मेडिकल कॉलेज में सुधार के प्रयास शुरू : सभी नींद से जागे, संक्रमितों की सुरक्षा के लिए भागे
🔲 किसी के मति भ्रम के कारण मेडिकल कालेज प्रायवेट लिमेटेड बनने लगा
🔲 अब शुरू हुई नर्सों की भर्ती की प्रक्रिया
अनिल पांचाल
रतलाम, 14 अप्रैल। बुधवार को कोविड अस्पताल में सुधार के पांच प्रतिशत प्रयास शुरू हुए है, और इसका श्रेय प्रभारी मंत्री श्री जगदीश देवड़ा और जावरा विधायक डाँ. श्री राजेन्द्र पाण्डेय को दिया जा सकता है जिन्होने जनहित की बातों को दमदारी के साथ रखा और अफसरों को बताया कि वो रतलाम नगर ही नहीं पूरे जिले के अफसर है। दरअसल किसी के मति भ्रम के कारण मेडिकल कालेज प्रायवेट लिमेटेड बनने लगा है, जहां होने वाली लूट खसौट,मनमानी और लापरवाही की जानकारी मंगलवार को हुई भरी बैठक में सिलसिलेवार उजागर होती गई।
बैठक में मिली दो दिन की चेतावनी के बाद जो काम आज से शुरू हुए है वो पहले भी हो सकते थे, मगर सब हाथ पर हाथ धर कर मानों प्रभारी मंत्री के आगमन का इंतजार कर रहे थे, वे आए और ये सभी नींद से जागे और कोरोना संक्रमितों की सुरक्षा के लिए भागे है।
हाल और हालात ये है कि मरने वाले 20 लोगों की पैकिंग के लिए दो कर्मचारी है और इन्ही पर इन शवों के अंतिम संस्कार की भी जिम्मेदारी है।
बुधवार को इस मामले में फिर हल्ला मचा तो कुछ कर्मचारियों को बढ़ाया जाना बताया जाता है। ये प्रक्रिया पहले भी पूरी हो सकती थी, जो इनके अधिकार क्षेत्र में थी, दवाईयों की खरीदी भी एक तय राशि तक इनके अधिकार क्षेत्र में है मगर आज हालात ये है कि समाजसेवी संस्थाओं से दवाईयां मंगवाई जा रही है।
कर्मचारियों की भर्ती का दौर आज से शुरू हुआ है और चिकित्सा विभाग के सहयोग से मेडिकल कालेज का प्रबंधन इस प्रक्रिया को भी जैसे-तैसे दो दिन में पूरा करने का प्रयास कर रहा है।
परिजनों को दिखाने की भी कार्रवाई शुरू
आज आईसीयू व अन्य वार्डो में भर्ती गंभीर रोगियों की हालत उनके परिजनों को दिखाने की भी कार्रवाई शुरू की गई है और 10-10 परिजन अपने रोगी परिजन की हालत देख कर आ रहे थे।
फिर भी भर्ती कराने में लग गया काफी समय
इसके बावजूद कोविड अस्पताल में हाऊसफुल की स्थिति के चलते बुधवार को एक संक्रमित को भर्ती कराने के लिए इनके साथी दो घंटे तक भटकते रहे है, और इनके तमाम प्रयासों के बाद बिस्तर का इंतजाम हो पाया है।
सब बैलगाम होकर अपनी मनमानी पर उतारू
सबसे बड़ी बात यहां अव्यवस्था फैलाने वालों पर लगाम नहीं लग रही थी, ऐसे में सब बैलगाम होकर अपनी मनमानी पर उतारू थे। सप्ताह-पन्द्रह दिन में रोगियों के विचार वाले वीडिय़ों और प्रायोजित समाचार छपवा कर आमजन के बीच अपनी व्यवस्थाओं को चाक चौबंद करने का दिखावा जारी रहा, जिसकी पोल छप्पर फाड़ कर मंगलवार को खुली और अब सुधार की स्थिति बनते दिखाई दे रही है। मगर इसके लिए भी जरूरी है कि हमारे जनप्रतिनिधि इन पर सतत निगरानी रखते रहे। खास बात ये भी रही कि मंगलवार को ही कांग्रेस विधायकों ने सुबह कोविड अस्पताल की खामिया उजागर की और शाम को प्रभारी मंत्री के सामने भी यही खामिया उजागर हो गई।
अव्वल तो जनता भी ऐसी कोई असावधानी न बरते
कल हुई बैठक के दौरान जब प्रदेश के वित्त मंत्री के सामने साधन और मानव संसाधन का रुदन शुरू हुआ तो जावरा विधायक डाँ.राजेन्द्र पाण्डेय ने कहां कि हम हमारी निधि से भी पांच-पांच लाख रुपए दे सकते है। यहां वित्त मंत्री ने भी कहां कि रोगियों के हित में राशि की कमी कही नही आने दी जाएगी।
बहरहाल ये समय विकट संकट का कोरोना काल है। इस समय में सभी का प्रयास हो कि हर रोगी को उपचार लाभ मिले। अव्वल तो जनता भी ऐसी कोई असावधानी बरते ही नहीं कि उसे सामरी के घर में प्रवेश करना पड़े और अगर किन्ही कारणों से वहां जाना भी पड़े तो जिम्मेदारों को अपनी तरफ से उपचार में कोई कसर नही छोडऩा चाहिए। तब कही जाकर मेडिकल कालेज की उपयोगिता साबित हो पाएगी वरना.. नक्कार खाने में तूती तो बज ही रही है।