न्यायालय का फैसला : स्कूल से घर जा रही नाबालिग से किया 6 माह बलात्संग, अब आरोपी को 20 साल की कड़ी सजा
🔲 पीड़िता के बच्चे की डीएनए रिपोर्ट ने सिद्ध कर दिया ईश्वर का अपराध
🔲 अर्थदंड का भी सुनाया फैसला
हरमुद्दा
रतलाम, 16 नवंबर। स्कूल से घर जा रहे नाबालिग को परिचित ले गया और बलात्कार किया। आरोपी ने शादी के नाम पर बहला-फुसलाकर चार माह गुजरात में भी रखा। पीड़िता गर्भवती हुई और डीएनए रिपोर्ट सहित अन्य साक्ष्य के आधार पर आरोपी का अपराध सिद्ध हुआ। न्यायाधीश ने आरोपी को 20 साल की सजा और अर्थदंड का फैसला मंगलवार को सुनाया गया।
विशेष न्यायालय पॉक्सो एक्ट न्यायाधीश योगेन्द्र कुमार त्यागी ने
16 नवंबर को फैसला सुनाते हुए आरोपी ईश्वर पिता बारजी डामर उम्र 22 वर्ष नि. ग्राम बोरपाडा थाना रावटी जिला रतलाम को धारा 5जे(ii)/6 एवं 5एल/6 पॉक्सो एक्ट में 20-20 वर्ष का कठोर कारावास एवं 2000-2000 रुपए के अर्थदंड तथा धारा 366क, धारा 376(2)(एन) भादवि में 10-10 वर्ष का कठोर कारावास एवं 1000-1000 रुपए अर्थदंड से दंडित किया गया। प्रकरण में पैरवी विशेष लोक अभियोजक पॉक्सो एक्ट गौतम परमार ने की।
यह हुआ था घटनाक्रम
अभियोजन मीडिया सेल प्रभारी शिव मनावरे ने हरमुद्दा बताया कि साढे सोलह वर्षीय अवयस्क पीडिता 05 दिसंबर 2019 को स्कूल से घर जा रही थी, तभी आरोपी ईश्वर जो उसकी बहन के यहा आता जाता रहता था, इस कारण उसे जानती थी। आया और बहला फुसलाकर शादी करने का झॉसा देकर अपने घर बोरपाडा रावटी ले गया और बलात्कार किया। इसके बाद आरोपी उसे सूरत ले गया और करीब 4 माह के बाद वह उसे लेकर बांगरोद (रतलाम) आया। तब वह गर्भवती हो गई। फिर 17 मई 2020 को पीड़िता ने सारी घटना अपने भाई को फोन कर बताई।
भाई गया बहन को लेने तो भाग गया आरोपी
इसके बाद पीडिता के भाई उसे लेने के लिए बांगरोद गया, जिसे देखकर आरोपी ईश्वर भाग गया। बहन को लेकर भाई घर गया और घर पर माता-पिता को पूरी घटना बताई। थाने में फिर रिपोर्ट कराई।
रिपोर्ट पर किया आरोपी को गिरफ्तार
पीड़िता की रिपोर्ट पर थाना सैलाना द्वारा अपराध क्रं. 128/2020 धारा 363, 366ए, 376(1),376(2)(एन) भादवि एवं 5जे(ii)/6 एवं 5एल/6 पॉक्सो एक्ट में प्रकरण पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया। 07 जुलाई 2020 को आरोपी ईश्वर को गिरफ्तार कर न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया था, जहां से आरोपी को जेल भेजा गया था।
डीएनए रिपोर्ट से हुआ अपराध साबित
अनुसंधान पूर्ण होने के पश्चात् अभियोग पत्र 31 जुलाई 2020 को विशेष न्यायालय के समक्ष पेश किया गया। विशेष न्यायालय में विचारण के दौरान अभियोजन द्वारा तर्क प्रस्तुत किए गए कि आरोपी द्वारा ही उसके साथ लैंगिक शोषण कर उसे गर्भवती किया गया। प्रकरण में प्रस्तुत डीएन रिपोर्ट पर जन्मे बच्चे का डीएनए आरोपी ईश्वर के डीएन से मिलान होने पर आरोपी का अपराध प्रमाणित हुआ। प्रस्तुत साक्षियों के मौखिक एवं दस्तावेजी और वैज्ञानिक साक्ष्य से भी अपराध प्रमाणित होने के तर्क प्रस्तुत कर अभियुक्त को आरोपित धाराओं में उल्लेखित अधिकतम दंड से दंडित किए जाने की पैरवी की।
दोषसिद्ध पाते हुए सुनाया फैसला
विशेष न्यायालय द्वारा अपने निर्णय 16 नवंबर 2021 को अभियोजन की ओर से प्रस्तुत साक्ष्य को प्रमाणित मानते हुए आरोपी को दोषसिद्ध किया और सजा व अर्थदंड का फैसला सुनाया।