रॉक और डिस्को से रू-ब-रू कराकर पूरे देश को अपनी धुनों पर थिरकाने वाले मशहूर संगीतकार, गायक, अभिनेता बप्पी लाहिड़ी का निधन, फिल्म इंडस्ट्रीज में शोक

🔲 गायन, संगीत के साथ ही स्वर्ण के थे शौकीन

🔲 मात्र 3 वर्ष की उम्र से शुरू कर दिया था तबला बजाना

🔲 एसडी बर्मन बने उनके प्रेरणा गुरु

हरमुद्दा
बुधवार, 16 फरवरी। मशहूर संगीतकार, गायक और अभिनेता बप्पी लहरी का बुधवार तड़के निधन हो गया। वे 69 वर्ष के थे। श्री लाहिड़ी के निधन से फिल्म इंडस्ट्रीज में शोक है। रॉक और डिस्को से रू-ब-रू कराकर पूरे देश को अपनी धुनों पर थिरकाने वाले मशहूर संगीतकार और गायक बप्पी लाहिड़ी ने कई बड़ी छोटी फिल्‍मों में काम किया है।

पारिवारिक सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार श्री लाहिड़ी कुछ दिनों से अस्वस्थ थे और अस्पताल में उपचार चल रहा था। बप्‍पी लाहिड़ी जिनका असली नाम अलोकेश लाहिड़ी है। उनका जन्‍म 27 नवंबर 1952 को जलपाईगुड़ी पश्चिम बंगाल में हुआ था। इनके पिता का नाम अपरेश लाहिड़ी तथा मां का नाम बन्‍सारी लाहिड़ी है। विवाह 1977 में हुआ। गायक-संगीतकार के परिवार में उनकी पत्नी चित्रानी लाहिड़ी, बच्चे बप्पा लाहिड़ीरीमा लाहिड़ी, पोता या नाती स्वास्टिक बंसल है।

3 वर्ष की उम्र में शुरू कर दिया सब तबला बजाना

बप्‍पी लाहिड़ी ने मात्र तीन वर्ष की आयु में ही तबला बजाना शुरू कर दिया था जिसे बाद में उनके पिता के द्वारा और भी गुर सिखाए गए। बॉलीवुड को रॉक और डिस्को से रू-ब-रू कराकर पूरे देश को अपनी धुनों पर थिरकाने वाले मशहूर संगीतकार और गायक बप्पी लाहिड़ी ने कई बड़ी छोटी फिल्‍मों में काम किया है। बप्पी दा ने 80 के दशक में बालीवुड को यादगार गानों की सौगात दे कर अपनी पहचान बनाई।

एसडी बर्मन बने उनकी प्रेरणा

महज 17 साल की उम्र से ही बप्पी संगीतकार बनना चाहते थे और उनकी प्रेरणा बने एसडी बर्मन। बप्पी टीनएज में एसडी बर्मन के गानों को सुना करते और उन्हें रियाज किया करते थे। जिस दौर में लोग रोमांटिक संगीत सुनना पसंद करते थे, उस वक्त बप्पी ने बॉलीवुड में ‘डिस्को डांस’ को इंट्रोड्यूस करवाया। उन्हें अपना पहला अवसर एक बंगाली फ़िल्म, दादू (1972) और पहली हिंदी फ़िल्म नन्हा शिकारी (1973) में मिला जिसके लिए उन्होंने संगीत दिया था। जिस फ़िल्म ने उन्हें बॉलीवुड में स्थापित किया, वह ताहिर हुसैन की हिंदी फ़िल्म ज़ख़्मी (1975) थी, जिसके लिए उन्होंने संगीत की रचना की और पार्श्व गायक के रूप में दोगुनी कमाई की। इस फिल्म ने उन्हें प्रसिद्धि की ऊंचाइयों पर पहुंचाया।1980 और 1990 के दशक में वर्दत, डिस्को डांसर, नमक हलाल, शराबी, डांस डांस, कमांडो, साहेब, गैंग लीडर, सैलाब जैसे फिल्मी साउंडट्रैक के साथ लोकप्रिय हुए थे।



फिल्म दर फिल्म सफलता की बुलंदियों पर

हिंदी फिल्म उद्योग में एक नए युग को आगे लाए। इसके बाद तो वे फिल्‍म दर फिल्‍म बुलंदियों को छूते गए और बॉलीवुड में अपना नाम बड़े कलाकार के रूप में प्रतिष्ठित किया। बप्‍पी लाहिड़ी प्रसिध्‍द गायक होने के साथ म्‍यूजिक डायरेक्‍टर, अभिनेता एवं रिकॉर्ड प्रोड्यूसर भी थे।

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