कलेक्टर की कार्रवाई : सचेत करने के बाद भी नहीं किया सुधार तो महिला बाल विकास विभाग की दो लापरवाह पर्यवेक्षक को किया निलंबित
🔲 कुपोषण अभियान में बरती गई उदासीनता
हरमुद्दा
रतलाम 24 अगस्त। ना तो पोषण आहार का वितरण किया। न ही क्षेत्र में भ्रमण किया। जो जिम्मेदारी दी गई, उसका भी निर्वहन नहीं किया गया। नतीजतन कार्य के प्रति उदासीनता एवं गंभीर लापरवाही पर कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम ने कार्रवाई करते हुए महिला बाल विकास विभाग की दो पर्यवेक्षक निलंबित कर दिया।
कलेक्टर द्वारा कुपोषण प्रबंधन कार्यक्रम क्रियान्वयन के तहत सेक्टरवार समुदाय में चयनित अति गंभीर कुपोषित बच्चों तथा मध्यम गंभीर कुपोषित बच्चों को सामान्य श्रेणी में लाने के लिए पर्यवेक्षकों के कार्यों का अवलोकन किया गया।
सबसे खराब प्रदर्शन क्रियान्वयन में
अवलोकन में पाया कि आलोट परियोजना की पर्यवेक्षक माया वर्मा तथा पिपलौदा परियोजना के आंबा सेक्टर की पर्यवेक्षक सुनीता नरेश द्वारा एकीकृत पोषण प्रबंधन कार्यक्रम में सबसे खराब प्रदर्शन किया गया है।
सुधार के लिए नहीं उठाए कोई ठोस कदम
इन दोनों पर्यवेक्षक द्वारा अति गंभीर कुपोषित बच्चों तथा मध्यम गंभीर कुपोषित बच्चों की श्रेणी परिवर्तन के लिए कोई प्रयास नहीं किए गए जबकि यह कार्यक्रम जिले में कुपोषण में कमी लाए जाने के लिए राज्य स्तर से संचालित है। संबंधित पर्यवेक्षकों द्वारा कुपोषित बच्चों की श्रेणी सुधार के लिए ना तो कोई विशेष प्रयास किए गए और ना ही कुपोषित बच्चों के घर-घर भेंट कर सुधार के लिए ठोस कदम उठाए गए।
आहार का नियमित वितरण हितग्राहियों को नहीं
पर्यवेक्षकों द्वारा विभागीय निर्देशों के परिपालन में नियमित रूप से आंगनवाड़ी केंद्रों का भ्रमण नहीं किया गया। पूरक पोषण आहार का नियमित वितरण हितग्राहियों तक नहीं किया गया। इस संबंध में जिला कार्यक्रम अधिकारी द्वारा संबंधित पर्यवेक्षकों को कार्य में सुधार के लिए सेक्टर समीक्षा में सचेत किया गया परंतु संबंधित के कार्यों में कोई सुधार परिलक्षित नहीं हुआ, ऐसी परिस्थिति में दोनों पर्यवेक्षकों को निलंबित कर दिया गया।