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रेस्टोरेंट में खाना खाकर घर जाने के लिए निकले ही थे कि पति-पत्नी और बच्चे हो गए हादसे का शिकार

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 नहीं मिला समुचित उपचार, रेफर करने में गई जान

 फरार ट्रक ड्राइवर को किया गिरफ्तार

हरमुद्दा
सतना, 25 नवंबर। घर जाने से पहले पति पत्नी और बच्चों ने रेस्टोरेंट में खाना खाया और फोटो भी खींचा कुछ दूर निकले ही थे कि ट्रक ने कार को जोरदार टक्कर मार दी और एक परिवार हादसे का शिकार हो गया। चारों की जान चली गई। उपचार के दौरान अस्पताल की अव्यवस्था भी सामने आई। रेफर करने के चक्कर में बालक की जान चली गई।

हादसे के कुछ समय पूर्व रेस्टोरेंट में ली गई तस्वीर

मिली जानकारी के अनुसार जिले के मैहर थाना अंतर्गत जीतनगर के पास देर रात कार व ट्रक की टक्कर में कार वाहन मालिक मैहर निवासी व्यापारी सत्य प्रकाश उपाध्याय स्वयं चला रहे थे। जिनकी घटनास्थल पर ही उनकी मौत हो गई। इनके साथ ही उनकी पत्नी और बेटी की भी मौत हो गई है। रात में बेटे को गंभीर हालत में सतना रेफर किया गया था। जहां उचित उपचार न होने के कारण जबलपुर रेफर कर दिया गया था लेकिन मैहर के पास रास्ते मे ही बच्चे की मौत हो गई।यह हादसा रात 11.30 बजे के आसपास बताया जा रहा है। जब सतना से मैहर जाते वक्त जीतनगर के पास ट्रक क्रमांक यूपी 96 टी 2075 से उनकी कार की जोरदार भिड़ंत हो गई।

इनकी हुई मौत

इस हादसे में सत्य प्रकाश उपाध्याय उम्र 40 वर्ष उनकी पत्नी मेनका उपाध्याय उम्र 35 वर्ष, उनकी बेटी इशानी उपाध्याय उम्र 10 वर्ष व पुत्र स्नेह उपाध्याय उम्र 8 वर्ष शामिल हैं।

ट्रक चालक को किया गिरफ्तार

घटना के बाद ट्रक ड्राइवर मौके से फरार हो गया था। सूचना मिलते ही आधी रात पुलिस अधीक्षक सतना धर्मवीर सिंह भी मौके पर पहुंचे। सूचना के बाद मौके पर मैहर सहित आस-पास का पुलिस बल भी पहुंच गया। ट्रक ड्राइवर को मैहर पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है।

ट्रक छोड़कर झाड़ियों में छुप गया ड्राइवर

आरोपित ड्राइवर हादसे से के बाद ट्रक छोड़ कर भाग निकला था और घटना स्थल के आस पास झाड़ियों में छिपा था। पुलिस की सर्चिंग के बाद ड्राइवर पकड़ा गया।

नहीं हुआ उपचार चली गई जान

हादसे ने जिले के स्वास्थ्य व्यवस्था पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं। रात को हादसे के बाद घायल बच्चे को सतना रेफर किया गया लेकिन जिला अस्पताल की ट्रामा यूनिट जो कि विशेष आपातकाल और गंभीर मरीजों के लिए ही होती है, वहां कोई डॉक्टर नहीं था। इसी तरह जिले के सबसे बड़े चैरिटेबल ट्रस्ट बिरला अस्पताल प्रबंधक ने भी बच्चे का इलाज नहीं किया। जिसके बाद बच्चे को जबलपुर के लिए रेफर किया गया लेकिन इलाज में देरी के कारण बच्चे की मौत हो गई। इस हादसे के बाद अस्पतालें और चारमाई स्वास्थ्य व्यवस्था की सच्चाई सामने आ गई।

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