यह लक्षण है थायरॉइड के, होगा नि:शुल्क परीक्षण शिविर आज
🔲 थायरॉइड के बारे में जानिए विस्तार से
हरमुद्दा
रतलाम, 08 मार्च। अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर सोमवार को नि:शुल्क थायरॉइड शिविर का आयोजन दो स्थानों पर होगा। महिलाओं के लिए नि:शुल्क ब्लड टेस्ट किया जाएगा। थायरॉइड होने के विभिन्न लक्षण सामान्य रूप से नजर आ जाते हैं। थायरॉइड के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई है।
मेहरा नर्सिंग होम एवं लैबवे के संयुक्त तत्वावधान में होने वाले शिविर में सुबह 8 बजे से दोपहर 12 बजे तक परीक्षण होगा। शिविर दो स्थानों पर एक साथ संचालित होगा। पहला स्थान “मेहरा नर्सिंग होम” काटजू नगर, बीएसएनएल ऑफिस के सामने एवं दूसरा स्थान “लैबवे” ब्लाक न. जी-2, राजीव गाँधी सिविक सेंटर, तरणताल के पास हीग।अधिक जानकारी के लिए मोबाइल नंबर 851789 1111 पर संपर्क कर सकते है।रजिस्ट्रेशन भी दिए गए स्थान पर सुबह ही किया जाएगा। रजिस्ट्रेशन शुल्क मात्र 20 रुपए रखा गया है। रिपोर्ट प्राप्त करने की सुविधा व्हाट्सएप और ईमेल के माध्यम से भी रखी गई है।
महिलाओं से आह्वान
आयोजक डॉ. अभी मेहरा एवं नीरज बरमेचा ने नगर की महिलाओं से आह्वान किया है कि नि:शुल्क थाइराइड (टी एस एच) टेस्ट शिविर का अधिकाधिक लाभ उठाएं।
थायरॉइड के बारे में जानकारी एक नजर में
थायरॉइड क्या है?
थायरॉइड ग्रन्थि में आई गड़बड़ी के कारण थायरॉइड से संबंधित रोग जैसे Hyperthyroidism या Hypothyroidism होते है। Thyroid gland को अवटु ग्रन्थि भी कहा जाता है। अवटु या Thyroid ग्रन्थियाँ मानव शरीर में पाई जाने वाली सबसे बड़ी अतस्रावी ग्रंथियों में से एक है।
यह द्विपिंडक रचना हमारे गले में स्वरयंत्र के नीचे Cricoid Cartilage के लगभग समान स्तर पर स्थित होती है। शरीर की चयापचय क्रिया में थायरॉइड ग्रंथि का विशेष योगदान होता है।
यह Thyroid ग्रन्थि Tri–iodothyronin (T3) और Thyrocalcitonin नामक हार्मोन स्रावित करती है। ये हार्मोन शरीर के चयापचय दर और अन्य विकास तंत्रों को प्रभावित करते हैं। Thyroid harmone हमारे शरीर की सभी प्रक्रियाओं की गति को नियंत्रित करता है।
थायरॉइड हार्मोन का काम
🔲 थायरोक्सिन (Thyroxine) हार्मोन वसा, प्रोटीन और कार्बोहाइड्रेट के चयापचय को नियंत्रित रखता है।
🔲 यह रक्त में चीनी, कोलेस्ट्रॉल (Cholestrol) तथा फोस्फोलिपिड की मात्रा को कम करता है।
🔲 यह हड्डियों, पेशियों, लैंगिक तथा मानसिक वृद्धि को नियंत्रित करता है।
🔲 हृदयगति एवं रक्तचाप को नियंत्रित रखता है।
🔲 महिलाओं में दुग्धस्राव को बढ़ाता है।
थायरॉइड रोग के प्रकार
थायरॉइड ग्रंथि विकार दो प्रकार के होते हैं।
🔲 थायरॉइड ग्रंथि की अतिसक्रियता (Hyperthyrodism)
🔲 अल्पसक्रियता (Hypothyrodism)
🔲 थायरॉइड ग्रंथि की अतिसक्रियता (Hyperthyrodism)
🔲 थायरॉइड ग्रंथि की अतिसक्रियता के कारण T4 और T3 harmone का आवश्यकता से अधिक उत्पादन होने लगता है। जब इन हार्मोन्स का उत्पादन अधिक मात्रा में होने लगता है तो शरीर ऊर्जा का उपयोग अधिक मात्रा में करने लगता है। इसे ही हाइपरथायरायडिज्म (Hyperthyroidism) कहते हैं। पुरुषों की तुलना महिलाओं में यह समस्या अधिक देखी जाती है।
थायरॉइड की पहचान के ये है लक्षण
🔲 थायरॉइड हार्मोन (Thyroid harmone) की अधिकता के कारण शरीर में चयापचय यानी मेटाबोलिज्म (Metabolis) बढ़ जाता है, और हर काम तेजी से होने लगता है।
🔲 घबराहट
🔲 चिड़चिड़ापन
🔲 अधिक पसीना आना।
🔲 हाथों का काँपना।
🔲 बालो का पतला होना एवं झड़ना
🔲 अनिद्रा (नींद ना आने की परेशानी)
🔲 मांसपेशियों में कमजोरी एवं दर्द रहना।
🔲 दिल की धड़कन बढ़ना।
🔲 बहुत भूख लगने के बाद भी वजन घटता है।
🔲 महिलाओं में मासिक धर्म की अनियमितता देखी जाती है।
🔲 ओस्टियोपोरोसिस (Osteoporosis) हो जाता है, जिसकी वजह से हड्डी में कैल्शियम (Calcium) तेजी से खत्म होता है।
🔲 अल्पसक्रियता (Hypothyrodism)
थायराइड की अल्प सक्रियता के कारण हाइपोथायरायडिज्म (Hypothyroidism) हो जाता है। इसकी पहचान इन परेशानियों से की जा सकती है।
🔲 धड़कन की धीमी गति।
🔲 हमेशा थकान बना रहना।
🔲 अवसाद (Depression)
🔲 सर्दी के प्रति अधिक संवेदनशील होना।
🔲 मेटाबोलिज्म धीमा पड़ने के कारण वजन बढ़ना।
🔲 नाखूनों का पतला होना एवं टूटना।
🔲 पसीने में कमी।
🔲 त्वचा में सूखापन आना और खुजली होना।
🔲 जोड़ो में दर्द और मांसपेशियों में अकड़न होना।
🔲 बालों का अधिक झड़ना।
🔲 कब्ज
🔲 आँखों में सूजन।
🔲 बार-बार भूलना।
🔲 कन्फ्यूज रहना, सोचने-समझने में असमर्थ होना।
🔲 मासिक धर्म में अनियमितता होना। 28 दिन की साइकिल का 40 दिन या इससे अधिक दिन का होना।
🔲 चेहरे और आँखों में सूजन।
🔲 खून में कोलेस्ट्रोल (Cholestrol) का स्तर बढ़ जाना।
🔲 महिलाओं में इसके कारण बांझपन आ सकता है।
थायरॉइड रोग होने के कारण
🔲 अधिक तनावपूर्ण जीवन जीने से थायरॉइड हार्मोन (Thyroid harmone) की सक्रियता पर असर पड़ता है।
🔲 आहार में आयोडीन की मात्रा कम या ज्यादा होने से थायरॉइड ग्रंथियाँ विशेष रूप से प्रभावित होती हैं।
🔲 यह रोग अनुवांशिक भी हो सकता है। यदि परिवार के दूसरे सदस्यों को भी यह समस्या रही हो, तो परिवार के दूसरे सदस्यों को भी हो सकती है।
🔲 महिलाओं में गर्भावस्था के दौरान थायरॉइड हार्मोन्स में असंतुलन देखा जाता है, क्योंकि इस समय महिलाओं के शरीर में कई हार्मोनल बदलाव आते हैं।
🔲 भोजन में सोया उत्पादों का अधिक इस्तेमाल करने के कारण।