सेहत का सबक : छात्राएं अपनी नजाकत छोड़कर पौष्टिक आहार लेकर स्वास्थ्य पर दें ध्यान
🔲 पद्मश्री डॉ. लीला जोशी का शासकीय कन्या महाविद्यालय में किया गया सम्मान
हरमुद्दा
रतलाम, 1 दिसंबर। दृढ निश्चय करके, फल की इच्छा किए बिना यदि कोई कार्य किया जाता है तो सफलता निश्चित है। लड़कियां भावी माताएं है और भारत वर्ष में मातृ मृत्यु दर अधिक होने का एक बड़ा कारण उनकी रक्तअल्पता है। अतः छात्राएं अपनी नजाकत छोड़कर पौष्टिक आहार लेकर स्वास्थ्य पर ध्यान दें।
सेहत सबक के तहत यह विचार पद्मश्री वरिष्ठ स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. लीला जोशी ने व्यक्त किए। शासकीय कन्या महाविद्यालय में बुधवार को विश्व एड्स दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में पद्मश्री डॉ. जोशी बतौर मुख्य वक्ता मौजूद थे।
मां बेटी का रिश्ता अनमोल
पद्मश्री डॉ. जोशी ने कहा कि मां और बेटी का रिश्ता अनमोल होता है और मुझे मेरी मां ने ही इस क्षेत्र में कार्य करने की प्रेरणा दी। शासकीय सेवा के अंतिम वर्षों में जब वे गुवाहाटी में पदस्थ थी, तब मदर टेरेसा ने उन्हें आदिवासी क्षेत्र में कार्य करने की प्रेरणा दी, तब उन्होंने रतलाम के आदिवासी बहुल क्षेत्र को अपने कार्य क्षेत्र के रूप में चुना। विगत 50 वर्षों से वह इस क्षेत्र में कार्य कर रही है
महाविद्यालय प्रशासन को दिया सुझाव
पद्मश्री डॉ. जोशी ने महाविद्यालय प्रशासन को यह सुझाव दिया कि प्रवेश के समय ही छात्राओं के हिमोग्लोबिन टेस्ट की व्यवस्था की जाए एवं छात्रों के अध्ययन के दौरान उनकी मॉनिटरिंग की जाए जिससे महाविद्यालय को एनीमिया फ्री घोषित कर एक मॉडल के रूप में प्रस्तुत किया जाए।
पद्मश्री डॉ. जोशी का किया सम्मान
विश्व एड्स दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में पद्मश्री डॉ. जोशी का महाविद्यालय की राष्ट्रीय सेवा योजना इकाइयों, रेड रिबन क्लब एवं रेडक्रॉस समिति के संयुक्त तत्वावधान में सम्मान समारोह आयोजित किया गया।
छुआछूत के रूप में देखा गया तब एड्स को
विश्व में पहला एड्स का मरीज 1986 में मिला था। इस बीमारी के बारे में विश्व को कुछ जानकारी नहीं थी। इसे छुआछूत की बीमारी के रूप में देखा जाता था तब एड्स के प्रति एवं एड्स पीड़ित लोगों के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए डब्ल्यूएचओ द्वारा 1988 से वर्ल्ड एड्स डे की शुरुआत की गई। रेड रिबन उन लोगों के प्रति सहानुभूति रखते हुए सहयोग करता है जो एचआईवी और एड्स से पीड़ित है। हर गर्भवती महिला का एचआईवी टेस्ट होना चाहिए जिससे भावी संतान इस बीमारी से संक्रमित ना हो
🔲 डॉ. सुनीता वाधवानी, स्त्री रोग विशेषज्ञ
पौष्टिक डाइट नहीं देने के कारण होती है दिक्कत
लड़कियों में सामान्य हिमोग्लोबिन लेवल 12 होता है किंतु सामान्यतः यह देखा जाता की छात्राओं में एचबी लेवल सामान्य से कम होता है। इसका बड़ा कारण उनकी अच्छी व पौष्टिक डाइट ना लेना है। एनीमिक व्यक्ति को थकान ,भूख न लगना ,चेहरे पर पीलापन आदि लक्षण दिखाई देते हैं इन्हें दूर करने के लिए आयरन, विटामिन B12 ,फोलिक एसिड ,विटामिन सी आदि का नियमित सेवन करना चाहिए।
🔲 डॉ. शेफाली शाह, स्त्री रोग विशेषज्ञ
दीप प्रज्वलन कर किया शुभारंभ
कार्यक्रम के प्रारंभ में अतिथियों द्वारा दीप प्रज्वलन किया गया। राष्ट्रीय सेवा योजना की स्वयं सेविकाओं कुमारी प्रियंका गोड़, नीता प्रजापत एवं गीतांजलि पाटीदार द्वारा रासेयो गीत प्रस्तुत किया गया। अतिथि परिचय प्रोफेसर सुषमा कटारे ने दिया। अतिथियों का स्वागत कुमारी आंचल नागल साक्षी सोलंकी, सृष्टि सोलंकी, माना तंबोलिया, अनीता मुनिया, दिशा नांदेचा, योगिता नागर एवं दामिनी सिंह द्वारा रेड रिबन लगाकर किया गया। रासेयो कार्यक्रम अधिकारी एवं रेड रिबन क्लब प्रभारी डॉ. अनामिका सारस्वत ने जानकारी दी। अध्यक्षीय उद्बोधन महाविद्यालय के प्राचार्य डॉक्टर आर के कटारे ने दिया।
यह थे मौजूद
श्री सेवा संस्थान के गोपाल जोशी, सुलोचना शर्मा, भूपेंद्र श्रेष्ठ, राजेश घोटीकर, गोवर्धन लाल बघेल, महाविद्यालय परिवार के डॉक्टर अनिल जैन, डॉ. सुरेश कटारिया, डॉ. बी वर्षा, डॉ. स्नेहा पंडित, प्रोफेसर मधु गुप्ता, प्रोफेसर स्वर्ण लता ठन्ना, डॉ. सुनीता श्रीमाल, डॉ. मंगलेश्वरी जोशी, डॉ. पुष्पा कपूर, डॉ. नारायण विश्वकर्मा, डॉ. एम एल गांगले, डॉ. वी के जैन, डॉ. सरोज खरे, प्रीति शर्मा, डॉ. सुप्रिया पैठनकर सहित बड़ी संख्या में छात्राएं उपस्थित थी। संचालन डॉ. अनामिका सारस्वत ने किया।आभार प्रो नीलोफर खामोशी ने माना।