कोर्ट ने सुनाई सजा : रुपयों के लिए प्रताड़ित किया सेवादारों ने, तो महाराज ने कर ली आत्महत्या
साढ़े 3 साल बाद आया फैसला
हरमुद्दा
इंदौर, 28 जनवरी। प्रदेशभर में चर्चित रहे भय्यू महाराज आत्महत्या मामले में करीब साढ़े तीन साल की सुनवाई के बाद शुक्रवार को आखिर फैसला आ ही गया। सेवादारों ने रुपयों के लिए इतना प्रताड़ित किया कि आखिरकार भय्यू महाराज को आत्महत्या करने जैसा कदम उठाना पड़ा।
सत्र न्यायाधीश धर्मेंद्र सोनी ने महाराज के सेवादार रहे शरद देशमुख, विनायक दुधाले और पलक पुराणिक को महाराज को आत्महत्या के लिए दुष्प्रेरित करने के मामले में 6-6 साल की सजा सुनाई। कोर्ट ने माना कि आरोपित महाराज को पैसों के लिए प्रताड़ित करते थे। पैसों के लिए उन्हें ब्लैकमेल भी किया जाता था।
परिवार से बढ़कर के सेवादार
जो सेवादार भय्यू महाराज के लिए परिवार से बढ़कर थे, जिन पर उन्हें इतना विश्वास था कि उनके भरोसे उन्होंने अपने आश्रम और कामकाज सौंप रखे थे, उन्हीं सेवादारों ने उन्हें पैसों के लिए इतना प्रताड़ित किया कि मजबूरी में उन्हें आत्महत्या जैसे कदम उठाना पड़ा।
गोली मारकर कर ली थी आत्महत्या
गौरतलब है कि भय्यू महाराज ने 12 जून 2018 को खुद के माथे पर गोली मारकर आत्महत्या कर ली थी। घटना के करीब छह महीने बाद पुलिस ने महाराज के तीन नौकरों पलक, विनायक और शरद को आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप में गिरफ्तार किया था। तब से तीनों आरोपी जेल में हैं।