल टैक्स चुकाए निकले। इसके बाद अधिकारियों ने कर्मचारियों को समझा कर फिर से काम पर लगाया और वसूली की कार्रवाई फिर से शुरू हो पाई। 

या फिर टोल टैक्स करें आधा

टोल वसूली बंद करने की मांग की लेकिन जब अफसरों ने कोई सुनवाई नहीं की तो हाई कोर्ट इंदौर में जनहित याचिका लगाई थी। कोर्ट के आदेश के बाद एमपीआरडीसी ने कार्रवाई तो की है। अभी भी खराब सड़कों पर टोल टैक्स लिया जा रहा है। जब तक सड़कें ठीक नहीं होती तब तक के लिए टोल टैक्स नहीं लेना चाहिए या टोल टैक्स आधा करना चाहिए।

🔲 प्रशांत ग्वालियरी, अभिभाषक, जनहित याचिकाकर्ता

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