वेब पोर्टल हरमुद्दा डॉट कॉम में समाचार भेजने के लिए हमें harmudda@gmail.com पर ईमेल करे नाविक के लालच की नाव पलटी : 35 लोगों की जान आई सांसत में, लोगों ने बचाया -

नाविक के लालच की नाव पलटी : 35 लोगों की जान आई सांसत में, लोगों ने बचाया

1 min read

 किनारे पर नाव लग गई थी और पलट गई

 घटना की सूचना मिलते ही तत्काल पहुंचा पुलिस बल

हरमुद्दा
सतना, 15 मार्च। नाविक के लालच की नाव पलट गई। नतीजतन 35 लोग डूब गए। घाट पर मौजूद गोताखोर, तैराक सहित अन्य लोगों की मदद से बचाया गया। खास बात तो यह है कि नाव भी किनारे पर आकर पलटी खा गई। धर्मालुओं की सच्ची श्रद्धा भक्ति का ही परिणाम रहा कि किसी की जान नहीं गई।

मिली जानकारी के अनुसार सतना जिले के नयागांव थाना अंतर्गत चित्रकूट के भरत घाट पर आज हादसा हो गया। यहां 35 श्रद्धालुओं से भरी नाव अचानक पलट गई जिसमें सभी लोग मंदाकिनी नदी में गिरने लगे। आनन-फानन में स्थानीय नाविकों और गोताखोर व तैराक पानी में कूदे और सभी की जान बचाई। हादसा सुबह लगभग 11 बजे उस वक्त हुआ जब श्रद्धालु नाव से भरत घाट पर उतरने वाले थे और घाट के किनारे ही थे। जिस जगह नाव पलटी वहां पानी की गहराई सात से आठ फीट ही थी जिसके कारण हादसा बड़ा नहीं हुआ किसी की जान नहीं गई।

तत्काल पहुंचा पुलिस बल

घाट पर मौजूद पुलिस लोगों से जानकारी लेते हुए

हादसे की सूचना पाकर तुरंत नयागांव थाना प्रभारी संतोष तिवारी के साथ पुलिस बल भी मौके पर पहुंचा। दरअसल हादसे वाली जगह से मात्र 100 मीटर की दूरी पर थाना है जिसके कारण हादसा होते ही पुलिस बल घटनास्थल पहुंच गया और सभी मदद में जुट गए और सभी श्रद्धालुओं को बाहर निकाल लिया गया। सभी श्रद्धालु महाराष्ट्र से चित्रकूट दर्शन के लिए आए थे और मंगलवार सुबह से ही रामघाट, भरतघाट घूमने के लिए पहुंचे थे।

नाव में संख्या अधिक थी लोगों की

प्रारंभिक जानकारी अनुसार हादसे की प्रमुख वजह नाव का असंतुलित होना बताया गया है। इसमें 35 यात्री सवार थे जबकि नाव की क्षमता इतने लोगों को सहने की नहीं थी। आठ फीट गहरे पानी में सभी श्रद्धालु गिर गए। सभी को पुलिस ने स्थानीय लोगों, नाविकों की मदद से सुरक्षित बाहर निकाल लिया।

चलती है 100 से अधिक नाव

दरअसल चित्रकूट में मंदाकिनी नदी कई स्थानों से होकर गुजरती है जिसमें सबसे अधिक गहराई रामघाट और भरत घाट की ही है जहां देश भर से श्रद्धालु पहुंचते हैं और नौकाविहार का आनंद भी लेते हैं। चित्रकूट में 100 से अधिक नाव चलती हैं जिसके कारण समय-समय पर नाविकों को श्रद्धालुओं की सुरक्षा के निर्देश दिए जाते हैं लेकिन कुछ नाविक अधिक से अधिक लाभ कमाने के चक्कर में क्षमता से अधिक श्रद्धालुओं को नाव में बैठा लेते हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *