आज भी नहीं छू सका कोई लता जी का शिखर
पूरे करियर में भी यदि कोई उनका मजबूत प्रतिद्वंदी रहा है तो वह भी आशा भोंसले
प्रस्तुति : त्रिभुवनेश भारद्वाज
सच तो यह है कि पिछले 70 बरसों में कोई भी और गायिका लता मंगेशकर के शिखर को नहीं छू सकी है। अब जबकि लता इतने बरसों से पार्श्व गायन से दूर हैं, तब भी कोई ऐसी गायिका हमको दूर दूर तक दिखाई नहीं देती जिसे आने वाले कल की स्वर साम्राज्ञी कहा जा सके। आज भी नहीं छू सका कोई लता जी का शिखर।
स्वर कोकिला, स्वर साम्राज्ञी लता मंगेशकर के उससे पहले के 60 वर्ष का ‘सिंगिंग करियर’ देखें तो इतना शानदार और सुहाना सफ़र अन्य किसी गायिका का नहीं रहा। यदि फिल्मों में पार्श्व गायन की लम्बी पारी की भी बात करें तो उनका मुकाबला सिर्फ और सिर्फ अपनी छोटी बहन आशा भोंसले से रहा है। यहां तक लता मंगेशकर के पूरे करियर में भी यदि कोई उनका मजबूत प्रतिद्वंदी रहा है तो वह भी आशा भोंसले रही हैं।
आशा भोंसले भी अपनी लता दीदी की तरह एक बेमिसाल गायिका हैं। जबकि कुछ लोग यह भी मानते रहे हैं कि कुछ एक दो ख़ास किस्म के मद मस्त गीतों में जिस तरह के अंदाज़, जिस तरह की रंग आशा भोंसले भरती रही हैं, वैसा शायद लता भी नहीं कर सकतीं।लेकिन यह भी सच है कि कुल मिलाकार लता मंगेशकर जैसी गायिका इस देश में ही नहीं, इस धरती पर भी कोई और नहीं है। आशा भोंसले करोड़ों को अपनी मादक आवाज़ से दीवाना बनाने का दमख़म रखने और कई बड़े शिखर छूने के बाद भी लता मंगेशकर के सामने, अपने जीवन में ही नहीं, गायिका के रूप में भी उनकी छोटी बहन हैं।
बहुतों ने किया दूसरी लता बनने–बनाने का दावा
सच तो यह है कि पिछले 70 बरसों में कोई भी और गायिका लता मंगेशकर के शिखर को नहीं छू सकी है। अब जबकि लता इतने बरसों से पार्श्व गायन से दूर हैं, तब भी कोई ऐसी गायिका हमको दूर दूर तक दिखाई नहीं देती जिसे आने वाले कल की स्वर साम्राज्ञी कहा जा सके। फिर लता ने 20 भाषाओँ में लगभग 30 हज़ार गीत गाकर भी जिस क्षितिज को छुआ है, वह भी उन्हें सबसे आगे ले जाता है।हालांकि इतने बरसों में एक से एक खूबसूरत गायिका फिल्म संगीत की दुनिया में आई। कुछ संगीतकारों ने तो लता का विशाल साम्राज्य देख दूसरी लता बनाने के बहुत से दावे ठोके। यहां तक ओ पी नय्यर और आर डी बर्मन जैसे दिग्गज संगीतकारों ने तो आशा भोंसले को उनसे आगे ले जाने के हर संभव प्रयास किए। साथ ही इन बरसों में सुमन कल्यानपुर, कविता कृष्णमूर्ति, हेम लता, सुषमा श्रेष्ठ, अनुराधा पोडवाल, सपना मुखर्जी, अलका याज्ञनिक, सुनिधि चौहान और श्रेया घोषाल जैसी कई अच्छी गायिकाओं ने अपने सुरों का अच्छा जादू चलाया लेकिन लता मंगेशकर के शिखर तो पहुंचना तो दूर, इनमें से कुछ गायिकाएं तो कुछ दूर आगे बढ़कर कहां खो गई, यह तक पता नहीं चला। हाल के बरसों में भी कई अच्छी नई गायिकाएं फिल्म संगीत में आई हैं लेकिन उनमें भी अभी तक किसी ने ऐसे संकेत नहीं दिए, जिससे लगे कि यह गायिका बहुत आगे तक जाएगी, लता जैसा बनेगी।
यह देखकर गीतकार जावेद अख्तर की वह बात याद आती है कि एक सूरज है, एक चाँद है और लता मंगेशकर भी एक है। एक रेशमी पाजेब के झनकार के सदके। वाह ! क्या गायकी है।
प्रस्तुति : त्रिभुवनेश भारद्वाज