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कभी भी देशभक्त नहीं हो सकती विदेशी नारी की संतान

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 आचार्य चाणक्य स्मृति दिवस में स्वामी आत्मानंद जी सरस्वती ने कहा

हरमुद्दा
रतलाम, 6 जनवरी। आचार्य चाणक्य ने जाति धर्म का भेदभाव किए बिना ऐसे बालक को भविष्य का राजा बनाने का निश्चय किया जिसके माता-पिता का बोध भी नहीं था। आचार्य चाणक्य ने चंद्रगुप्त मौर्य की शादी सिकंदर की बेटी हेलना से करवाई परंतु इस शर्त के साथ की हेलेना की संतान कभी भी देश के प्रधान की दावेदारी नहीं करेगी क्योंकि चाणक्य के कूटनीतिक अनुभव के अनुसार कोई भी विदेशी महिला की संतान राष्ट्र भक्त नहीं हो सकती।

आचार्य चाणक्य

यह विचार श्रृंगेरी मठ कांचीपुरम स्वामी आत्मानंद सरस्वती जी ने व्यक्त किए। आचार्य चाणक स्मृति दिवस पर  “सामाजिक समरसता एवं अखंड भारत विषय” पर विचार हुई व्याख्यानमाला में स्वामीजी बतौर मुख्य अतिथि थे।

सनातन धर्म विश्व में प्रेम व शांति की स्थापना करने में सक्षम

स्वामी जी सर्व ब्राह्मण समाज, श्री सनातन धर्म सभा एवं महारुद्र यज्ञ समिति द्वारा आयोजित आचार्य चाणक्य स्मृति दिवस उत्सव में सर्व ब्राह्मण समाज के संयोजक पुष्पेंद्र जोशी ने कहा कि विश्व में न तो पंत की लड़ाई है, न जाति की, न भाषा की, न ऊंच नीच की, न अस्पृश्यता की। लड़ाई है तो केवल धर्म और अधर्म की है। धर्म चाहता है विश्व में शांति हो एवं “सर्वे भवंतु सुखिनः” और अधर्म चाहता है कि मैं और मेरे सुखी रहे। लेकिन हमें सदैव सनातन धर्म के पक्ष की लड़ाई लड़ना है क्योंकि एकमात्र सनातन धर्म विश्व में प्रेम व शांति की स्थापना करने में सक्षम है।

देश में एकता और अखंडता का वातावरण था तब

समरसता विषय के मुख्य वक्ता, पर्यावरणविद एवं नर्मदा समग्र संस्थान के पूर्व सीईओ अशोक पाटीदार ने कहा कि जब देश में एकता और अखंडता का वातावरण था, तब देश सोने की चिड़िया कहलाता था क्योंकि इस समय विश्व के कुल उत्पाद का 43% उत्पादन भारत में होता था। तब देश को हम जंबूद्वीप के नाम से जानते थे। पिछले कुछ वर्षों से देश में पुन: ऐसा वातावरण बन रहा है कि हमें यह विश्वास होने लगा है कि आचार्य चाणक्य का अखंड भारत पुनः साकार जंबूद्वीप बन जाएगा।

समरसता का प्रथम प्रणेता आचार्य चाणक्य

आचार्य चाणक्य स्मृति दिवस उत्सव में मौजूद श्रोताजन

कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए कन्हैयालाल मौर्य ने कहा आचार्य चाणक्य को समरसता का प्रथम प्रणेता थे। कार्यक्रम में प्रकाश व्यास, मनोहर पोरवाल, नवनीत सोनी,  रामचंद्र शर्मा, अनिल भट्ट, लालचंद्र टाक, महेश बाहेती, डॉ. राजेंद्र शर्मा, रमेश व्यास, राजेंद्र मेहता, विजय जैन, प्रेम उपाध्याय, नरेंद्र जोशी, शरद शुक्ला, मुकेश उपाध्याय, सतीश राठौड़,  बद्रीलाल पाटीदार, जगदीश उपाध्याय, बसंत पंड्या, लक्ष्मण पाठक, चेतन शर्मा, गौरीशंकर खीची, अरविंद मिश्रा, विक्रम पाटीदार, तारा देवी सोनी, राखी व्यास, आशा शर्मा, शशि अग्रवाल, पुष्पा मजावदिया, नूतन भट्ट आदि बड़ी संख्या में गणमान्य नागरिक उपस्थित थे। संचालन बृजेंद्र नंदन मेहता ने किया। आभार महिला मंडल अध्यक्ष राखी व्यास ने माना।

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