वसंत पंचमी पर विशेष गीत : कभी इधर भी वसन्त आना
आशीष दशोत्तर
ख़बर हमारी कभी तो लेने ज़रा इधर भी वसंत आना।
हमारी नासमझी को भुलाकर समझ बढ़ाने सुमन्त आना।
विचार मन में घुमड़ रहे हैं
ये बादलों से उमड़ रहे हैं ।
मगर ये जा कर किसे सुनाएं
हम अपनी पीड़ा किसे बताएं ।
दुखों के स्वर को हमारे सुनने कभी ऋतु के महंत आना।
सभी हैं अपने सभी पराए
किसी की पीड़ा कही न जाए ।
हमारे कांधे पे हाथ रखना
हमेशा तू अपना साथ रखना।
हमारी खातिर दिलों में अपने खुशी तू लेकर अनंत आना।
अभी समय कुछ डरा हुआ है
गले- गले तक भरा हुआ है ।
शिशिर को छूकर जरा समझना
यहां पे तुम भी जरा संभलना।
कभी मुसीबत में गर बुलाएं
तो हमसे मिलने तुरंत आना।
12/2, कोमल नगर
रतलाम, मो.9827084966