अस्थियों को मिली राष्ट्रीय संतों द्वारा पुष्पांजलि, हरिद्वार में किया विसर्जन

 25 वर्षों से चल रहा सिलसिला

हरमुद्दा
रतलाम, 21 अगस्त। शहर में लावारिस के अंतिम संस्कार के बाद उनकी अस्थियों का संचय कर हरिद्वार में गंगा जी में प्रवाहित की जाती रही है। कोरोना के चलते यह क्रम पिछले वर्ष से टूटा था। राष्ट्रीय संतों ने पुष्पांजलि दी और अस्थियों का विसर्जन गंगा में किया गया।

समाजसेवी गोविंद काकानी ने हरमुद्दा बताया कि काकानी फाउंडेशन के माध्यम से विगत 25 वर्षों से रतलाम नगर में  अज्ञात लावारिस मृतक जिनकी पहचान नहीं हो सकी, उनका अंतिम संस्कार विधि विधान से भक्तन की बावड़ी पर किया जाता रहा है। अंतिम संस्कार के बाद उनमें से लावारिसो के परिजन को ढूंढ कर अस्थियां उनके परिवार जन को सौंपी जाती है। शेष बची अज्ञात लावारिसों की अस्थियों को भक्तन की बावड़ी श्मशान समिति के सहयोग से रखा जाता है।

इन संतों का मिला सान्निध्य

पवित्र सावन मास में  समन्वय सेवा ट्रस्ट के अध्यक्ष जूना पीठाधीश्वर स्वामी अवधेशानंद जी गिरी, मध्य प्रदेश गौ संवर्धन आयोग के अध्यक्ष स्वामी अखिलेश्वरानंद जी गिरी, महामंडलेश्वर स्वामी ललितानंदजी, समन्वय सेवा ट्रस्ट के सचिव इंद्रदत्तजी शास्त्री, समन्वय कुटीर आश्रम के परसराम जी ने अस्थियों को मंत्रोच्चार के साथ पुष्पांजलि अर्पित कर गंगा मैया में विसर्जन के लिए आश्रम के श्री पांडे जी ,विनोद जी, हरिहर जोशी, सतीश भाई एवम  पुजारी सुरेश पांडे व कृष्णा बिष्ट के साथ गंगा घाट के लिए रवाना किया।

2 वर्षों से नहीं हुआ था अस्थि विसर्जन

प्रतिवर्ष की भांति गत वर्ष कोरोना काल मे हरिद्वार जाकर अस्थि विसर्जन सम्भव नहीं हो सका था। अतः इस वर्ष विगत 2 वर्षों की अस्थियों को हरिद्वार में मां गंगा मैया में विधि- विधान से समन्वय परिवार प्रभु प्रेमी संघ एवं काकानी सोशल वेलफेयर फाउंडेशन के सहयोग से किया गया। गंगा घाट पर काकानी सोशल वेलफेयर फाउंडेशन के माधव काकानी, चार्टर्ड अकाउंटेंट गोपाल काकानी, समन्वय परिवार के वरिष्ठ सदस्य शिवराम जी शर्मा की उपस्थिति थे।

अस्थियों को किया गंगा में प्रवाहित

समन्वय परिवार, प्रभु प्रेमी संघ, काकानी सोशल वेलफेयर फाउंडेशन, रोगी कल्याण समिति, मानव सेवा समिति ,पुलिस प्रशासन, जिला चिकित्सालय सहित इस पुनीत कार्य में सहयोग करने वालो एवं रतलाम के समाजसेवियों व नागरिको की ओर से पुष्पांजलि अर्पित कर पवित्र गंगा मैया में अस्थियों को प्रवाहित किया |

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