किडनी दान स्वैच्छिक एवं सुरक्षित हो : रतलाम मेडिकल कॉलेज में किडनी दान के 3 प्रकरणों को स्वीकृति
विद्यार्थियों ने सुंदर रंगोली के माध्यम से मरीज के परिजनों को दी किडनी की जानकारी
संभागीय प्राधिकार अंगदान समिति की हुई बैठक
हरमुद्दा
रतलाम, 27 नवंबर। देश में कुछ जगह पूर्व में किडनी बेचने के समाचार को ध्यान रखते हुए किडनी प्रत्यारोपण पूर्ण रूप से स्वैच्छिक एवं सुरक्षित होना चाहिए। इसके लिए हम हमेशा पूर्ण जानकारी एकत्रित करने के पश्चात ही स्वीकृति प्रदान करते हैं।
यह बात रतलाम मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ. जितेंद्र गुप्ता ने कहीं। डॉ. गुप्ता संभागीय अंगदान प्राधिकार समिति की बैठक में मौजूद थे। बैठक में तीन प्रकरण रखे गए थे।
पूछताछ करने के पश्चात तीनों प्रकरणों को स्वीकृति
समिति के नोडल अधिकारी डॉक्टर अतुल कुमार ने हरमुद्दा कोबताया कि तीनों प्रकरण को समिति की अध्यक्षता कर रहे रतलाम मेडिकल कॉलेज डीन डॉ. गुप्ता, समिति सदस्य मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. प्रभाकर नानावरे, मेडिकल कॉलेज के डॉ. नीलम चार्ल्स, डॉ. महेंद्र चौहान, समाजसेवी गोविंद काकानी एवं मनीषा ठक्कर द्वारा प्रत्येक मरीज एवं मरीज के परिजनों से प्रथम डॉक्टरों द्वारा जानकारी ली गई। पश्चात समिति सदस्यों ने स्वैच्छिक किडनी दान के बारे में परिवार जनों से सूक्ष्म से सूक्ष्म जानकारी, परिवार सदस्यों के पुराने फोटो, आपसी संबंधों के बारे में पूछताछ करने के पश्चात तीनों प्रकरणों को स्वीकृति प्रदान की। अब तक 13 मरीजों को किडनी प्रत्यारोपण हेतु स्वीकृति प्रदान की गई है।
हर पखवाड़े में होती है बैठक ताकि मरीज ना हो परेशान
समाजसेवी गोविंद काकानी ने संभागीय प्राधिकार अंगदान समिति रतलाम मेडिकल कॉलेज के द्वारा बीमार मरीजों को परेशानी नहीं हो इसलिए महीने में दो बार बैठक आयोजित कर स्वीकृति प्रदान की जा रही है। रतलाम मेडिकल कॉलेज अंगदान समिति के माध्यम से किए जा रहे। इस पुनीत कार्य से रतलाम मेडिकल कॉलेज प्रदेश के नवनिर्मित मेडिकल कॉलेज में अग्रणी स्थान बनाए हुए हैं।
रंगोली से सिखाया सबक
रतलाम मेडिकल कॉलेज कॉलेज में अध्ययनरत विद्यार्थियों द्वारा बनाई गई सुंदर रंगोली के माध्यम से मरीज के परिजनों को किडनी की जानकारी से अवगत कराया गया।