प्रशासन का चला बुलडोजर : रिवाज और प्रेमबंधन गार्डन का तोड़ा अवैध निर्माण
प्रशासन, नगर निगम और पुलिस की इस संयुक्त कार्रवाई
हरमुद्दा
इंदौर, 24 सितंबर। जिला प्रशासन के बुलडोजर ने रिवाज और प्रेम बंधन गार्डन में अवैध निर्माण को तोड़ा है। यह कार्रवाई उस समय हुई जब शहर शुक्रवार को सुबह जागा ही था। प्रशासन, नगर निगम और पुलिस ने योजनाबद्ध तरीके से कार्य को अंजाम दिया। प्रशासन ने इसके लिए रात को ही पूरी तैयारी कर ली थी। इसके साथ ही इन गार्डन के मालिकों के परिवार के दो-तीन मकानों पर भी बुलडोजर चलाने की योजना है। यह गार्डन युनूस पटेल और उसके परिवार के बताए जा रहे हैं।
प्रशासन, नगर निगम और पुलिस की इस संयुक्त कार्रवाई शुक्रवार सुबह करीब 6 बजे शुरू की गई। शहर के कनाड़िया रोड पर 750 मीटर लंबाई में दोनों तरफ 150 अवैध निर्माण तोड़े गए।
वाहनों की आवाजाही रोक कर की गई कार्रवाई
प्रेमबंधन गार्डन को तोड़ने की कार्रवाई सुबह छह बजे से शुरू की गई। इसके साथ ही रिवाज गार्डन को भी तोड़ा जा रहा है। कार्रवाई स्थल पर भारी पुलिस बल तैनात किया गया। कनाड़िया रोड पर वाहनों की आवाजाही रोककर कार्रवाई की गई। अब तक कोई भी पक्ष विरोध करने नहीं पहुंचा। तोड़फोड़ की कार्रवाई शांतिपूर्ण ढंग से जारी है। रिवाज गार्डन के सोफे, एसी, टेबल, पंखे और कुर्सियां आदि सड़क पर रख दिए गए हैं। रिवाज गार्डन का आफिस भी तोड़ा गया। प्रेमबंधन गार्डन के बाहर लगने वाली चाट-चौपाटी की दुकानें और ठेले भी हटाए गए। प्रेमबंधन गार्डन के सामने सड़क की दूसरी ओर अवैध रूप से बनाई गई 10 से ज्यादा दुकानें भी तोड़ी जा रही हैं। प्रेमबंधन गार्डन में 470 वर्गमीटर (लगभग पांच हजार वर्गफीट) अवैध निर्माण और रिवाज गार्डन लगभग चार हजार वर्गफीट अवैध निर्माण किया गया।
उपद्रवियों को जेल पहुंचाने की भी थी व्यवस्था
कार्रवाई के लिए प्रशासन, पुलिस और नगर निगम का बड़ा अमला लगाया गया। इसमें पुलिस के 80 सिपाही, चार थाना प्रभारी, दो एएसपी, नगर निगम के अपर आयुक्त और 100 से अधिक कर्मचारियों का दस्ता, अपर कलेक्टर, एसडीएम और तहसीलदारों की टीम है। कार्रवाई के दौरान ड्रोन कैमरों का इंतजाम किया गया है। यदि कार्रवाई के दौरान रहवासियों ने उपद्रव या विरोध किया तो उनको जेल पहुंचाने के लिए जेल वाहन भी तैयार रखा गया है।
पूरी तरीके से अवैध है रिवाज गार्डन
रिवाज गार्डन पूरी तरह अवैध है और प्रेमबंधन गार्डन को 1998 में जालसाजी से पंचायत से ली गई अनुमति के आधार पर बनाया गया है। भूमाफियाओं ने जो बिल्डिंग परमिशन बताई है, उसमें सरपंच के हस्ताक्षर हैं जबकि सचिव के हस्ताक्षर भी होने चाहिए। माफियाओं और तत्कालीन सरपंच के खिलाफ एफआईआर कराई जाएगी।
संदीप सोनी, अपर आयुक्त, इंदौर