पालकों को सबक : बच्चों की दिव्यांगता को लेकर पालकों को कभी भी परेशान होने की आवश्यकता नहीं
निःशक्त छात्रों को शिक्षा की मुख्यधारा से जोड़ने का होगा जतन
समावेशित तरीके से शिक्षण के लिए दिव्यांग विद्यार्थियों के पालकों का हुआ सम्मेलन व प्रशिक्षण
हरमुद्दा
पिपलौदा, 24 नवंबर। जिले की विभिन्न शालाओं में पढ़ने वाले 1 हजार 200 निःशक्त छात्रों को शिक्षा की मुख्यधारा में लाने तथा समावेशित तरीके से शिक्षण के लिए दिव्यांग विद्यार्थियों के पालकों का सम्मेलन सह प्रशिक्षण जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान में आयोजित हुआ। इसमें जिले के 185 पालकों ने सहभागिता कर उनके बच्चों की शिक्षा के लिए शासन के प्रयास एवं पालकों की भूमिका के संबंध में जानकारी प्राप्त की।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डाईट प्राचार्य आनंद शर्मा ने कहा कि दिव्यांग बच्चों की शिक्षा के लिए पालकों को धैर्य एवं विश्वास के साथ उन्हें सीखने का प्रयास करना चाहिए। बच्चों की दिव्यांगता को लेकर पालकों को कभी भी परेशान होने की आवश्यकता नहीं है। शासन की विभिन्न योजनाओं से दिव्यांगता पर विजय पाने का प्रयास किया जा रहा है।
सहानुभूति की नहीं समानुभूति की जरूरत : डॉ. गुप्ता
संस्थान में एकीकृत दिव्यांग योजना प्रभारी डाॅ. नरेन्द्र गुप्ता ने बताया कि दिव्यांग बच्चों को सहानुभूति की नहीं समानुभूति की आवश्यकता होती है, इनके शिक्षण के लिए समय-समय पर विभिन्न आयोजन किए जाते रहे हैं तथा इसी क्रम में पालकों को भी बच्चों की आवश्यकताओं की समझ तथा शिक्षण के प्रति जागरूक बनाने के लिए यह आयोजन किया गया है।
पड़ौसियों की भूमिका महत्वपूर्ण
जिला शिक्षा केन्द्र में सहायक परियोजना समन्वयक भेरूलाल धमानिया ने बताया कि दिव्यांग बच्चों की शिक्षा में उनके माता-पिता, शिक्षक तथा पड़ौसियों की भूमिका महत्वपूर्ण होती है। शासन के निर्देश पर सभी को दिव्यांग बच्चों को समावेशित शिक्षा का भाग बनाने के लिए पालकों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
बच्चों को सिखाने के तरीकों की दी विस्तृत जानकारी
प्रशिक्षण शिविर में मोबाईल स्रोत सलाहकार मदन धमानिया, नगजीराम बामनिया, प्रशांत आस्थाना, हरिओम मावी, प्रकाश सोलंकी, रश्मिसिंह, संदीप पटेल, शबीना कौसर ने दिव्यांग बच्चों की विशेष तथा समावेशित शिक्षा में पालकों का योगदान तथा बच्चों को सिखाने के तरीकों की विस्तृत जानकारी दी। कार्यक्रम में डाईट के राजेन्द्रराव भोगलेकर, अलका आचार्य, संगीता भट्ट, विकासखंड स्रोत केन्द्र समन्वयक विनोद शर्मा आदि उपस्थित थे। संचालन अंबाराम बोस ने किया।