तेल की कैन व प्लास्टिक की बॉटल से विद्यार्थियों ने बनाई एक से एक सजावटी वस्तुएं

हरमुद्दा
रतलाम, 13 सितंबर। विद्यार्थियों ने  तेल की कैन व प्लास्टिक की बॉटल से गमले, टेबल लैंप, पेन स्टैंड,नाईट लैंप, मंदिर, चाबी स्टैंड, ज्वैलरी बॉक्स,डॉल व अन्य सजावटी सामान बना कर प्लास्टिक को पुनः उपयोग करना सीखा, ताकि प्लास्टिक का कचरा कम किया जा सके।

यह सब हुआ राष्ट्रीय हरित कोर जिला रतलाम एवं युथ होस्टल रतलाम की प्लास्टिक टाइड टर्नर चैलेंज प्रतियोगिता में। राष्ट्रीय चैंपियन सीमा अग्निहोत्री, कार्यक्रम के नोडल अधिकारी व इको क्लब के मास्टर ट्रेनर कृष्णलाल शर्मा ने जिला स्तर पर कार्यशाला आयोजित की। जिले के विभिन्न विद्यालयों के 100 विद्यार्थियों ने अनुपयोगी प्लास्टिक का पुनः उपयोग करना सीखा।

एप्को भोपाल से वरिष्ठ वैज्ञानिक महेश मिश्रा, कार्यक्रम संयोजक दिलीप चक्रवर्ती एवं जिला शिक्षा अधिकारी केसी शर्मा के मार्गदर्शन में हुई प्रतियोगिता के पुरस्कार वितरण में मुख्य अतिथि पर्यावरणविद डॉ. खुशहाल सिंह पुरोहित थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता पूर्व जिला शिक्षा अधिकारी अमर वरदानी ने की। विशेष अतिथि के रूप में के जी आचार्य, पूर्व सहायक वनाधिकारी विवेक सिंह राठौर व रत्नपुरी विकास समिति की अध्यक्ष अरुणा मिश्रा, डॉ. अभय ओहरी व कपिल व्यास उपस्थित थे। टाइड टर्नर चैलेंज अभियान की जानकारी प्रतियोगिता संयोजक सीमा अग्निहोत्री ने दी। निर्णायक डॉ. अनामिका सारस्वत, नारायण उपाध्याय व पुष्पेन्द्र सिसोदिया थे। संचालन गिरीश सारस्वत ने किया। आभार  नोडल अधिकारी कृष्णलाल शर्मा द्वारा व्यक्त किया गया।

मिति को दिया विशेष पुरस्कार

प्रथम रिया पाटीदार, द्वितीय अनिल गिरवाल व तृतीय स्थान पर सौजन्य अग्निहोत्री रहे। मिती-विवेक बाफना, साक्षी पाटीदार व पुष्पेंद्र सिंह सिसोदिया को युथ होस्टल की तरफ से विशेष पुरस्कार दिया गया। सभी चयनित 100 प्रतिभागियों को सर्टिफिकेट प्रदान किए गए।

वैकल्पिक साधनों के उपयोग से प्लास्टिक से मुक्ति का मार्ग प्रशस्त

आधुनिक युग में दुनिया प्लास्टिक प्रदूषण की समस्या से जूझ रही है। सिंगल यूज़ प्लास्टिक का प्रयोग बंद करें व अधिक मात्रा में पौधारोपण करें। इस प्रदूषण से मुक्ति के लिए केवल क़ानून बनाने से काम नहीं चलेगा, समाज को इसके लिये तैयार करना पड़ेगा। हमारे दैनिक आवश्यकताओं के लिए वैकल्पिक साधनों के उपयोग से प्लास्टिक से मुक्ति का मार्ग प्रशस्त होगा। पर्यावरण के प्रति जन जागरूकता में विद्यालयों और शिक्षकों की महत्वपूर्ण भूमिका हैं। प्लास्टिक प्रदूषण से मुक्ति के इस सामाजिक यज्ञ में हर युवा प्लास्टिक टाइड टर्नर चैंपियन है।

डॉ. खुशहाल सिंह पुरोहित, पर्यावरणविद

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