नए साल में नवाचार : विक्रम विश्विद्यालय अब साहित्य के क्षेत्र में भी करेगा काम
साहित्यिक संस्था दिनकर सृजन संस्थान से एमओयू साइन
हरमुद्दा
उज्जैन, 1जनवरी । विक्रम विश्वविद्यालय ने साहित्य और संस्कृति के क्षेत्र में काम करने के लिए भी कदम आगे बढ़ा दिया है। संस्कृति और साहित्य के क्षेत्र में काम करने वाली उज्जैन की संस्था दिनकर सृजन संस्थान के साथ मिलकर विश्वविद्यालय यह काम करेगा।
विश्वविद्यालय और दिनकर सृजन संस्थान के बीच इस उद्देश्य से एमओयू साइन किया गया। विश्वद्यालय की ओर से कुलपति प्रो. अखिलेश कुमार पाण्डे और कुलसचिव डॉ. प्रशांत पुराणिक तथा दिनकर सृजन संस्थान अध्यक्ष डॉ. पंकजा सोनवलकर, सचिव आलोक गुप्ता ने इस एमओयू पर हस्ताक्षर किए। विश्विद्यालय के कुलानुशासक प्रो. शैलेंद्र कुमार शर्मा, इतिहासविद व लेखक जीवनसिंह ठाकुर भी उपस्थित थे। रूपरेखा व भूमिका डॉ. पंकजा सोनवलकर ने प्रस्तुत की। श्री ठाकुर ने कहा कि साहित्य को विस्तारित करने और विद्यार्थियों को इससे जोड़ने में यह एमओयू एक नव हस्ताक्षर सिद्ध होगा।
एक नए अध्याय की शुरुआत
कुलपति प्रो. पांडेय ने कहा दिनकर सृजन संस्थान के माध्यम से संस्कृति और साहित्य के क्षेत्र में अध्ययन करने के साथ ही शोध में भी सहायक होगा। कवि दिनकर की स्मृति में स्थापित इस संस्थान से जुड़ना निश्चित रूप से एक नए अध्याय की शुरुआत है।
20 वर्ष से सक्रिय संस्थान
दिनकर सृजन संस्थान 20 वर्षों से साहित्य के क्षेत्र में सक्रिय है। 2001 से यह कार्यरत है और 2018 में विधिवत पंजीयन हुआ। प्रसिद्ध कवि दिनकर जी की स्मृति में उनके उद्देश्यों के अनुरूप इसकी स्थापना की गई है।