राशन वितरण में अनियमितता करने वाले विक्रेता बाबूलाल के विरुद्ध एफआईआर दर्ज

हरमुद्दा
रतलाम 08 जुलाई। जिले में राशन वितरण में अनियमितता करने वालों के विरुद्ध लगातार कार्रवाई की जा रही है। जावरा में सेवा सहकारी संस्था असावती द्वारा संचालित शासकीय उचित मूल्य की दुकान में उपभोक्ताओं को वितरित किए गए राशन सामग्री की पीओएस की पावती नहीं दिए जाने तथा अन्य अनियमितता पाए जाने पर विक्रेता बाबूलाल डगवार के विरुद्ध एफआईआर दर्ज की गई है।    

कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम के निर्देशन में जिला पूर्ति अधिकारी एच.एस. चौधरी ने बताया कि जावरा अनुविभागीय अधिकारी राहुल धोटे के मार्गदर्शन में सहायक आपूर्ति अधिकारी जावरा मनोहरसिंह ठाकुर द्वारा सेवा सहकारी संस्था असावती द्वारा संचालित शासकीय उचित मूल्य की दुकान असावती की आकस्मिक जांच की गई। जांच में पाया गया कि विक्रेता बाबूलाल डगवार द्वारा उपभोक्ताओं को वितरित किए गए राशन की पीओएस प्रति नहीं दी जा रही है। दुकान के स्टाक का भौतिक सत्यापन किया गया, जिसमें 18.95 क्विंटल गेहूं कम पाया गया। इसी प्रकार चावल 31 किलो कम, नमक 3.65 क्विंटल अधिक पाया गया। 22 उपभोक्ताओं को मुख्यमंत्री अन्नपूर्णा योजना का एक माह का ही चावल दिया गया जबकि दो माह का चावल नहीं दिया जाकर 1.82 क्विंटल चावल अनाधिकृत रूप से रूप से पाया गया। विक्रेता द्वारा मध्यप्रदेश सार्वजनिक वितरण प्रणाली (नियंत्रण) आदेश 2015 के प्रावधानों का उल्लंघन किया जाना पाए जाने पर आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 की धारा 3/7 के तहत पुलिस थाना रिंगनोद में एफआईआर दर्ज करवाई गई है।

अब तक 6 एफआईआर दर्ज

उल्लेखनीय है कि सार्वजनिक वितरण प्रणाली व्यवस्था में अफरा-तफरी एवं अनियमितता करने वालों के विरुद्ध अब तक जिले में परिवहनकर्ता, नागरिक आपूर्ति निगम के कर्मचारी एवं विक्रेताओं के विरुद्ध 6 एफआईआर दर्ज करवाई गई है। जिले में पहली बार आवश्यक वस्तु एवं चोर बाजारी अधिनियम 1980 के तहत नागरिक आपूर्ति निगम के अधिकृत परिवहनकर्ता हारून छीपा एवं दीपक जैन को निरुद्ध करने के आदेश कलेक्टर द्वारा जारी किए गए हैं ।

राशन वितरण में गड़बड़ी पर होगी कार्रवाई

कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम ने जिले के समस्त अनुविभागीय अधिकारी एवं सहकारिता विभाग के अधिकारियों को निर्देशित किया है कि उचित मूल्य दुकानों से पात्रों को राशन का वितरण सुनिश्चित किया जाए, उपभोक्ताओं को पावती दी जाए। दुकानों का निरीक्षण किया जाए। अनियमितता पाए जाने पर संबंधित के विरुद्ध दंडात्मक कार्रवाई की जाए।

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